सरिय्या अबू क़तादा बिन रबी अंसारी (ख़िज़रा)
सरिय्या हज़रत अबू क़तादा बिन रबी अंसारी रज़ि० (ख़िज़रा) या सरिय्या ख़िज़रा झड़प सैन्य अभियान मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के आदेश पर नवंबर 629 ईस्वी, और इस्लामी कैलेंडर के 8वें महीने 8 हिजरी में हुआ।
सरिय्या हज़रत अबू क़तादा बिन रबी अंसारी रज़ि०(ख़िज़रा) | |||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|
मुहम्मद की सैन्य उपलब्धियाँ का भाग | |||||||
| |||||||
सेनानायक | |||||||
अबू क़तादा बिन रबी अंसारी | अनजान | ||||||
शक्ति/क्षमता | |||||||
15 | अनजान | ||||||
मृत्यु एवं हानि | |||||||
0 | कुछ मारे गए, कुछ पकड़े गए |
अभियान
संपादित करेंइस्लाम के विद्वान सफिउर्रहमान मुबारकपुरी लिखते हैं कि इस झड़प की वजह यह थी कि नज्द के अंदर क़बीला मुहारिब के इलाके में ख़िज़रा नामी एक जगह पर बनू गतफ़ान सेना जमा कर रहे थे, इसलिए उन का सर कुचलने के लिए अल्लाह रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत अबू क़तादा बिन रबी अंसारी को पंद्रह आदमियों की टीम देकर रवाना किया। उन्होंने दुश्मन के कई आदमियों को कत्ल और क़ैद किया और ग़नीमत का माल भी हासिल किया। इस मुहिम में वह पंद्रह दिन मदीना से बाहर रहे। [5] [6]
इस अभियान के बाद, मुहम्मद की बढ़ती शक्ति के कारण, कई कबीलों ने अपनी निष्ठा को बदल दिया और इस्लाम में परिवर्तित हो गए। उनमें से थे: बानी दज़ोबियन, बानू फज़ारा, बानू मुर्रा के हाथ बनू एब्स। इब्न अबी अल-अवजा अल-सुलामी के अभियान में अपने अनुयायियों से लड़ने के बाद,बनू सुलेयम ने खुद को मुहम्मद को सौंप दिया, जहां अधिकांश मुसलमान और बनू सुलेयम जो एक दूसरे से लड़े थे, मारे गए थे। मदीना के आसपास के अधिकांश कबीलों ने भी मुहम्मद की सर्वोच्चता को मान्यता दी। [7]
सराया और ग़ज़वात
संपादित करेंइस्लामी शब्दावली में अरबी शब्द ग़ज़वा [8] इस्लाम के पैग़ंबर के उन अभियानों को कहते हैं जिन मुहिम या लड़ाईयों में उन्होंने शरीक होकर नेतृत्व किया,इसका बहुवचन है गज़वात, जिन मुहिम में किसी सहाबा को ज़िम्मेदार बनाकर भेजा और स्वयं नेतृत्व करते रहे उन अभियानों को सरियाह(सरिय्या) या सिरया कहते हैं, इसका बहुवचन सराया है।[9] [10]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ The sealed nectar, By S.R. Al-Mubarakpuri, Pg247 Author references Rahmat-ul-lil'alameen 2/233; Talqeeh Fuhoom Ahl Al-Athar p.33
- ↑ "Khadrah Campaign", Witness-Pioneer.com
- ↑ The sealed nectar, By S.R. Al-Mubarakpuri, Pg247 Author references Rahmat-ul-lil'alameen 2/233; Talqeeh Fuhoom Ahl Al-Athar p.33
- ↑ "Khadrah Campaign", Witness-Pioneer.com
- ↑ सफिउर्रहमान मुबारकपुरी, पुस्तक अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ). "सरिय्या ख़िज़रा (शअबान सन् 08 हि०)". पृ॰ 801. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2022.
- ↑ रहमतुल- लिल आलमीन 2 / 233, तलकाहुल-फुहूम 33
- ↑ "The Life of Mahomet and History of Islam to the Era of the Hegira". अभिगमन तिथि 17 December 2014.
- ↑ Ghazwa https://en.wiktionary.org/wiki/ghazwa
- ↑ siryah https://en.wiktionary.org/wiki/siryah#English
- ↑ ग़ज़वात और सराया की तफसील, पुस्तक: मर्दाने अरब, पृष्ट ६२] https://archive.org/details/mardane-arab-hindi-volume-no.-1/page/n32/mode/1up
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Ar-Raheeq Al-Makhtum|Ar Raheeq Al Makhtum– The Sealed Nectar (Biography Of The Noble Prophet) -First PRIZE WINNER BOOK Ar Raheeq Al Makhtum
- अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी), पैगंबर की जीवनी (प्रतियोगिता में प्रथम पुस्तक) अर्रहीकुल मख़तूम