थार मरुस्थल

भारत और पाकिस्तान एक शुष्क व मरुस्थल क्षेत्र
(थार से अनुप्रेषित)

थार मरुस्थल (Thar Desert), जो महान भारतीय मरुस्थल (Great Indian Desert) भी कहलाता है, भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तरी भाग में विस्तारित एक शुष्क व मरुस्थल क्षेत्र है। यह भारत और पाकिस्तान में 200,000 किमी2 (77,000 वर्ग मील) पर विस्तारित है। यह विश्व का 17वाँ सबसे बड़ा मरुस्थल है और 9वाँ सबसे बड़ा गरम उपोष्णकटिबन्धीय मरुस्थल है। थार का 85% भाग भारत और 15% भाग पाकिस्तान में है।[2]

थार मरुस्थल
Thar Desert
राजस्थान में थार
थार मरुस्थल का मानचित्र
पारिस्थितिकी
जैवभूक्षेत्रइंडोमलायन
बायोममरुस्थल और शुष्क क्षुपभूमि
सीमाएँपश्चिमोत्तरी कांटेदार क्षुपभूमि और कच्छ का रण
भूगोल
क्षेत्रफल238,254 कि॰मी2 (91,990 वर्ग मील)
देश भारत और  पाकिस्तान
भारत के राज्य व पाकिस्तान के प्रान्तराजस्थान, गुजरात और हरियाणा
निर्देशांक27°N 71°E / 27°N 71°E / 27; 71निर्देशांक: 27°N 71°E / 27°N 71°E / 27; 71
संरक्षण
संरक्षित41,833 किमी² (18%)[1]
थार मरुस्थल का दृष्य

थार का 85% भाग भारत में आता है। भारत के अनुसार थार के मरुस्थल का राजस्थान मे विस्तार 62% है और राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 61.11% भाग मरुस्थल से घिरा हुआ है। जिनमे राजस्थान के चुरू,हनुमानगढ़,बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर,बाड़मेर , हालांकि यह मरुस्थल गुजरात, और पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में भी फैला हुआ है।[3] पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में थार चोलिस्तान में विस्तारित है। थार का पश्चिमी भाग मरुस्थली कहलाता है और बहुत शुष्क है, जबकि पूर्वी भाग में कभी-कभी हलकी वर्षा हो जाती है और कम रेत के टीले पाए जाते हैं।[4] अरावली पहाड़ी के पश्चिमी किनारे पर थार मरुस्थल स्थित है। यह मरुस्थल बालू के टिब्बों से ढँका हुआ एक तरंगित मैदान है। राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी के लेखक हरि मोहन सक्सेना के अनुसार थार का मरुस्थल भारत मे केवल राजस्थान मै फैला था

थार मरुस्थल अद्भुत है। गर्मियों में यहां की रेत उबलती है। इस मरुभूमि में 52 डिग्री सेल्शियस तक तापमान रिकार्ड किया गया है। जबकि सर्दियों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है। जिसका मुख्य कारण हैं यहाँ की बालू रेत जो जल्दी गर्म और जल्दी ठंडी हो जाती है। गरमियों में मरुस्थल की तेज गर्म हवाएं चलती है जिन्हें "लू" कहते हैं तथा रेत के टीलों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती हैं और टीलों को नई आकृतियां प्रदान करती हैं। गर्मी ऋतु में यहां पर तेज आंधियां चलती है जो रेत के बड़े-बड़े टीलों को दूसरे स्थानों पर धकेल देती है जिससे यहां मरुस्थलीकरण की समस्या बढ़ती जाती है।

  जन-जीवन के नाम पर मरुस्थल में मीलों दूर कोई-कोई गांव मिलता है। थार के मरुस्थल में अगर कोई शहर विकसित हुआ है तो वह शहर जोधपुर शहर है यहां हिंदू एवम मुसलमान धर्म के लोग ही निवास करते हैं प्रकृति की मार को सहन करते हुए भी यहां पर कुछ जातियां समृद्धि के चरम को छू रही है उदाहरण के लिए गुर्जर समाज इस समाज के लोगों ने यहां पर खूब तरक्की की है यहां बिश्नोई समाज के लोग वन एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए पाए जाते हैं । थार के मरुस्थल में रहने वाले लोग वीर एवं साहसी होते हैं लोगों में देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी होती है पशुपालन यहां का मुख्य व्यवसाय है पशुओं में गाय बैल भैंस बकरी भेड़ घोड़े गधे इत्यादि जानवरों को पाला जाता है मुख्य रूप से यहाँ ऊंट पाले जाते है

मरू समारोह

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लौहयुगीन वैदिक भारत में थार मरुस्थल की स्थिति (नारंगी रंग में)
 
थार की सुंदरता

राजस्थान में मरू समारोह (फरवरी में) - फरवरी में पूर्णमासी के दिन पड़ने वाला एक मनोहर समारोह है। तीन दिन तक चलने वाले इस समारोह में प्रदेश की समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है।

प्रसिद्ध गैर व अग्नि नर्तक इस समारोह का मुख्य आकर्षण होते है। पगड़ी बांधने व मरू श्री की प्रतियोगिताएं समारोह के उत्साह को दुगना कर देती है। सम बालु के टीलों की यात्रा पर समापन होता है, वहां ऊंट की सवारी का आनंद उठा सकते हैं और पूर्णमासी की चांदनी रात में टीलों की सुरम्य पृष्ठभूमि में लोक कलाकारों का उत्कृष्ट कार्यक्रम होता है। वर्तमान में थार kr राजा महाराजा महारावल चैतन्यराज सिंह जी है जो की प्रजा प्रेमी है।

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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  1. Eric Dinerstein, David Olson, et al. (2017). An Ecoregion-Based Approach to Protecting Half the Terrestrial Realm, BioScience, Volume 67, Issue 6, June 2017, Pages 534–545; Supplemental material 2 table S1b. [1]
  2. Sinha, R. K., Bhatia, S., & Vishnoi, R. (1996). "Desertification control and rangeland management in the Thar desert of India". RALA Report No. 200: 115–123.
  3. Sharma, K. K. and S. P. Mehra (2009). "The Thar of Rajasthan (India): Ecology and Conservation of a Desert Ecosystem". Chapter 1 in: Sivaperuman, C., Baqri, Q. H., Ramaswamy, G., & Naseema, M. (eds.) Faunal ecology and conservation of the Great Indian Desert. Springer, Berlin Heidelberg.
  4. Sharma, K. K., S. Kulshreshtha, A. R. Rahmani (2013). Faunal Heritage of Rajasthan, India: General Background and Ecology of Vertebrates. Springer Science & Business Media, New York.