नवल किशोर शर्मा
आत्मीय जन में 'बाऊजी' कहे जाने वाले नवल किशोर शर्मा (जन्म : दौसा, 5 जुलाई 1925 -निधन : 8 अक्टूबर 2012) एक प्रबंध-कुशल अजातशत्रु भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने अपने छात्र जीवन के दौरान स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भाग लिया। इन्होनें पांच बार संसदीय चुनाव जीता पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जुलाई 2004 से जुलाई 2009 तक गुजरात राज्य के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया । [1]
संक्षिप्त जीवनी
संपादित करेंकांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पण्डित नवल किशोर शर्मा ने राजनीति में लम्बी पारी खेली थी। उनका राजनीति के साथ खादी उद्योग के विकास में भी बड़ा योगदान माना जाता है। पण्डित नवल किशोर शर्मा का जन्म दौसा में 5 जुलाई 1925 को हुआ था। उनके पिता का नाम मूलचन्द शर्मा एवं मां का नाम मुन्नी देवी शर्मा था।[2] उन्होंने बी.ए.,एवं LL.B. महाराजा कॉलेज, जयपुर और आगरा विश्वविद्यालय, आगरा में उच्च शिक्षा प्राप्त की । हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग (उत्तर प्रदेश) से इन्होने साहित्य-विशारद भी किया [3] इनके दो पुत्र हुए ।वे राजनीति के शुरुआती दौर में दौसा नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गए । वहीं दौसा पंचायत समिति में प्रधान पद पर भी निर्वाचित हुए । इसके बाद पण्डित जी ने सांसद से मंत्री व गुजरात के राज्यपाल पद तक की कुर्सी को सम्भाला। राजनीतिक जानकारों के अनुसार पण्डित नवल किशोर शर्मा ने अपने कैरियर की शुरुआत दौसा में वकालत के साथ शुरू की थी। इसके बाद उन्होंने लगभग संयोग से राजनीति में भी कदम रखा और राजनीति की लम्बी पारी खेलते चले गए। कांग्रेस में दिल्ली में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती थी। वे चेयरमैन व प्रधान पद के बाद विधायक, सांसद, केन्द्रीय मंत्री एवं गुजरात के राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन हुए। वे दौसा, अलवर व जयपुर ग्रामीण से 5वीं, 7वीं, 8वीं व 11वीं लोकसभा में सांसद चुने गए। कांग्रेस में वे राष्ट्रीय नेताओं में शुमार थे। जीवन में जय-पराजय दोनों का स्वाद चखने वाले पंडित जी १९९१ की भाजपा लहर के चलते चुनाव हार गए थे| [4] पण्डित नवल किशोर शर्मा ने अपने इन्जीनियर पुत्र बृजकिशोर शर्मा को राजनीति के गुर सिखाए और उनको जयपुर शहर की एक सीट से विधानसभाचुनाव लड़ाया और जिता कर उनको अशोक गहलोत की सरकार में शिक्षामंत्री बनवा दिया।[5]
उनके द्वारा संभाले गए पद
संपादित करें1951-56 अध्यक्ष, नगर परिषद, दौसा 1961-65 प्रधान, पंचायत समिति 1968 लोकसभा के लिए चुने गए (चौथी लोकसभा ) 1971 लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित (पांचवीं लोकसभा ) 1971-72 सचिव, कांग्रेस संसदीय दल 1972-73 और सदस्य, हाउस कमेटी 1980-81 1972-73 अध्यक्ष, सार्वजनिक उपक्रम समिति 1972-74 अध्यक्ष, कंपनी (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त चयन समिति 1974-77 संयुक्त सचिव, ए.आई.सी.सी. 1980 तीसरी बार लोकसभा (सातवीं लोकसभा ) के लिए चुने गए 1980-82 अध्यक्ष, आई.एन.टी.यू.सी., राजस्थान 1982-85 अध्यक्ष, पीसीसी, राजस्थान 1984 चौथी बार लोकसभा (आठवीं) के लिए चुने गए नवंबर-दिसंबर.1984 केंद्रीय राज्य मंत्री, वित्त दिसंबर 1984- केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), सितम्बर 1985 पेट्रोलियम सितंबर 1985- केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), जनवरी 1986 पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस 1986-87 और सचिव, ए.आई.सी.सी. 1992-94 1996 पांचवीं बार लोकसभा (ग्यारहवीं लोकसभा ) के लिए चुने गए
साहित्यिक, कलात्मक और वैज्ञानिक उपलब्धियां
पंडित जी 'सोशलिस्ट इंडिया' और 'सोशलिस्ट भारत' के संपादक; स्तंभकार रहे |[6]
दौसा की खादी का आज पूरे देश में नाम है। यहां के बुने कपड़े का 1947 में आजादी के समय दिल्ली के लालकिले पर झण्डा लहराया था वह दौसा में ही बना था। [7] दौसा की खादी में पण्डित नवल किशोर शर्मा ने बड़ा योगदान दिया था। वे 40-50 वर्षों से भी अधिक समय से खादी आंदोलन सहकारी आंदोलन, आदिवासी कल्याण के विकास और रचनात्मक कार्यों से जुड़े हुए थे । वे खासकर ग्रामीण युवाओं की बेरोजगारी की समस्या से चिंतित रहते थे और खादी संस्थाओं के माध्यम से ग्रामीण कारीगरों और ग्रामीण युवाओं को कुटीर उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते रहे रहे । । वह उद्योग मंदिर, आमेर के संचालक-मंडल के सक्रिय सदस्य भी रहे । यही कारण है कि खादी बाग में उनकी याद में हर वर्ष पुण्यतिथि मनाई जाती है।
राजनेता के रूप में
संपादित करेंगुजरात राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्ति से पहले, वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के महासचिव थे | वह राजस्थान विधानसभा 1998 से 2003 तक सदस्य और अध्यक्ष भी रहे [8] वह 1985 में कांग्रेस सरकार में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री थे। संसद सदस्य के रूप में, उन्होंने पूरे भारत और विदेश में असाधारण यात्राएं कीं : रूस, यू के, यू एस ए, अर्जेंटीना, ब्राजील, वियतनाम, युगांडा, मिस्र, ग्रीस, स्पेन, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, मॉरीशस, चीन, दक्षिण अफ्रीकी देशों- क्यूबा, हंगरी , स्विट्जरलैंड, जर्मनी सहित दुनिया के विभिन्न देशों का दौरा किया। उन्होंने यूनेस्को द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में नॉर्वे में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में भाग लिया और स्वीडन और डेनमार्क का दौरा भी किया।
साहित्यिक, सामाजिक और अन्य उपलब्धियां
संपादित करें• महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय, वाराणसी द्वारा 1998 में गांधीवादी विचारधारा और रचनात्मक कार्यों के लिए मानद डी'लिट की उपाधि से सम्मानित।
• लगभग तीन वर्षों तक गांधी स्मृति (राजघाट) के सचिव के रूप में काम ।
• राजस्थान ग्रामीण विद्युतीकरण निगम, सरकार के बोर्ड के सदस्य।
• राजस्थान स्वर्ण जयंती समारोह समिति में प्रकाशन-समिति के अध्यक्ष ।
सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ
संपादित करें• आदिवासी लोगों का उत्थान और अस्पृश्यता का उन्मूलन।
• देश के अंदर और बाहर रहने वाले अनिवासी राजस्थानियों के लिए सम्मेलन का आयोजन।
• स्वर्ण जयंती समारोह मनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों कवि सम्मेलन और मुशायरा आदि का आयोजन और अनेक ग्रंथों के प्रकाशन में सहयोग ।
विशेष रुचि के क्षेत्र
संपादित करेंउन्हें भारतीय संस्कृति और इसके विकास और संस्कृत भाषा में गहरी दिलचस्पी थी । सक्रिय राजनीति से लगभग विदा लेने के बाद पंडित जी को अशोक गहलोत की सरकार ने जिस महत्वपूर्ण समिति का भार सौंपा वह था : राजस्थान स्वर्ण जयंती महोत्सव समिति की प्रकाशन-समिति का अध्यक्ष पद | इस उच्च स्तरीय समिति के सदस्य थे- भूतपूर्व मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर, जाने माने स्वाधीनता सेनानी सूरज प्रकाश 'पापा', प्रसिद्ध पत्रकार सीताराम झालानी, विद्वान भूतपूर्व आई ए एस अधिकारी लक्ष्मीचंद गुप्ता, कन्हैयालाल कोचर और हेमन्त शेष, जो इस समिति के सदस्य-सचिव बनाये गए ! पंडित जी के आदेश पर सूरज प्रकाश 'पापा' ने हेमन्त शेष के साथ पोर्ट ब्लेयर में पड़ाव डालते हुए अंडमान की प्रख्यात सेल्युलर जेल का कई दिन तक गहन अध्ययन किया और यहाँ से एक संग्रहालय और पुस्तकों के लिए इतिहास-सामग्री जुटाई | अध्यक्ष नवल किशोर जी ने बाद में इस समिति के माध्यम से राजस्थान के स्वाधीनता सेनानियों और आज़ादी की लड़ाई के इतिहास को पुस्तकों और ग्रंथों के रूप में विशेषज्ञों से लिखवा कर प्रकाशित करना अपना पूर्णकालिक लक्ष्य बनाया और सौ से भी ज्यादा पुस्तकें मौलिक तौर पर लोगों से लिखवा कर छपवाईं | राजस्थान को यह उनका एक और ऐतिहासिक सारस्वत योगदान कहा गया है |
निधन
संपादित करेंपंडित नवल किशोर शर्मा का 8 अक्टूबर, 2012 को जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में रात 11:15 बजे निधन हुआ । 88 वर्षीय शर्मा कई दिनों से बीमार थे। [9] पूरे राजकीय सम्मान से उनका अंतिम संस्कार हुआ और उस दिन राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया ।[10] अंतिम विदाई देने के लिए खास से लेकर आम आदमी तक उमड़ पड़े। अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई देने के लिए जयपुर, दौसा, अलवर, सवाई माधोपुर, करौली सहित कई जिलों से नेता और आम कार्यकर्ता भी पहुंचे। गुजरात के विधानसभा अध्यक्ष गणपत भाई वसावा और कर्नाटक के राज्यपाल रहे तत्कालीन वजू भाई वित्त मंत्री गुजरात वजु भाईवाला, ओएसडी बाबूलाल निर्झर नवलकिशोर शर्मा की अंतिम यात्रा में शरीक हुए। सोनिया गांधी की ओर से मुकुल वासनिक ने और यूपी के राज्यपाल [बी एल जोशी]] और हरियाणा के राज्यपाल [[जगन्नाथ पहाडिय़ा] की ओर से पुष्पचक्र अर्पित किए। श्रद्धांजलि : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक, ,सी पी जोशी, भंवर जितेंद्रसिंह, नमोनारायण मीणा, महादेव खंडेला, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान, प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया, नरपत सिंह राजवी, पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह सहित राजस्थान के करीब सभी मंत्री, कांग्रेस और भाजपा के पदाधिकारी श्रद्धांजलि देने वालों या शवयात्रा में शामिल थे।[11]उनके निधन के तीन दिन बाद की बैठक में विरोधी राजनैतिक पार्टी भाजपा के होते हुए भी गुजरात के भूतपूर्व मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी तक भी जयपुर आये |[12]
दौसा में उनसे जुड़ी कई यादें
दौसा में सरकारी कॉलेज पण्डित नवल किशोर शर्मा के नाम से है। [13] उनकी याद में दौसा के गुप्तेश्वर रोड पर सामुदायिक भवन बनाया गया है, इसमें उनकी प्रतिमा भी लगी हुई है।। उनके नाम का एक उद्यान, कुछ सरकारी विद्यालय भी दौसा में हैं। एक और बड़ा अंग्रेजी स्कूल पंडित जी की याद में दौसा में बना है! [14] जयपुर में आगरा रोड पर दौसा जाने वाले एक चौराहे का नाम नवल जी के नाम पर नवल किशोर शर्मा सर्किल रखा गया है|
सन्दर्भ
संपादित करें^ "नवल किशोर शर्मा ने गुजरात के राज्यपाल-भारत के रूप में शपथ ली" । टाइम्स ऑफ इंडिया से संग्रहीत मूल 14 अक्टूबर 2012 ^ ए बी सी डी "गवर्नर: सरकार" । 2 मार्च 2007 को मूल से संग्रहीत । टाइम्स ऑफ इंडिया 24 फरवरी 2007 ^ "द ट्रिब्यून, चंडीगढ़, भारत - मुख्य समाचार" । 30 सितंबर 2007
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- ↑ टाइम्स ऑफ इंडिया 14 अक्टूबर 2012
- ↑ https://www.newstracklive.com/news/pandit-naval-kishor-sharma-1167299-1.html
- ↑ http://loksabhaph.nic.in/writereaddata/biodata_1_12/1961.htm
- ↑ https://books.google.co.in/books?id=AiptePRXZcsC&pg=PA332&lpg=PA332&dq=%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A4%B2+%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8B%E0%A4%B0+%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE&source=bl&ots=VDGoN8x9BV&sig=ACfU3U0cY-JMIM8V8EwDTOn1yWbPFQvSoA&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwiV2NPeraT2AhW5SGwGHa-qDso4WhDoAXoECAkQAw
- ↑ https://www.patrika.com/dausa-news/pt-nawal-kishore-sharma-has-a-big-contribution-in-khadi-with-politics-5193511/
- ↑ https://hi.imanpedia.com/754219-nawal-kishore-sharma-IFQUCP[मृत कड़ियाँ]
- ↑ https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/dausa/news/the-tricolor-of-dausa-khadi-was-hoisted-at-the-red-fort-in-1947-today-the-buyers-feel-sorry-for-the-decline-in-sales-after-corona-128983005.html#:~:text=%E0%A4%89%E0%A4%B8%E0%A5%80%20%E0%A4%96%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A5%80%20%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%20%E0%A4%AA%E0%A4%B0%20%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%87,%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%95%E0%A4%AA%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%BE%20%E0%A4%A4%E0%A5%88%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0%20%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%87%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A5%A4
- ↑ टाइम्स ऑफ इंडिया 5 अक्टूबर 2018
- ↑ https://www.bhaskar.com/news/RAJ-JAI-pt-senior-leader-and-former-governor-nawal-kishore-sharma-died7-3896166.html
- ↑ http://udaipurnews.in/tag/naval-kishore-sharma-udaipur/
- ↑ https://brahminpatrika.blogspot.com/2012/10/blog-post_9.html?m=1
- ↑ https://www.narendramodi.in/cm-visits-jaipur-pays-tributes-to-shri-naval-kishore-sharma-4815
- ↑ https://www.university.youth4work.com/hi/spnksgpgc_sw-pandit-nawal-kishore-sharma-government-pg-college/student-profile
- ↑ https://www.facebook.com/pages/category/School/Pt-Nawal-Kishore-Sharma-School-102731597939941/
- ↑ https://www.jagranjosh.com/current-affairs/%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%9C%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B2-%E0%A4%8F%E0%A4%B5%E0%A4%82-%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5-%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF-%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8B%E0%A4%B0-%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%A8-1349958933-2
- ↑ http://www.ashokgehlot.in/Programpreview.aspx?ProgramID=2559
- ↑ https://cityliveindia.com/India/Jharkhand/Dhanbad/Article?CL=Congress-leader-Nawal-Kishore-remember-111105
- ↑ https://www.wikidata.org/wiki/Q2723451