सनोबर
सनोबर (अंग्रेज़ी: fir, फ़र) एक सदाबहार कोणधारी वृक्ष है जो दुनिया के उत्तरी गोलार्ध (हॅमिस्फ़ीयर) के पहाड़ी क्षेत्रों में मिलता है। इसकी ४५-५५ जातियाँ हैं और यह पायनेसीए नामक जीवैज्ञानिक कुल का सदस्य है। सनोबर १० से ८० मीटर (३० से २६० फ़ुट) तक के ऊँचे पेड़ होते हैं। इनके तीली जैसे पत्ते टहनी से जुड़ने वाली जगह पर एक मोटा गोला सा बनाते हैं जिस से आसानी से पहचाने जाते हैं। वनस्पति-विज्ञान की दृष्टि से इनका देवदार (सीडर) के वृक्ष के साथ गहरा सम्बन्ध है।[1] भारतीय उपमहाद्वीप में यह हिमालय के क्षेत्र में मिलते हैं।
सनोबर Fir | |
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कैलिफ़ोर्निया में एक लाल सनोबर का वृक्ष | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
विभाग: | कोणधारी (Pinophyta) |
वर्ग: | पिनोप्सिडा (Pinopsida) |
गण: | पायनालेज़ (Pinales) |
कुल: | पायनेसीए (Pinaceae) |
वंश: | एबीस (Abies) मिलर |
जातियाँ | |
४५-५५ ज्ञात जातियाँ |
फ़ारसी नाम से अंतर
संपादित करेंध्यान दीजिये कि 'सनोबर' फ़ारसी में प्रसरल (स्प्रूस) के पेड़ को कहते हैं जबकि हिन्दी में ऐसा नहीं है।
प्रयोग
संपादित करेंसनोबर की लकड़ी हलकी और नरम होने के कारण निर्माण के लिये इस्तेमाल कम होती है। इसकी बजाय इसे गूदकर इससे प्लायवुड आदि के फट्टे बनाए जाते हैं। पेड़ काटे जाने के बाद इस लकड़ी पर कीड़े आसानी से आक्रमण करके इसे छेद देते है और यह नमी का शिकार होकर ढह भी सकती है, इसलिए इसे घर से बाहर प्रयोग नहीं किया जा सकता, हालांकि घर के अंदर रखने वाली चीज़ें इसकी बन सकती हैं।[2] सनोबर का प्रयोग काग़ज़ बनाने के लिये भी बहुत होता है।[3]
भारतीय उपमहाद्वीप में सांस्कृतिक महत्व
संपादित करेंसनोबर के वृक्ष हिमपात के मौसम में भी हरे-भरे रहते हैं जबकि भारतीय उपमहाद्वीप के पहाड़ी क्षेत्रों में कई अन्य पेड़ पतझड़ के मौसम में अपने पत्ते खो देते हैं। इनके सर्दियों में भी स्थाई सौन्दर्य का कई रचनाओं में वर्णन मिलता है, मसलन हरिवंशराय बच्चन ने इनका बखान करते हुए लिखा:[4]
- पेड़ सनोबर के लगते हैं कुहरे में भी हरियाले,
- हिम की परतों के नीचे हैं बहते चमकीले नाले।
अपने पतले और ऊँचे आकार के लिये भी यह वृक्ष आकर्षक माना जाता है और आधुनिक काल में भारतीय उपमहाद्वीप में 'सनोबर' एक लड़कियों का नाम है। पहले ज़माने में यह पुरुषों का नाम भी हुआ करता था, मसलन 'गुल-सनोबर' की कथा में गुल लड़की का नाम था और सनोबर लड़के का - १९५३ में इस नाम की बनी हिन्दी फ़िल्म में शम्मी कपूर ने सनोबर का पात्र अदा किया था।[5]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Fir Trees, Theresa Greenaway, Steck-Vaughn Library, 1990, ISBN 978-0-8114-2727-2
- ↑ A Natural History of Conifers, Aljos Farjon, pp. 206, Timber Press, 2008, ISBN 9780881928693, ... The wood of firs is creamy white to pale brown and very similar in structure among the species. It is lightweight and relatively soft ...
- ↑ सचित्र विश्वकोश, डॉ॰ बालकृष्ण (सम्पादक), पृष्ठ १६, विज़न बुक्स (कश्मीरी गेट, नई दिल्ली), २००९, ISBN 978-81-7094-657-1, ... आज भी सबसे उत्तम प्राकार का कागज़ चिथड़ों से तैयार किया जाता है। लेकिन अब अधिकतर कागज़ देवदारू और सनोबर की लकड़ी से बनाया जाता है। ...
- ↑ बच्चन रचनावली, राजकमल प्रकाशन, १९८३
- ↑ Bollywood Yesterday-Today-Tomorrow Archived 2014-01-03 at the वेबैक मशीन, Ramesh Dawar, pp. 11, Star Publications, 2007, ISBN 9781905863013, ... Shamsher Raj alias 'Yahoo star' Shammi Kapoor ... debut film was director Mahesh Kaul's 'Jeevan Jyoti' in 1953 ... In the same year he acted in 'Gul Sanobar' with Shyama ...