यह सूची भिन्न प्रकार के उन सभी कणों की है जो ज्ञात हैं अथवा उनकी उपस्थिति सैद्धान्तिक रूप से दी गई है और यह माना जाता है कि पूरा ब्रह्माण्ड इन्हीं कणों से बना हुआ है। विभिन्न प्रकार के विशिष्ट कणों की सूची के लिए नीचे दिये गए विभिन्न पृष्ठों को देखें।

मूल कण उन कणों को कहते हैं जिनकी आन्तरिक सरंचना प्रेक्षणिय नहीं होती अर्थात ये अन्य कणों द्वारा मिलकर नहीं बनते। ये प्रमात्रा क्षेत्र सिद्धान्त के मूल आधार होते हैं। मूलकणों के विभिन्न परिवार और उप-परिवार विद्यमान हैं। मूलकणों को उनके प्रचक्रण के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है। फर्मिऑन का प्रचक्रण अर्धपूर्णांक होता है और बोसोनों का प्रचक्रण पूर्णगुणज होता है। मानक मॉडल में उल्लिखीत सभी कणों को प्रायोगिक रूप से प्रेक्षित किया जा चुका है जिसमें अन्तिम कण के रूप में हिग्स बोसॉन की खोज हुई।[1][2]

फर्मिऑन मूल कणों की दो श्रेणियों में से एक है, अन्य श्रेणी बोसॉन है। फर्मिऑन कण उन कणों को कहा जाता है जो फर्मी डिराक सांख्यिकी द्वारा वर्णित किये जाते हैं और जिनकी क्वांटम संख्या पाउली अपवर्जन नियम द्वारा निर्धारित होती है। इसमें क्वार्क और लेप्टॉन तथा इनके द्वारा निर्मित कोई भी संयुक्त कण जो इनकी विषम संख्याओं से मिलकर बना हो शामिल हैं, जैसे बेरियोन और विभिन्न परमाणुओं के नाभिक।

फर्मिऑनों का प्रचक्रण पूर्णांक का अर्ध-गुणज होता है; सभी ज्ञात मूलकणों का प्रचक्रण 12 है। सभी ज्ञात फर्मिऑन डिरैक फर्मिऑन हैं; जिनमें सभी ज्ञात कणों के लिए भिन्न प्रति-कण होता है। अभी तक के प्रेक्षणों में यह ज्ञात नहीं है कि न्यूट्रिनो डिरैक फर्मिऑन है अथवा मायोराना फर्मिऑन[3]

क्वार्क हैड्रॉनों के मूलभूत घटक होते हैं और इनकी अन्योन्य क्रिया प्रबल अन्योन्य क्रिया होती है। ज्ञात आवेशित कणों में केवल क्वार्क ही ऐसे कण हैं जिनपर आवेश का मान भिन्नात्मक होता है लेकिन वो स्वतंत्र अवस्था में नहीं पाये जाते और तीन का समूह (बेरियोन) अथवा दो (क्वार्क, प्रति-क्वार्क) के समूह (मेसोन) के रूप में पाये जाते हैं। अतः प्रकृति में केवल पूर्णांक आवेश ही प्रेक्षित किया जा सकता है। इनके प्रतिकण प्रति-क्वार्क होते हैं जो केवल आवेश के ऋणात्मक मान के रूप में इनसे भिन्न होते हैं। अभी तक प्रेक्षित कणों में छः भिन्न प्रकार के क्वार्क होते हैं जिनमें से तीन धनात्मक आवेशित होते हैं जबकि अन्य तीन पर आवेश ऋणात्मक होता है।

क्वार्क
नाम प्रतीक प्रति-कण आवेश
(e)
द्रव्यमान (MeV/c2)
अप u u +23 1.5–3.3
डाउन d d 13 3.5–6.0
चार्म c c +23 1,160–1,340
स्ट्रेंज s s 13 70–130
टॉप t t +23 169,100–173,300
बॉटम b b 13 4,130–4,370

लेप्टोन प्रबल अन्योन्य क्रिया में भाग नहीं लेते। इनके प्रतिकण प्रति-लेप्टॉन होते हैं जिनकी लेप्टॉन संख्या और आवेश इनके विपरीत होता है। इलेक्ट्रॉन के प्रतिकण को ऐतिहासिक कारणों से पोजीट्रॉन कहते हैं। कण भौतिकी के मानक मॉडल के अनुसार कुल छः प्रकार के लेप्टॉन होते हैं जिनमें से तीन आवेशित लेप्टॉन होते हैं जिन्हें इलेक्ट्रॉन-सदृश लेप्टॉन कहते हैं तथा अन्य तीन लेप्टॉन आवेशरहित होते हैं जिन्हें न्यूट्रिनो कहते हैं।

लेप्टॉन
नाम प्रतीक प्रतिकण आवेश
(e)
द्रव्यमान (MeV/c2)
इलेक्ट्रॉन e e+ −1 0.511
इलेक्ट्रॉन न्यूट्रिनो ν
e
ν
e
0 < 0.000 0022
म्यूऑन μ μ+ −1 105.7
म्यूऑन न्यूट्रिनो ν
μ
ν
μ
0 < 0.170
टाऊ τ τ+ −1 1,777
टाऊ न्यूट्रिनो ν
τ
ν
τ
0 < 15.5

बोसॉन मूलभूत कणों के प्रकार में एक तरह के कण हैं जो फर्मिऑनों से भिन्न हैं। बोसॉन उन कणों को कहा जाता है जो बोस-आइंस्टीन सांख्यिकी का पालन करते हैं और पूर्णांक प्रचक्रण रखते हैं। बोसॉन मूलकण हो सकते हैं जैसे: फोटोन, ग्लुओन आदि अथवा सम्मिश्र कण जैसे मेसॉन

प्रकृति के सभी मूलभूत बल गेज बोसॉनों द्वारा व्यवहित होते हैं और द्रव्यमान हिग्स क्षेत्र द्वारा निर्मित माना जाता है। मानक मॉडल के अनुसार मूल बोसॉन निम्न हैं:

नाम प्रतीक प्रतिकण आवेश (e) प्रचक्रण द्रव्यमान (GeV/c2) व्यवहित अन्योन्य क्रिया अस्तित्व
फोटोन γ स्वयं 0 1 0 विद्युत्चुम्बकत्व पुष्ट
W बोसॉन W W+ −1 1 80.4 दुर्बल अन्योन्य क्रिया पुष्ट
Z बोसॉन Z स्वयं 0 1 91.2 दुर्बल अन्योन्य क्रिया पुष्ट
ग्लुओन g स्वयं 0 1 0 प्रबल अन्योन्य क्रिया पुष्ट
हिग्स बोसॉन H0 स्वयं 0 0 125.3 द्रव्यमान पुष्ट
ग्रैविटॉन G स्वयं 0 2 0 गुरुत्वाकर्षण अपुष्ट

परिकल्पित कण

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अति-सममितिय सिद्धान्तों के अनुसार कुछ ओर भी कण मौजूद हैं जिनमें से एक भी २०१४ तक प्रेक्षित नहीं किया गया:

सुपरपार्टनर (एस-कण)
सुपरपार्टनर का सुपरपार्टनर प्रचक्रण टिप्पणी
न्यूट्र्लिनो उदासीन बोसॉन 12 न्यूट्र्लिनो उदासीन मानक मॉडल बोसॉनों: उदासीन हिग्स बोसॉन, Z बोसॉन और फोटोन के सुपरपार्टनर कणों का अध्यारोपण है।
सबसे हल्का न्यूट्र्लिनो डार्क मैटर के लिए उत्तरदायी उम्मीदवार है।
एमएसएसएम में 4 न्यूट्र्लिनो पूर्वानुमानित हैं।
चार्जिनो आवेशित बोसॉन 12 चार्जिनो आवेशित बोसॉनों: आवेशित हिग्स बोसॉन और W बोसॉन के सुपरपार्टनर कणों का अध्यारोपण है।
एमएसएसएम में चार्जिनों के दो युग्म पूर्वानुमानित किये गये हैं।
फोटिनो फोटोन 12 ज़िनो और उदासीन हिग्सिनों का न्यूट्र्लिनों के साथ मिश्रण।
wino, zino W± और Z0 बोसॉन 12 The charged wino mixing with the charged Higgsino for चार्जिनो, for the zino see line above.
Higgsino हिग्स बोसॉन 0 For supersymmetry there is a need for several Higgs bosons, neutral and charged, according with their superpartners.
gluino gluon 12 Eight gluons and eight gluinos.
gravitino graviton 32 Predicted by Supergravity (SUGRA). The graviton is hypothetical, too – see next table.
sleptons leptons 0 The superpartners of the leptons (electron, muon, tau) and the neutrinos.
sneutrino neutrino 0 Introduced by many extensions of the Standard Supermodel, and may be needed to explain the LSND results.
A special role has the sterile sneutrino, the supersymmetric counterpart of the hypothetical right-handed neutrino, called sterile neutrino.
squarks quarks 0 The stop squark (superpartner of the top quark) is thought to have a low mass and is often the subject of experimental searches.

Note: Just as the photon, Z बोसॉन and W± bosons are superpositions of the B0, W0, W1, and W2 fields – the फोटिनो, zino, and wino± are superpositions of the bino0, wino0, wino1, and wino2 by definition.
No matter if one uses the original gauginos or this superpositions as a basis, the only predicted physical particles are न्यूट्र्लिनोs और चार्जिनोs as a superposition of them together with the Higgsinos.

Other theories predict the existence of additional bosons:

Other hypothetical bosons and fermions
Name Spin Notes
graviton 2 Has been proposed to mediate gravity in theories of quantum gravity.
graviscalar 0 Also known as radion.
graviphoton 1 Also known as gravivector.[4]
axion 0 A pseudoscalar particle introduced in Peccei–Quinn theory to solve the strong-CP problem.
axino 12 Superpartner of the axion. Forms, together with the saxion and axion, a supermultiplet in supersymmetric extensions of Peccei–Quinn theory.
saxion 0
branon ? Predicted in brane world models.
dilaton 0 Predicted in some string theories.
dilatino 12 Superpartner of the dilaton.
X and Y बोसॉन 1 These leptoquarks are predicted by GUT theories to be heavier equivalents of the W and Z.
W' and Z' बोसॉन 1
magnetic photon ? A. Salam (1966). "Magnetic monopole and two photon theories of C-violation". Physics Letters 22 (5): 683–684.
majoron 0 Predicted to understand neutrino masses by the seesaw mechanism.
majorana fermion 12 ; 32 ?... gluino, न्यूट्र्लिनो, or other – is its own antiparticle.
Chameleon particle 0 a possible candidate for dark energy and dark matter, and may contribute to cosmic inflation.

Mirror particles are predicted by theories that restore parity symmetry.

Magnetic monopole is a generic name for particles with non-zero magnetic charge. They are predicted by some GUTs.

Tachyon is a generic name for hypothetical particles that travel faster than the speed of light and have an imaginary rest mass.

Preons were suggested as subparticles of quarks and leptons, but modern collider experiments have all but ruled out their existence.

Kaluza–Klein towers of particles are predicted by some models of extra dimensions. The extra-dimensional momentum is manifested as extra mass in four-dimensional spacetime.

सम्मिश्र कण

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परमाणु नाभिक

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संघनित पदार्थ

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गति से वर्गीकरण

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इन्हें भी देखें

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  1. Observation of a new boson at a mass of 125 GeV with the CMS experiment at the LHC (2013). arXiv:1207.7235 Archived 2014-06-27 at the वेबैक मशीन.
  2. Observation of a new particle in the search for the Standard Model Higgs boson with the ATLAS detector at the LHC (2012). arXiv:1207.7214 Archived 2014-06-27 at the वेबैक मशीन.
  3. बी॰ कायसर, Two Questions About Neutrinos (न्यूट्रिनों के बारे में दो प्रश्न), arXiv:1012.4469v1 [hep-ph] (2010).
  4. R. Maartens (2004). Brane-World Gravity (PDF). Living Reviews in Relativity. 7. पृ॰ 7. मूल (PDF) से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 सितंबर 2014. Also available in web format at http://www.livingreviews.org/lrr-2004-7.