सैफ़-उल-मुलूक झील
सैफ़-उल-मुलूक झील (अंग्रेज़ी: Lake Saiful Muluk, उर्दु: جھیل سیف الملوک) पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के मानसेहरा ज़िले की काग़ान घाटी में स्थित एक पर्वतीय झील है। यह समुद्रतल से ३,२२४ मीटर (१०,५७८ फ़ुट) की ऊँचाई पर वृक्षरेखा से भी अधिक ऊँचाई पर स्थित है, और पाकिस्तान की सबसे ऊँची झील है।[1]
स्थान | काग़ान वादी, मानसेहरा ज़िला, ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा |
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निर्देशांक | 34°52′37″N 73°41′40″E / 34.876957°N 73.694485°Eनिर्देशांक: 34°52′37″N 73°41′40″E / 34.876957°N 73.694485°E |
प्रकार | स्वच्छ पर्वतीय झील |
मुख्य अन्तर्वाह | बर्फ़ का पिघलाव |
मुख्य बहिर्वाह | कुनहार नदी |
सतही क्षेत्रफल | 2.75 कि॰मी2 (29,600,000 वर्ग फुट) |
सतही ऊँचाई | 3,224 मीटर (10,577 फीट) |
बस्तियाँ | नारान |
नामार्थ
संपादित करेंझील का नाम अरबी भाषा से लिया गया है। "सैफ़" का अर्थ "तलवार" होता है। "मलिक" का अर्थ "स्वामी" या "अधिपति" होता है, लेकिन यह "राजकुमार" का अर्थ भी रखता है। "मुलूक" इसी शब्द का बहुवचन है। झील के नाम का अर्थ "राजकुमारों की तलवार" है। स्थानीय लोक-मान्यता के अनुसार यह एक राजकुमार का नाम था जिसे झील में रहने वाली एक परी से प्रेम हो गया था।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Transhumant Grazing Systems in Temperate Asia," J. M. Suttie, Food & Agriculture Organization, 2003, ISBN 9789251049778