नाडोल
नाडोल राजस्थान के पाली जिले की देसूरी तहसील का एक नगर है। यहाँ स्थित आशापुरा माता के मंदिर में देशभर से श्रद्धालु आते हैं।
नाडोल | |
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Census town | |
Country | भारत |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | पाली |
तालुका एस | देसूरी |
शासन | |
• सभा | ग्राम पंचायत |
ऊँचाई | 309 मी (1,014 फीट) |
जनसंख्या (2001) | |
• कुल | 9,020 |
Languages | |
• Official | हिन्दी, मारवाड़ी |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
पिन | 306603 |
टेलीफोन कोड | 02934 |
वाहन पंजीकरण | RJ-22 |
लिंग अनुपात | 1033 ♂/♀ |
लोकसभा constituency | पाली (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) |
Vidhan Sabha constituency | बाली |
नागरिक एजेंसी | ग्राम पंचायत |
Avg. annual temperature | 30 °से. (86 °फ़ै) |
Avg. summer temperature | 44 °से. (111 °फ़ै) |
Avg. winter temperature | 05 °से. (41 °फ़ै) |
वेबसाइट | www.naadol.page.tl |
जनसांख्यिकी
संपादित करें२००१ की भारतीय जनगणना के अनुसार नाडोल की जनसंख्या ९,०२० है जिसमें ४,४३७ पुरुष और ४,५८३ महिलाएं है।[1]
इतिहास
संपादित करेंनाडोल को मूल रूप से नादुला कहा जाता था। 10 वीं -12 वीं शताब्दी के दौरान शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में नादुला के चौहमान (वर्नाकुलर किंवदंतियों में नाडोल के चौहान कहलाते हैं)। उनके संस्थापक थे लक्ष्मण शाकंभरी चरणमान के एक राजकुमार थे। उन्होंने नाडोल में एक रियासत की नक्काशी की, जबकि उनके भाई सिम्हाराजा ने पैतृक सिंहासन पर चढ़ाई की।[2] जयतासिम्हा घुरिड्स से पराजित होने तक उनके वंशजों पर नाडोल का शासन था। बाद में, जालोर चमन राजा उदयसिम्हा (जयसिम के एक रिश्तेदार) ने नाडोल पर कब्जा कर लिया।[3]क्षेत्र दिल्ली सल्तनत के बाद अलाउद्दीन खिलजी ने उदयसिंह के वंशज कान्हड़देव को हराया।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ नाडोल की जनसंख्या अभिगमन तिथि: १७ जनवरी २०१७
- ↑ R. B. Singh 1964, पृ॰प॰ 233-234.
- ↑ R. B. Singh 1964, पृ॰ 264.
ग्रंथ सूची
संपादित करें- Singh, R. B. (1964). History of the Chāhamānas. N. Kishore. मूल से 23 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जनवरी 2017.