हरिसिंह देव
हरिसिंह देव कर्नाट वंश के राजा थें, जिसने आधुनिक भारत और आधुनिक नेपाल के मिथिला क्षेत्र पर शासन किया था।[2]
हरिसिंह देव | |
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मिथिला नरेश | |
शासनावधि | 1295-1325 |
पूर्ववर्ती | शक्तिसिंह देव |
जन्म | सिमराँवगढ़[1] |
निधन | काठमांडू |
घराना | कर्नाट वंश |
पिता | शक्तिसिंह देव |
हरिसिंह देव ने 1295-1324 ई तक शासन किया था।[3]
वह मिथिला के कर्नाट वंश से संबंधित अंतिम राजा होने के लिए उल्लेखनीय थे। इस्लामिक आक्रमण के बाद उनका शासन समाप्त हो गया और उन्हें नेपाल की पहाड़ियों की ओर भागने को मजबूर होना पड़ा। उनके वंशज अंततः काठमांडू के मल्ल वंश के संस्थापक बने जो मैथिली भाषा के संरक्षक होने के लिए जाने जाते थें।[4]
विरासत
संपादित करेंमिथिला के इतिहास में हरिसिंह देव के शासनकाल को एक महत्वपूर्ण मोड़ माना गया है। उन्होंने कई सामाजिक परिवर्तन किए जैसे कि मैथिल ब्राह्मणों के लिए चार वर्ग प्रणाली की शुरूआत और पंजी व्यवस्था को विकसित किया।[5] माना जाता है कि उनका बहुत ही तूफानी राजनीतिक जीवन रहा था और उनके किलों के अवशेष आज भी सिम्रौनगढ़ में दिखाई देते हैं। उनके वंशजों ने अंततः नेपाल के मल्ल वंश की स्थापना की जिसने लगभग 300 वर्षों तक शासन किया।[6]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Regmi Research Series, Volume 4". पृ॰ 10. अभिगमन तिथि 7 January 2018.
- ↑ "Political Thinkers in Mithila". पृ॰ 192. मूल से 16 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 January 2018.
- ↑ "The Positive Background of Hindu Sociology: Introduction to Hindu Positivism". पृ॰ 514. मूल से 26 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 January 2018.
- ↑ "Nationalism and Ethnicity in a Hindu Kingdom: The Politics and Culture of Contemporary Nepal". पृ॰ 243. मूल से 26 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 January 2018.
- ↑ Jha, Makhan (8 January 1997). "Anthropology of Ancient Hindu Kingdoms: A Study in Civilizational Perspective". M.D. Publications Pvt. Ltd. मूल से 4 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 सितंबर 2019 – वाया Google Books.
- ↑ "DECLINE OF THE "KARNATAS" OF "MITHILA"": 79. JSTOR 44141053. Cite journal requires
|journal=
(मदद)