प्रौद्योगिकी, व्यावहारिक और औद्योगिक कलाओं और प्रयुक्त विज्ञानों से संबंधित अध्ययन या विज्ञान का समूह है। कई लोग तकनीकी और अभियान्त्रिकी शब्द एक दूसरे के लिये प्रयुक्त करते हैं। जो लोग प्रौद्योगिकी को व्यवसाय रूप में अपनाते है उन्हे अभियन्ता कहा जाता है। आदिकाल से मानव तकनीक का प्रयोग करता आ रहा है। आधुनिक सभ्यता के विकास में तकनीकी का बहुत बड़ा योगदान है। जो समाज या राष्ट्र तकनीकी रूप से सक्षम हैं वे सामरिक रूप से भी सबल होते हैं और देर-सबेर आर्थिक रूप से भी सबल बन जाते हैं।
ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिये कि अभियांत्रिकी का आरम्भ सैनिक अभियांत्रिकी से ही हुआ। इसके बाद सडकें, घर, दुर्ग, पुल आदि के निर्माण सम्बन्धी आवश्यकताओं और समस्याओं को हल करने के लिये सिविल अभियांत्रिकी का प्रादुर्भाव हुआ। औद्योगिक क्रान्ति के साथ-साथ यांत्रिक तकनीकी आयी। इसके बाद वैद्युत अभियांत्रिकी, रासायनिक प्रौद्योगिकी तथा अन्य प्रौद्योगिकियाँ आयीं। वर्तमान समय कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी का है। अधिक पढ़ें…
कार्ब्युरेटर (अंग्रेज़ी:carburetor या carburettor) एक ऐसी यांत्रिक युक्ति है जो आन्तरिक दहन इंजन के लिये हवा और द्रव ईंधन को मिश्रित करती है। इसका आविष्कार कार्ल बेन्ज़ ने सन 1885 के पहले किया था। बाद में 1886 में इसे पेटेंट भी कराया गया। कार्ल बेन्ज़ मर्सिडीज़ बेन्ज़ के संस्थापक हैं। इसका अधिक विकास हंगरी के अभियांत्रिक जैनोर सोएन्स्का और डोनैट बैन्की ने 1893 में किया था। बर्मिंघम, इंगलैंड के फ्रेड्रिक विलियम लैंकेस्टर ने कार्ब्युरेटर का परीक्षण कारों पर किया और १८९६ में उसने अपने भाई के साथ इंगलैंड की प्रथम पेट्रोल कार बनाई। इस कार में एक ही सिलिंडर ८ हॉर्स पावर (४ किलोवॉट) का अन्तर्दहन इंजन चेन ड्राइव के संग लगा था। अगले ही वर्ष उन्होंने इसे दो क्षैतिज विरोधक सिलिंडरों सहित नये कार्ब्युरेटर डिज़ाइन के साथ निकाला। इस प्रतिरूप ने वर्ष १९०० में १००० मील (१६०० कि.मी.) की दूरी निर्विघ्न तय की।
कार्ब्युरेटर शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द कार्ब्योर से हुई है, जिसका अर्थ है कार्बाइड। ईंधन रासायनिकी के अनुसार, कार्ब्युरेटर ईंधन में कार्बन की मात्रा को वाष्पशील हाइड्रोकार्बन से क्रिया करने के बाद बढ़ाता है। सामान्यतः यह ईंधन को हवा में मिश्रित करने का काम करता है। १९८० के कुछ वर्षों बाद तक यह युक्ति ईंधन के दहन की प्राथमिक युक्ति हुआ करती थी, किंतु फ्यूअल इंजेक्शन प्रणाली के आने और बढ़ते प्रयोग के कारण कार्ब्युरेटर का प्रयोग काफी कम हुआ है। फिर भी मोटरसाइकिल आदि में इसका प्रयोग आज भी होता है। अधिक पढ़ें…
प्रभुलाल भटनागर, (८ अगस्त, १९१२ - ५ अक्तूबर, १९७६) विश्वप्रसिद्ध भारतीयगणितज्ञ थे। इन्हें गणित के लैटिस-बोल्ट्ज़मैन मैथड में प्रयोग किये गए भटनागर-ग्रॉस-क्रूक (बी.जी.के) कोलीज़न मॉडल के लिये जाना जाता है। इनका जन्म कोटा, राजस्थान में ८ अगस्त, १९१२ को हुआ थ, जहां इनके पिता महाराजा के दरबार में उच्च-पदासीन थे। इनका शोध कार्य १९३७ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रारंभ हुआ जहां ये १९३९ तक रहे। वहां इन्होंने गणित व भौतिकी में प्रयुक्त फ़ोरियर श्रेणी एवं एलाइड श्रेणी पर डॉ॰बेनी प्रसाद के संग कार्य किये। इनके शोध कार्य एरिक काम्के की पुस्तक में प्रकाशित हुए। इन्हें २६ जनवरी, १९६८ को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। प्रो.भटनागर के १३९ शोध-पत्र अन्तर्राष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हुए थे। उनके १०० से अधिक प्रचलित लेख एवं दर्जन से अधिक पुस्तकें भी निकली हैं। इनके अन्तर्गत २९ छात्रों ने पी.एचडी का शोध पूर्ण किया है। विस्तार में...
... कि वर्तमान में विश्व की सबसे तेज़ कार्यरत रेलगाड़ी शंघाई मैग्लेव एकमात्र उच्च गति की रेलगाड़ी है जो चुंबक द्वारा पटरी से उपर उठ कर उन्ही चुंबकों द्वारा गति प्राप्त करती है?
... कि जापानी भाषा में सुज़ुकी हायाबुसा नामक मोटरसाइकिल के नाम का अर्थ पैराग्राइन बाज (बहरी) है जो 300 किमी/घंटा से अधिक गति से गोता लगा सकता है?
... कि मी ऐट द ज़ू यूट्यूब पर अपलोड किया गया पहला वीडियो है?
... ग्लूकोमीटर के प्रयोग से मधुमेह रोगी अपने घर पर ही स्वयं बिना किसी की सहायता के नियमित अंतराल में रक्त-शर्करा की जांच स्वयं ही कर सकते हैं।
... कि पनामा नहर पर यातायात संचालन आरम्भ हुये सौ वर्ष से अधिक समय हो चुका है।
... वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोपभारत के पुणे शहर से 80 किलोमीटर उत्तर में खोडाड नामक स्थान पर स्थित रेडियो दूरबीनों की विश्व की सबसे विशाल सारणी है।
... कि अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर क्लॉड शैनन(चित्रित) को "सूचना सिद्धांत का पिता" माना जाता है।