सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम १८८२
सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम १८८२ (Transfer of Property Act 1882) भारत का एक अधिनियम है जो भारत के अन्दर सम्पत्तियों के अन्तरण (ट्रान्सफर) का नियमन करता है।
इसमें संपत्ति के अंतरण और इससे जुड़ी शर्तों के बारे में विशिष्ट प्रावधान हैं। यह 1 जुलाई 1882 को लागू हुआ। अधिनियम के अनुसार, 'संपत्ति के अंतरण' का अर्थ एक ऐसा कार्य है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति एक या एक से अधिक व्यक्तियों, या स्वयं और एक या एक से अधिक व्यक्तियों को संपत्ति प्रदान करता है। संपत्ति हस्तांतरण का कार्य वर्तमान या भविष्य के लिए किया जा सकता है। संपत्ति का ट्रांसफर एक व्यक्ति, कंपनी या एसोसिएशन या व्यक्तियों के समूह के द्वारा हो सकता है, और किसी भी प्रकार की संपत्ति को स्थानांतरित किया जा सकता है, जिसमें अचल संपत्ति का हस्तांतरण भी शामिल है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम १८८२ (गूगल पुस्तक ; उपकार विधि सीरीज ४)
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |