सॉनेट
सॉनेट एक काव्य शैली है। इसमें चौदह पंक्तियाँ होती हैं और इसमें एक निश्चित तुकांतता होती है। यह इतालवी शब्द सोनेटो से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'छोटा गीत'। इसकी उत्पत्ति 13वीं शताब्दी में सिसिली में हुई थी। सॉनेट को कई यूरोपीय-भाषा क्षेत्रों में अपने पहले प्रेम की अभिव्यक्ति के लिए मुख्य रूप से अपनाया गया।
परंपरा
संपादित करेंतेरहवीं सदी में फ्रॉ गुइत्तोन (Fra Guittone) ने सॉनेट्स की रचना की। वे सॉनेट के प्रणेता माने जाते हैं। बाद में इटली के पेट्रार्का (Fra Guittone) ने सॉनेट की रचना की। सॉनेट के लिए कई प्रयोग किए गए किन्तु गुइत्तोन के सॉनेट को ही आदर्श रुप माना गया। पेट्रार्का और दान्ते ने गुइत्तोनियाई सॉनेट में कुछ परिवर्तन किये। बाद में तासो (Tasso) और इटली के विभिन्न कवियों ने इस काव्य शैली को अपनाया और सॉनेट इटली की देन माना जाने लगा।
पीटर ड्रोनके ने टिप्पणी की कि सॉनेट के लचीले रूप में कुछ ऐसा अंतर्निहित था जिसने इसको इसके मूल क्षेत्र से कहीं आगे तक जीवित रहने में मदद की।[1] विलियम बेयर के अनुसार शुरुआती सिसिलियन सॉनेट की पहली आठ पंक्तियाँ स्ट्रैम्बोटो के नाम से जाने जाने वाले आठ-पंक्ति वाले सिसिलियाई लोकगीत छंद की तरह हैं। इसके अतिरिक्त हसनअली लधा[2] ने माना कि सिसिलियाई सॉनेट की संरचना और सामग्री अरबी कविता पर आधारित है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसंदर्भ
संपादित करें- ↑ पीटर, द्रोन्के (1968). द मिडिवल लिरिक. Hutchinson University Library. पृ॰ 151.
- ↑ "हस्सनली लधा : लिटरेचर, कल्चर्स, एंड लैंग्वेजेस". 22 जनवरी 2016. अभिगमन तिथि 16 जनवरी 2025.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- सिक्सटी-सिक्स: द जर्नल ऑफ़ सॉनेट स्टडीज
- "द सॉनेट" पर बीबीसी चर्चा रेडियो 4 कार्यक्रम इन आवर टाइम (ऑडियो, 45 मिनट)