साँचा:आज का आलेख १६ फ़रवरी २०१०

सिंधु राक्षस, भारतीय नौसेना की शत्रु विनाशक पनडुब्बी
सिंधु राक्षस, भारतीय नौसेना की शत्रु विनाशक पनडुब्बी
पनडुब्बी एक प्रकार का बहुत बड़ा, मानव-सहित, आत्मनिर्भर जलयान (वॉटरक्राफ़्ट) है जो पानी के अन्दर रहकर काम कर सकता है। पनडुब्बियों के उपयोग ने विश्व का राजनैतिक मानचित्र बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पनडुब्बियों का सर्वाधिक उपयोग सेना में किया जाता रहा है और ये किसी भी देश की नौसेना का विशिष्ट हथियार बन गई हैं। यद्यपि पनडुब्बियाँ पहले भी बनायी गयीं थीं, किन्तु ये उन्नीसवीं शताब्दी में लोकप्रिय हुईं तथा सबसे पहले प्रथम विश्व युद्ध में इनका जमकर प्रयोग हुआ। विश्व की पहली पनडुब्बी एक डच वैज्ञानिक द्वारा सन १६०२ में और पहली सैनिक पनडुब्बी टर्टल १७७५ में बनाई गई। सन १६२० से लेकर अब तक पनडुब्बियों की तकनीक और निर्माण में आमूलचूल बदलाव आया। १९५० में परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बियों फिर समुद्री जल से आक्सीजन ग्रहण करने वाली पनडुब्बियों के आविष्कारों से पनडुब्बी निर्माण क्षेत्र में क्रांति आ गई।  विस्तार में...