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Hi Jose,

You have asked Mr. Amitprabahakr to translate some paragraphs into Hindi. Perhaps I can help you in this matter. I have translated those paragraphs which is as under:

अपने जीभ से बोलती हुई पवित्र आत्माओं का स्वागत करना स्वर्गलोक में उत्तराधिकार प्राप्त करने की प्रतिभूति है।

चरण धोने का संस्कार प्रभु ईशु से सम्बंधित होने की योग्यता प्रदान करती है। यह इस बात का स्मरण कराने का कार्य भी करती है कि हर किसी के पास प्रेम, पवित्रता, नम्रता, क्षमाशीलता तथा सेवाभाव के गुण होने चाहिये। उस प्रत्येक व्यक्ति को जिसे कि बपतिस्मा जल की प्राप्ति हुई हो प्रभु ईशु के नाम पर चरण अवश्य धोने चाहिये। दृढ़ संकल्प के साथ परस्पर चरण धोने का अभ्यास किया जा सकता है।

विश्राम दिवस, सप्ताह का सातवाँ दिन (शनिवार), पवित्र दिन होता है जिसे कि ईश्वर की पवित्रता तथा आशीर्वाद प्राप्त है। इस दिन को ईश्वर कृति (संसार) से मुक्ति पाने के लिये प्रभु के आशीर्वाद एवं जीवन में शाश्वत विश्राम प्राप्त करने की आशा के रूप में देखना चाहिये।

Hope that this will help you.

जी.के. अवधिया

Thanks for your comments Jose.

जी.के. अवधिया

Water baptism is the sacrament for the remission of sins and for regeneration. The baptism must take place in natural living water, such as the river, sea, or spring. The Baptist, whom already has had received baptism of water and the Holy Spirit, conducts the baptism in the name of the Lord Jesus Christ. And the person receiving the baptism must be completely immersed in water with head bowed and face downward".

- "जल से शुद्धिकरण अपराधों से क्षमा तथा पुनर्जीवन के लिए है । शुद्धिकरण प्राकृतिक जल में ही होना चाहिए, जैसे कि नदी, सागर या झरने में । जिसका शुद्धिकरण जल तथा पवित्र आत्मा के साथ हो चुका है, यह संस्कार भगवान यीशु के नाम से करेगा । जिसका शुद्धिकरण हो रहा हो उसे जल में पूर्णतया समाना होगा तथा वह सामने की ओर नतमस्तक होगा ।"


"The Holy Communion is the sacrament to commemorate the death of the Lord Jesus Christ. It enables us to partake of the flesh and blood of our Lord and to be in communion with Him so that we can have eternal life and be raised on the Last Day. This sacrament should be held as often as possible. Only one unleavened bread and grape juice is used".

- "पवित्र समागम भगवान यीशु की मृत्यु की याद में मनाया जाता है । यह हमें अपने ईश्वर के अंग बनने की क्षमता प्रदान करता है, ताकि हमारा जीवन अनन्तकाल तक बना रहे और क़यामत के दिन हमारी आत्मा परलौकिक हो जाय । यह संस्कार जितनी अधिक आवृति के साथ संभव हो, होना चाहिए तथा केवल खमीररहित रोटी तथा अंगूर का रस ही प्रयुक्त होना चाहिए ।"

This is your latest requested translation. I appreciate that you didn't add this message but removed your earlier one and then posted one. I also appreciate your help proposal in Chinese and Taiwanese if I need. I'll definitely ask you for one if I do so. These days I am bit busy searching for jobs. I will be sorry if I don't reply to you promptly in near future.

Amitprabhakar ०२:०६, ८ दिसम्बर २००६ (UTC)


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01:57, 18 मार्च 2015 (UTC)