डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’ समकालीन हिंदी साहित्य के चमकते सितारे हैं, जो व्यंग्य, बाल साहित्य और काव्य के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय पहचान बना चुके हैं। तेलंगाना सरकार के लिए प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक की 55 पुस्तकों के लेखन, संपादन और समन्वय में उनके योगदान ने शिक्षा जगत में एक नई क्रांति लाई है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अमूल्य कार्यों के ऑनलाइन संस्करणों का संपादन हो या साहित्य आजतक चैनल पर 'शिक्षक की मौत'[1] जैसे व्यंग्य लेख, जिसे आठ लाख से अधिक पाठकों और दर्शकों का प्यार मिला, उनकी रचनात्मकता ने हर जगह गहरी छाप छोड़ी है। तेलंगाना हिंदी अकादमी द्वारा नवयुवा रचनाकार सम्मान (मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के करकमलों से), व्यंग्य यात्रा का रवींद्रनाथ त्यागी सोपान सम्मान (साहित्य के दिग्गजों सूर्यबाला जी, प्रेम जनमेजय जी, प्रताप सहगल जी, और कमल किशोर गोयनका जी के हाथों), साहित्य सृजन सम्मान (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से), जैसे कई प्रतिष्ठित सम्मानों से विभूषित डॉ. मिश्रा ने हिंदी साहित्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।[2][3][4] इनके व्यंग्य पाठकों के दिलों में गहराई तक उतर जाते हैं। उनकी लेखनी में व्यंग्य की पैनी धार और भावनाओं की मिठास, दोनों का अद्भुत मेल है, जो उन्हें आज के समय का सबसे प्रभावशाली साहित्यकार बनाता है।[5][6]
  1. https://www.facebook.com/watch/?ref=search&v=926984122052871&external_log_id=abe1c3d3-47a7-4887-bae0-f85c417426f5&q=sahitya%20aajtak%2FDr.%20Suresh%20Kumar%20Mishra
  2. https://m.sahityakunj.net/lekhak/suresh-kumar-mishra-urtript
  3. https://vishwahindidb.com/show_scholar.aspx?id=695
  4. https://bharatdarshan.co.nz/author-profile/240/dr-suresh-kumar-mishra.html
  5. https://www.youtube.com/watch?v=xOOAXZcT-bk
  6. https://www.youtube.com/watch?v=amJhmVNIct8