अंतरिक्ष उड़ान (Spaceflight) अंतरिक्ष में गुज़रने वाली प्रक्षेपिक उड़ान होती है। अंतरिक्ष उड़ान में अंतरिक्ष यानों का प्रयोग होता है, जो मानव-सहित या मानव-रहित हो सकते हैं। मानवीय अंतरिक्ष उड़ान में अमेरिकी द्वारा करी गई अपोलो चंद्र यात्रा कार्यक्रम और सोवियत संघ (और उसके अंत के बाद रूस) द्वारा संचालित सोयूज़ कार्यक्रम शामिल हैं। मानव-रहित अंतरिक्ष उड़ान में पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा करते सैंकड़ो उपग्रह तथा पृथ्वी की कक्षा छोड़कर अन्य ग्रहों, क्षुद्रग्रहों व उपग्रहों की ओर जाने वाले भारत के मंगलयान जैसे अंतरिक्ष शोध यान शामिल हैं।
This is a composite of images taken of Pluto and Charon during the fly-by of New Horizons on July 14, 2015. The image has been compiled so their relative positions and sizes are correct. Both images were taken by the Multispectral Visible Imaging Camera (MVIC) on the Ralph telescope experiment. The image of Pluto was taken from a distance of 150,000 मील (240,000 कि॰मी॰).
सार्क सैटेलाइट (SAARC Satellite) दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) क्षेत्र के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा प्रस्तावित भू-समकालिक संचार और मौसम विज्ञान उपग्रह है।[3] 2014 में नेपाल में आयोजित 18वें सार्क शिखर सम्मेलन के दौरान, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उपग्रह सार्क के सदस्य देशों की आवश्यकताओं की सेवा का विचार रखा।[4][5] जो उनकी पड़ोस पहली नीति का हिस्सा था।[6]
हालांकि उपग्रह सार्क क्षेत्र में सेवा करने का इरादा है। पाकिस्तान कार्यक्रम से बाहर निकल गया, जबकि अफगानिस्तान और बांग्लादेश ने अपनी वचनबद्धता देने का वायदा नहीं किया है।
ज़हाइ ज़हीगांग (Zhai Zhigang) चीन के अंतरिक्ष यात्री है। जिसे चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन द्वारा अंतरिक्ष में 2007 को भेजा गया था। ज़हाइ ज़हीगांग चीनी वायु सेना के लड़ाकू विमान पायलट भी है। ज़हाइ ज़हीगांग चीन के पहले ऐसे अंतरिक्ष यात्री है। जिसने अंतरिक्ष में वाहनोत्तर गतिविधि की। वह अपने अंतरिक्ष यान से करीब 22 मिनट बाहर अंतरिक्ष में रहे।