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खार्किव की एक सड़क पर भूखे किसान, 1933 में। पृष्ठभूमि में: ओज़ेरियनस्का त्सेरकवा।

होलोडोमोर को यूक्रेनी अकाल के नाम से भी जाना जाता है। यह सन् 1932 से 1933 तक सोवियत यूक्रेन में पड़ा एक बड़ा अकाल था जिसमें लाखों यूक्रेनियन मारे गए थे। होलोडोमोर 1930-1933 के वृहद् सोवियत अकाल का हिस्सा था। इसने सोवियत संघ के प्रमुख अनाज उत्पादक क्षेत्रों को प्रभावित किया था।

यूक्रेन सोवियत संघ के सबसे बड़े अनाज उत्पादक राज्यों में से एक था। 1930 में यूक्रेन को शेष सोवियत संघ की तुलना में उच्च अनाज कोटा देना पड़ता था। इसके कारण यूक्रेन को अकाल से भारी नुकसान हुआ। 2003 में 25 देशों द्वारा हस्ताक्षरित संयुक्त राष्ट्र के एक संयुक्त वक्तव्य में मृतकों की संख्या 7 से 10 मिलियन बताई गई। यूक्रेन पर अकाल का व्यापक प्रभाव आज भी कायम है। 1980 के दशक में मिखाइल गोर्बाचेव द्वारा शुरू किये गए ग्लासनोस्त काल तक सोवियत संघ में अकाल पर सार्वजनिक चर्चा पर प्रतिबंध रहा।[1] सन् 2006 से होलोडोमोर को यूक्रेन और 33 अन्य संयुक्त राष्ट्र सदस्य राज्यों, यूरोपीय संसद और संयुक्त राज्य अमेरिका के 50 में से 35 राज्यों तथा सोवियत सरकार ने यूक्रेनी लोगों के खिलाफ किए गए नरसंहार के रूप में चिह्नित किया। वर्ष 2008 में रूसी राज्य ड्यूमा ने आर्थिक और राजनीतिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए लोगों के जीवन की उपेक्षा करने के कारण सोवियत शासन की निंदा की।[2]

व्युत्पत्ति

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होलोडोमोर का यूक्रेनी भाषा में शाब्दिक अर्थ है "भूख से मौत" या "भूख से मारना" अथवा "भुखमरी से मारना"।[3]

इन्हें भी देखें

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  1. रोमन, सर्बिन (2005). Encyclopedia of Genocide and Crimes Against Humanity. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-02-865847-7.
  2. "वर्ल्डवाइड रिकॉग्नीशन ऑफ़ द होलोडोमोर एज़ जैनोसाइड". National Museum of the Holodomor-Genocide (अंग्रेज़ी में). 18 अक्टूबर 2019. अभिगमन तिथि 19 जनवरी 2025.
  3. ब्लॉग्ज़म, डोनल्ड; मोसेस, ए. दिर्क (15 अप्रैल 2010). "The Oxford Handbook of Genocide Studies" (अंग्रेज़ी में). OUP Oxford. पृ॰ 386. अभिगमन तिथि 19 जनवरी 2025.

बाहरी कड़ियाँ

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