स्वच्छंद यौन संबंध यौन संबंध का वह रूप है जिसमें संभोग के लिए अपने साथियों के चयन में बिलकुल खुला रवय्या अपनाया जाता है। इसमें एक व्यक्ति द्वारा एक से अधिक व्यक्तियों से संभोग किया जाता है। [1] कई सभ्यताओं में इसे एक नैतिक समस्या के रूप में देखा जाता है। अनेक सभ्यताओं में स्वच्छंद यौन संबंध के उदाहरण के रूप में एक रात का साथ और इसकी प्रायिकता को देखा जाता है।[2]

एक साथ कई मूर्तियाँ जिनसे यह पता चलता है कि ज़ूलू राजा स्वच्छंद यौन संबंध के रोग से पीड़ित है।

विभिन्न सभ्यताओं में यौन संबंध के अंतर्गत शामिल होने वाले व्यवहारों को लेकर भिन्न राय मिलती है। एक ही समाज में स्त्री और पुरुष एवं विभिन्न सामाजिक स्तर के व्यक्तियों या वर्गों या जातियों के व्यक्तियों के लिए भी स्वच्छंद यौन संबंध के मानकों में अंतर मिलता है। नारीवादी पारम्परिक रूप से उल्लेखनीय दुहरे नैतिक सिद्धांतों का हवाला देती आई हैं कि किस प्रकार से पुरुषों और स्त्रियों के स्वच्छंद यौन संबंध को समाज तय करता है। ऐतिहासिक रूप से जहाँ ऐसे सम्बंधों में शामिल महिला को वेश्या, रखेल, आदि कहा गया है जबकि इस संबंध में शामिल पुरुष को खिलाड़ी, व्यभिचारी और प्रेमालापी कहा गया है। २००५ में किए गए एक अध्ययन में स्वच्छंद यौन संबंध में शामिल पुरुषों और स्त्रियों के प्रति समाज का रवय्या एक जैसा पाया गया था।[3]

स्वच्छंद यौन संबंध कई जानवरों की प्रजातियों में पाया गया है।

  1. "Promiscuous - definition of promiscuous by the Free Online Dictionary". The Free Dictionary. मूल से 27 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 सितम्बर 2013.
  2. "UK's most promiscuous city in 'one night stand' poll revealed". Metro.co.uk. Associated Newspapers Limited. मूल से 12 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 सितंबर 2018.
  3. Marks, Michael; Fraley, R. (2005). "The Sexual Double Standard: Fact or Fiction?". Sex Roles. 52 (3–4): 175–186. डीओआइ:10.1007/s11199-005-1293-5.