हिरण्याक्ष
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (सितंबर 2021) स्रोत खोजें: "हिरण्याक्ष" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
हिरण्याक्ष एक असुर (दैत्य) था जिसका वध वाराह अवतारी विष्णु ने किया था। हिरण्यकशिपु उसका बड़ा भाई था। विष्णुपुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार दैत्यों के आदिपुरुष कश्यप और उनकी पत्नी दिति के दो पुत्र हुए। बड़े पुत्र का नाम था हिरण्यकश्यप और छोटे पुत्र का नाम था हिरण्याक्ष। हिरण्याक्ष माता धरती को रसातल में ले गया था जिसकी रक्षा के लिए आदि नारायण भगवान विष्णु ने वाराह अवतार लिया, कहते हैं वाराह अवतार का जन्म ब्रह्मा जी के नाक से हुआ था । कुछ मान्यताओं के अनुसार यह भी कहा जाता है कि हिरण्याक्ष और वाराह अवतार में कई वर्षों तक युद्ध चला। क्योंकि जो दैत्य स्वयं धरती को रसातल में ले जा सकता है आप सोचिए उसकी शक्ति कितनी होगी? फिर वाराह अवतार के द्वारा अपने नखों द्वारा उसके वक्ष को भेद दिया जिससे उसका अंत हुआ।
हिरण्याक्ष | |
---|---|
कहानी में जानकारी | |
परिवार | प्रजापति कश्यप (पिता) , दिति (माता) , वज्रांगासुर (बड़ा भाई) , हिरण्यकशिपु (बड़ा भाई) , हयग्रीवासुर (बड़ा भाई) , धूम्रलोचन (छोटा भाई) , रक्तबीज (छोटा भाई) , मूर , अरुणासुर (बड़ा भाई) , दम्भासुर (छोटा भाई) , होलिका (छोटी बहिन) और मरुत (छोटे भाई) |
जीवनसाथी | रूसभानु |
बच्चे | कालनेमी, अन्धक (औरस पुत्र) |
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |