समय विस्फारण (time dilation) दो घड़ियों द्वारा आपेक्षिक वेग (विशिष्ट आपेक्षिकता) या उनके स्थान पर गुरुत्वीय विभव के अन्तर के कारण समय में मापा गया अन्तर है। जब तक स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट नहीं किया जाये समय विस्फारण आमतौर पर वेग के कारण माना जाता है।

एक प्रेक्षक और एक गतिमान घड़ी के मध्य परिवर्तित होने वाली दूरी के करण सिग्नल में आ रही देरी के प्रभाव को शामिल करने के बाद प्रेक्षक प्रेक्षित करता है कि घड़ी की में प्रेक्षित समय, स्थिर निर्देश तंत्र की घड़ी से धीमा है। इसके अतिरिक्त जो घड़ी किसी भारी पिंड के निकट होगी उसमें भारी पिंड से दूर स्थित घड़ी की तुलना में समय धीमा चलेगा।

आपेक्षिकता सिद्धांत के उन प्रागुक्त मानों की प्रायोगिक तौर पर बार-बार पुष्टि की गयी है। इसी तरह उपग्रह नौवहन प्रणाली एवं जीपीएस इसके प्रायोगिक अनुप्रयोग हैं। [1]

लॉरेंट्ज़ गुणज से समय विस्फारन की प्रागुक्ति 20वीं सदी में विभिन्न लेखकों द्वारा की गयी।[2][3] जोसेफ लार्मोर (1904) ने लिखा कि नाभिक के चारों तरफ चक्कर लगाने वालों का पथ स्थिर इलेक्ट्रोनों की तुलना में   के गुणक के रूप में कम होता है।[4] एमिल कोह्न (1904) ने इस सूत्र को विशेष रूप से घड़ी की दर से जोड़ा।[5] अल्बर्ट आइंस्टीन (1905) ने इसे विशिष्ट आपेक्षिकता से समझाया कि यह समय की प्रकृति है और वो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इसकी सममीति अथवा अन्योन्यता को सिद्ध किया।[6] इसके बाद हरमन मिन्कोवस्की (1907) ने स्थिर समय की अवधारणा को परिभाषित किया जिससे समय विस्फारण को और आगे समझा जा सका।[7]


आपेक्षिक वेग के कारण समय विस्फारण

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नीली घड़ी के स्थानीय संदर्भ फ्रेम से, लाल घड़ी, गति में होने के कारण धीमी गति से टिक-टिक करती हुई प्रतीत होती है। [8]
  1. अभय, नील (2003). "Relativity in the Global Positioning System" [वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली में आपेक्षिकता]. लिविंग रिव्यूज इन रिलेटीविटी. 6 (1): 16. PMID 28163638. डीओआइ:10.12942/lrr-2003-1. पी॰एम॰सी॰ 5253894. बिबकोड:2003LRR.....6....1A.
  2. मिलर, आर्थर आई॰; आइंस्टीन, अल्बर्ट (1981). Albert Einstein's special theory of relativity: emergence (1905) and early interpretation (1905 - 1911). Advanced book program. Reading, Mass.: एडिसन-विस्ली पब्लिकेशन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-201-04679-3.
  3. Séminaire Poincaré, संपा॰ (2006). Einstein, 1905-2005 (PDF). Progress in mathematical physics. Basel: Birkhäuser. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-7643-7435-8. डीओआइ:10.1007/3-7643-7436-5_1.
  4. लार्मोर, जोसेफ (1897). "On a Dynamical Theory of the Electric and Luminiferous Medium, Part 3, Relations with Material Media" . फिलोसोफिकल ट्रांजेक्शन्स ऑफ़ द रॉयल सोसाइटी. 190: 205–300. डीओआइ:10.1098/rsta.1897.0020. बिबकोड:1897RSPTA.190..205L.
  5. कोह्न, एमिल (1904), "Zur Elektrodynamik bewegter Systeme II" [On the Electrodynamics of Moving Systems II], Sitzungsberichte der Königlich Preussischen Akademie der Wissenschaften, 1904/2 (43), पपृ॰ 1404–1416
  6. आइंस्टीन, अल्बर्ट (1905). "Zur Elektrodynamik bewegter Körper". Annalen der Physik. 322 (10): 891–921. डीओआइ:10.1002/andp.19053221004. बिबकोड:1905AnP...322..891E.. इन्हें भी देखें: अंग्रेज़ी अनुवाद.
  7. मिंकोव्स्की, हरमन (1908) [1907], "Die Grundgleichungen für die elektromagnetischen Vorgänge in bewegten Körpern" [The Fundamental Equations for Electromagnetic Processes in Moving Bodies], Nachrichten von der Gesellschaft der Wissenschaften zu Göttingen, Mathematisch-Physikalische Klasse, पपृ॰ 53–111
  8. Hraskó, Péter (2011). Basic Relativity: An Introductory Essay (illustrated संस्करण). Springer Science & Business Media. पृ॰ 60. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-642-17810-8. Extract of page 60

बाहरी कड़ियाँ

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