1971 तुरतुक की लड़ाई
तुरतुक की लड़ाई (अंग्रेज़ी: Battle of Turtuk) १९७१ भारत-पाक युद्ध के दौरान ८ से १४ दिसंबर तक लड़ी गयी थी। इस लड़ाई में तुरतुक लद्दाख, जिस पर १९४७ के युद्ध में पाकिस्तान ने कब्ज़ा किया था, लद्दाख स्काउट्स और नुब्रा गार्ड्स ने पुनः कब्जा कर के भारत के नियंत्रण में लाया।[1]
तुरतुक की लड़ाई | |||||||
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१९७१ का भारत-पाक युद्ध का भाग | |||||||
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योद्धा | |||||||
India | Pakistan | ||||||
सेनानायक | |||||||
मेजर जनरल एस.पी. मल्होत्रा कर्नल उदय सिंह मेजर चेवांग रिंचेन |
अनजान |
महत्त्व
संपादित करेंलड़ाई को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप भारत का पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर से ८०० वर्ग किलोमीटर पर कब्जा हो गया था और १९७१ के ऑपरेशन के दौरान पकड़े गए पश्चिमी क्षेत्र का सबसे बड़ा क्षेत्र था।[3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ Col Y Udaya Chandar (Retd). Independent India's All the Seven Wars. Notion Press. पृ॰ 402. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781948473224.
- ↑ "Defence of the Western Border - III". Indian Defence Review. 5 August 2011.
- ↑ Arpi, Claude (22 December 2011). "Have you heard about this Indian Hero?". Rediff news.