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क्या आप जनते हैं

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  आपके द्वारा लिखें गए या काफी सुधारे गए लेख हिन्दू मापन प्रणाली के तथ्य को क्या आप जानते हैं? में २९ जून, २००८ को प्रदर्शित किया गया। अगर आपको हाल में बदले गए किसी लेख से कोई रोचक तथ्य पता है तो कृपया उसे "क्या आप जानते हैं?" संवाद पृष्ठ पर सुझाए।

--सुमित सिन्हावार्ता ०९:५७, २९ जून २००८ (UTC)

यह मुझसे भी सही नहीं हो रहा ,आप सदस्य:Mitul0520 से इस बारे मे पूछ कर देखें,शायद वे इसे सही कर पाएँ--सुमित सिन्हावार्ता ०९:०१, ८ जुलाई २००८ (UTC)

सर्वेक्षण

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नमस्ते आशीष,कृपया अपना ईमेल जाँचें--सुमित सिन्हावार्ता ०९:३१, १० जुलाई २००८ (UTC)

बहुत अच्छे :),मैने एक नई ईमेल भेजी है जरा देख लें--सुमित सिन्हावार्ता १२:५८, १० जुलाई २००८ (UTC)

हिन्दू संस्कारों पर लेख

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आशीष जी, आप हिन्दू संस्कारों पर लेख बना रहे हैं, बहुत ही अच्छी बात है, लेकिन ये लेख इस वेबसाइट के लेखों की कॉपी हैं-http://hindi.awgp.org/?gayatri/AWGP_Offers/parivar_nirman/sanskar/ । इस वेबसाइट पर कॉपीराइट सूचना नहीं है, लेकिन जरूरी नहीं कि ये कॉपी करने के लिए मुक्त हो। यदि आपने इस वेबसाइट के चालकों से अनुमति ले रखी है तो बताएँ। -- दाढ़ीकेश ०१:२७, १७ जुलाई २००८ (UTC) साथ ही, आपने अपने वार्ता पृष्ठ पर प्रबन्धकों की सूची में मेरा नाम भी डाल रखा है, जबकि मैं प्रबन्धक नहीं हूँ। सनद के लिये... -- दाढ़ीकेश ०१:२९, १७ जुलाई २००८ (UTC)

नमस्कार दाड़ीकेश जी! आप के अनुसार जो प्रबंधक्गण सांचा है, उसमें जो आपका नाम है, सच मानें, मैंने आपका नाम सभी स्थानों, और प्रशासनिक कार्यों इत्यादि में इतना देखा, पूर्णिमा जी से बात करते हुए भी इतन सुना, कि बहुत सी बतें, आपसे पूछूं... करके, इत्यादि, कि मैंने यह देखना ही आवश्यक नहीं समझा, कि आपका नाम प्रबंधकों की सूची में है भी या नहीं। मेरी कोई गलत मंशा नहीं थी। वरना मैंने अपना नाम भी तो डाला होता। असल में इस सांचे कीआवश्यकता तब पड़ती है, जब हम कोई सन्देश इत्यादि देख रहे होते हैं, और उसके नीचे हस्ताक्षरों में केवल नाम ही मिलता है, ना कि मेरे हस्ताक्षर जैसा।जिससे कि सीधे उसकी वार्ता पर चले जायें। तब मैंने यह सांच बनाया। और यह तो सही ही है, कि आपकी वार्ता का उपयोग काफ़ी पड़ता है। जो भी एक्टिव होगा, उसकी आवश्यकता तो होगी ही। हां, अभी मैंने सोचा है, कि इस सांचे में (जो कि मेरा बनायाहुआ ही है) मैं एक और शीस्षक डालूं, अन्य सदस्य करके, या आप ही सुझायें क्या नाम डालूं। जिसमें कि प्रबंधकों के अलावा अन्य आवश्यक नाम डाले जायें।
दूसरा, हिन्दू संस्कारों के विषय में, एक बात तो यह है, कि ये संस्कार सबके (हिन्दुओं) के लिये खुले हैं, किसी की निजी सम्पत्ति नहीं हैं, ऐसा सोचकर यह किया। दूसरा अभी मैं प्रयास करके लेखक या साइट प्रबन्धकों से अनुमति प्राप्ति प्रयास करता हूं। तीसरा, इनकी भाषा बदल दें तो... विषय पर तो किसी का कॉपीराइट नहीं है, ना ही मंत्रों पर। केवल पाठ्य और क्रम बदल दें तो चलेगा।--आशीष भटनागरसंदेश ०१:४७, १७ जुलाई २००८ (UTC)
मुझे प्रबन्धक कहलाने में कोई तकलीफ नहीं, आशीषजी। केवल बात साफ करने की बात है, किसी नए सदस्य को गलतफहमी न हो जाए बस इसलिए मैंने कहा। सांचे में "अन्य प्रमुख सदस्य" या "अन्य सक्रिय सदस्य" करके दूसरा शीर्षक डाल सकते हैं।
रही बात कॉपीराइट की, बात सही है कि संस्कारों और विषय पर किसी का कॉपीराइट नहीं होता, लेकिन इसका वर्णन किन शब्दों में किया गया है इस बात का कॉपीराइट होता है। इसलिए आपका कहना सही है कि लेख की भाषा बदल दें तो समस्या नहीं होगी। वैसे वैबसाइट जनकल्याण के लिए बनाई गई है, उन्हें कॉपीराइट का मसला होगा इसकी गुंजाइश कम ही है, लेकिन बात साफ कर लें तो अच्छा रहेगा। -- दाढ़ीकेश ०२:२०, १७ जुलाई २००८ (UTC)

बाघा जतीन्

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आइ थिन्क माइ मेस्सेज टऊ पूर्निमाजी हस नोट् रईच्ह्दड् हेर्। प्लीसे रेक्टिफआइ दि आर्टिक्ल ओन दिस क्रआन्तिकारी महानायक इन दा नेम ओफ् हिस्ट्री। काइन्ड रिगार्ड्स फ्रोम बोब कलाइव्--78.113.165.8 ०५:३५, १ अगस्त २००८ (UTC)


आशीष जी,
आपके उत्साह्वर्धन एवं शुभकामनाओं के लिये धन्यवाद. मैं मलेरिया के लाल कड़ियों को नीला करने का प्रयाश कर रही हुं. वैसे तो इस श्रेँणी में अनेक लेख हैं परंतु मेरे विचार से निम्नलिखित लेख साँचे के उपयुक्त है. आप इसमें आवश्यकता के अनुसार फेर बदल कर लीजियेगा.
1.मच्छर
2.रोनाल्ड रॉस
3.लाल रक्त कोशिका
4.कुनैन
5.कालापानी बुखार
6.प्रोटोज़ोआ
7.प्लास्मोडियम
8.प्लास्मोडियम ओवेल
9.प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम
10.प्लास्मोडियम मलेरिये
11.प्लास्मोडियम विवैक्स
12.मलेरिया एटलस परियोजना
13.वाहक
13.रक्तहीनता
14.सिनकोना
15.थैलैसीमिया
16.हंसिया-कोशिका रोग
मुझे बहुत आश्चर्य और खुशी है कि आप ने अपना वक्त निकाल कर व्यक्तिगत तौर पर मेरे कार्यों पर नजर डाली. आपका बहुत धनायवाद. कृपया संपर्क बनाये रखें. --Munita Prasad ०६:१९, २४ अगस्त २००८ (UTC)

मैं शीघ्र ही यह सांचा बनाने में प्रयासरत हूं। साथ ही आपको बताता हूं, कि जो आपने नंबरिंग में इतनी मेहनत की है, उसकी आवश्यकता नहीं थी। केवल लेखों के नाम के पहले एक # लगा दिया होता, वही पर्याप्त था, ना ही संख्या लिखने ना ब्रेक का शब्द लिखने की आवश्यकता होती:

देखें:

# एक # दो # तीन् आपको मिलेगा

  1. एक
  2. दो
  3. तीन्

--आशीष भटनागरसंदेश ०६:२७, २४ अगस्त २००८ (UTC)

आशीष जी,
आपके साँचा जोड़ देने से मेरे छोटे लेख भी आकर्षक हो गये है. धन्यवाद. --Munita Prasad ०७:०८, २४ अगस्त २००८ (UTC)

अशीष मैंने मलेरिया पर काम नहीं किया है। यह लेख मेरे लिए बहुत मुश्किल सा है। मालूम नहीं साँचे में क्या रखा जाए क्या नहीं। इस पर काम करने वाले दो प्रमुख लोग हैं- दाढ़ीकेश और अभिमन्यु। हाँ मुनिता ने सब लाल कड़ीयाँ नीली की हैं। शायद वे बता सकती हैं। मेरे विचार से लेखों को साँचों में डालने की बजाय अगर उनके अलग पन्ने बना दिए जाएँ {{main|मलेरिया की रोकथाम}} या {{main|मलेरिया के उपचार}} तो बेहतर रहेगा। इससे पृष्ठ संख्या भी बढ़ेगी, जिसकी हमें ज़रूरत है।--पूर्णिमा वर्मन ०९:४९, २४ अगस्त २००८ (UTC)
नमस्कार पूर्णिमा जी! लगता है, आपने अपने से ऊपर वाला संदेश नहीं पढ़ा, जो मुनिता जी ने उसी संदर्भ में लिखा था। और कृपया मलेरिया का लेख भी देखें। वह कार्य हो भी चुका है। सभी संबंधित पृष्ठों पर वह सांचा पड़ चुका है। इससे गर-लेख कार्य भी बढ़ गया। जो गहरायी को बढ़ायेगा। यह कार्य वही कर सकता था, जो इस संबंध में जानकार हो, मेरे विचार से हम दोनों (मैं व आप) दोनों का ही एक सा स्टेटस था।--आशीष भटनागरसंदेश १५:०१, २५ अगस्त २००८ (UTC)



http://hi.wiki.x.io/w/index.php?title=%E0%A4%B8%E0%A4%A6%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AF_%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE:Amitprabhakar&diff=next&oldid=174844

प्रिय आशीष आपके आदर और सद्भावना के लिए धन्यवाद। लेकिन हम विकिपीडियन है अपने ही पन्ने सजाते रहना शोभा नहीं देता। मेरे विचार से साँचा ज़रूरत से ज्यादा सजावट पैदा करता है उसके स्थान पर यदि आप जयजयवंती सम्मान की एक पंक्ति जोड़ते और ढूँढकर कोई उसका कोई संदर्भ लगा देते तो अच्छा रहता। --पूर्णिमा वर्मन १५:२८, १३ सितंबर २००८ (UTC)
माफ़ कर दो भाई, मुझे बुरा लगा तुम्हारी मेहनत हटाते पर मुझे शर्म आती है। अभी मुझसे भी महत्तवपूर्ण व्यक्ति बहुत हैं लिखने के लिए। शायद दस बरस बाद मुझे शर्म ना भी आए। इसलिए अभी कृपया नाराज न हो न ही बुरा मानो। यह मेरा सौभाग्य है कि सम्मान करने वाले इतने लोग मिले। तुमने और राजीव ने जो आदर प्रकट किया उसके लिए फिर से बहुत बहुत धन्यवाद।--पूर्णिमा वर्मन १४:५५, १४ सितंबर २००८ (UTC)
लड़ो मत भाई, १० साल बाद लगा देना। कुछ मेरी भी मान लो।--पूर्णिमा वर्मन १५:०४, १४ सितंबर २००८ (UTC)


एडिट टूलबार

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मैं संपादन कर रहीं हुं तो एडिट टूलबार पूरा नहीं आ रहा है. सिर्फ 11 टैब आ रहैं हैं. मैं मुलतः विज्ञान के विषयों में संपादन करती हुं. मुझे समस्या हो रही हैं. कृपया कुछ सुझाव दे. --Munita Prasad १८:२३, १४ सितंबर २००८ (UTC)

सूक्ष्मजैविकी हेतु हिन्दी पाठ्य सामग्री के लिये: यहां देखें


युद्ध के साँचे के लिए धन्यवाद

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बहुत दिनों से सोच रहा था कि युद्ध के लिए एक साँचा बना दूँ पर आपने तो जैसे मेरी कल्पना को अपने 'कर' लगा गिए । बहुत-बहुत धन्यवाद । आजकल आपका योगदान एक समर्पित लेखन के रूप में भा रहा है । मुझे लगता है कि विकि के और सदस्य इससे असहमत नहीं होंगे । कृपया जारी रखे । --अमित प्रभाकर ०३:४३, १९ सितंबर २००८ (UTC)

पायल की ओर से==

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नमस्ते आशीष जी देरी से जवाब देने के लिए क्षमा करिएगा|एक लिंक भेज रही हूं आप एक बार देख ले| इस लिंक पर गोष्ठी के सभी चित्र हैं देखिए और आंनद लीजिए http://www.flickr.com/photos/jaijaivanti/ पायल

आशीष जी, कैथारेन्थस नाम से एक लेख बनाई हुं, सादाफूली नाम से एक अन्य लेख बनाना चाहती थी. परंतु भूल से सादाफूली कैथारेन्थस को redirect हो गया है क्या करूं ?
--Munita Prasad १७:२८, १९ सितंबर २००८ (UTC)

नमस्कार मुनिता जी! आपके द्वारा समस्या प्रश्न का सदा स्वागत है| हां, मैंने देखा कि सादाफूली नामक लेख तो पहले ही पूर्णिमा जी ने मिटा दिया था| हां, मैंने उस पृष्ठ को पिर से बना क्जर वहां लिख दिया है, जो कि आप मिटा दीजियेगा|
बड़ा करने हेतु क्लिक करें
बड़ा करने हेतु क्लिक करें
दूसरे, यदि कभी भी भविष्य में, आपसे कोई पृष्ठ बूल से कहीं और पुनर्निर्देशित हो जाये, तो कोई चिंता की बात नहीं है| आप मात्र उस पृष्ठ पर जायें, तो आप दूसरे पुनर्निर्देशित पृष्ठ पर पहुंच जायेंगीं, हजहां आपसे पहला पृष्ठ पुनर्निर्देशित हो चुका है| किन्तु ध्यान से देखें(बायें) कि लेख के शीर्षक के एकदम नीचे ही (.हुमायुँ....से पुनर्निर्देशित) लिखा होगा। तो आप पहले पृष्ठ पर जाने हेतु, उस नीले लिंक (यहां हुमायुँ) को क्लिक करें। आप उसी पहले वाले पृष्ठ पर पहुंच जायेंगी, जो शायद गलती से पुनर्निर्देशित हो चुका है। तब उसे संपादित करें, व मनचाहा लेख तैयार करें।
आशा है मैंने ठीक ठाक समझा दिया है।--आशीष भटनागरसंदेश ०२:४२, २१ सितंबर २००८ (UTC)

आपको जानना

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मैं जानता हूँ कि आप हिन्दी विकि पर कई दिनों से विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं । और ये बात किसी से छुपी नहीं है । आपके पृष्ठ पर जाकर आपके बारे में विस्तृत जानकारी मिली । अच्छा लगा आश्चर्य, इस बात को लेकर हुआ कि दफ़्तर के काम के आलावा इतना योगदान कैसे दे पाते हैं ? पूर्णिमा जी द्वारा आपदोनों की परस्पर हुई मुलाकात के बारे में पता चला था । दफ़्तर के काम से अगले हफ़्ते से दो महीनों के लिए अमरीका जाने के कारण विकि पर सक्रिय नहीं रह पाऊँगा । आशा है आपका योगदान लगातार जारी रहेगा । --अमित प्रभाकर ०४:५३, २१ सितंबर २००८ (UTC)

नया पृष्ठ

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आशीष मैंने विश्व के 100 सर्वाधिक धनी व्यक्तियों की सूची नामक एक पृष्ठ अंग्रेज़ी से कॉपी कर के हिन्दी में डाला पर उसमें बहुत से साँचे दिखाई दे रहे हैं और वह ठीक काम नहीं कर रहा। आप देख लीजिएगा कि क्या वह ठीक हो सकता है। अगर नही तो उसको हटा देंगे। --पूर्णिमा वर्मन ०८:३०, २३ सितंबर २००८ (UTC)

एक बात और कहनी थी आशीष, बुंदेलखंड पर बुंदेलखंड के विशेषज्ञ संजय करीर काम कर रहे हैं। वे बुंदेलखंड के हैं, पत्रकार हैं और इस विषय में उनका शोध और जानकारी है। यह काम ठीक से हो सके इसके लिए हमें ध्यान रखना है कि बुंदेलखंड श्रेणी वाले किसी पन्ने पर कुछ नया न लगाया जाए। वे ठीक से समझकर लगा देंगे। तुम्हारा लिखा भी मैंने कुछ मिटाया है। वो मैटर भी उन्हें ई मेल कर दिया है। वे जैसा ठीक समझेंगे व्यवस्थित रूप से लगा देंगे। --पूर्णिमा वर्मन १२:५८, २३ सितंबर २००८ (UTC)
हाँ आशीष अभी रुक जाओ वे एक दो महीने इसपर काम कर के पूरा कर लेंगे। बाद में उनकी सलाह से श्रेणियाँ लगाएँगे।--पूर्णिमा वर्मन १३:०३, २३ सितंबर २००८ (UTC)
जो पहले से लिखा है उसको हटाने या बदलने की ज़रूरत नहीं है वे जैसे ठीक समझेंगे कर लेंगे।--पूर्णिमा वर्मन १३:०७, २३ सितंबर २००८ (UTC)

क्या आप जानते...

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नमस्कार आशीष जी, आपने जो दो सुझाव दिए थे (राष्ट्रपति भवन व शिवाजी टर्मिनल के) उन्हे 'क्या आप जानते हैं' में मैने नही ,बलकि पुर्णिमा जी ने लगाए थे अतः विकिपीडिया:क्या आप जानते है#Instructions to admins के अनुसार उन्हे ही वे साँचे आपके पृष्ठ पर लगाने थे। खैर मैं उन्हे अभी लगा देता हूँ।--सुमित सिन्हावार्ता १२:२४, २४ सितंबर २००८ (UTC)


  आपके द्वारा लिखे सुझाए गए लेख छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के तथ्य को क्या आप जानते है ?' मे ३१ अगस्त, २००८ को प्रदर्शित किया गया। अगर आपको हाल मे बदले गए किसी लेख से कोई रोचक तथ्य पता है तो कृपया उसे "क्या आप जानते है?" talk page पर सुझाए।

--सुमित सिन्हावार्ता १२:३६, २४ सितंबर २००८ (UTC)

  आपके द्वारा लिखे सुझाए गए लेख राष्ट्रपति भवन के तथ्य को क्या आप जानते है ?' मे ३१ अगस्त, २००८ को प्रदर्शित किया गया। अगर आपको हाल मे बदले गए किसी लेख से कोई रोचक तथ्य पता है तो कृपया उसे "क्या आप जानते है?" talk page पर सुझाए।

--सुमित सिन्हावार्ता १२:३६, २४ सितंबर २००८ (UTC)


  आपके द्वारा लिखे गए या काफी सुधारे गए लेख छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के तथ्य को क्या आप जानते है ? मे ३१ अगस्त, २००८ को प्रदर्शित किया गया। अगर आपको हाल मे बदले गए किसी लेख से कोई रोचक तथ्य पता है तो कृपया उसे "क्या आप जानते है?" संवाद पृष्ठ पर सुझाए।

--सुमित सिन्हावार्ता १२:४९, २४ सितंबर २००८ (UTC)

  आपके द्वारा लिखे गए या काफी सुधारे गए लेख राष्ट्रपति भवन के तथ्य को क्या आप जानते है ? मे ३१ अगस्त, २००८ को प्रदर्शित किया गया। अगर आपको हाल मे बदले गए किसी लेख से कोई रोचक तथ्य पता है तो कृपया उसे "क्या आप जानते है?" संवाद पृष्ठ पर सुझाए।

--सुमित सिन्हावार्ता १२:४९, २४ सितंबर २००८ (UTC)

सारे अच्छे काम के लिए ढेर सी शाबाशी और इसे जारी रखें। हम सबको आपके इस उत्साह की ज़रूरत है।--पूर्णिमा वर्मन ०९:२३, ६ अक्टूबर २००८ (UTC)

धन्यवाद आशीष, अगले महीने की पहली तारीख को मैं इन्हें मुखपृष्ठ पर ला दूंगी। आपका यह सहयोग हिन्दी विकि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसे जारी रखें।--पूर्णिमा वर्मन १७:३८, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)

नमस्कार के लिए आशीर्वाद, पर आशीष को क्या आशीष? हाँ वह सब मैंने देखा और सोच रही थी कि इतनी सारी जानकारी आशीष ने हिन्दी में कहाँ से मारी होगी। बड़ी मेहनत की है। शाबाश। हमें १० आशीष चाहिए बस साल भर में एक लाख पार करने के लिए। रुचि की मेहनत के लिए उसे भी बहुत धन्यवाद।--पूर्णिमा वर्मन १७:४८, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)

हाँ एक बात पूछनी थी कि अंगुली छापन किस शब्द की हिन्दी बनाई है। क्या फिंगर प्रिंट की?--पूर्णिमा वर्मन १७:५१, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)
अभी के लिए तो ठीक है पर कुछ अजीब सा लगता है। डीएनए पद्धति से अंगुलियों की रेखाओं का अध्ययन या ऐसा कुछ कर सकते हैं। सोचकर कोई ठीक शीर्षक ढूँढ लेंगे।--पूर्णिमा वर्मन १८:०२, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)
ठीक है आशीष आराम से देख लेंगे।--पूर्णिमा वर्मन १८:१३, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)

श्रेणी समस्या

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आशीष जी,

नमस्कार,
विजय दशमी की शुभकामनाएं,
मुखपृष्ठ पर एक श्रेणी है जैवप्रौद्योगिकी इसमें 4 लेख एवं 1 साँचा है, एक दूसरी श्रेणी है जैव प्रौद्योगिकी इसमें 46 लेख हैं. मैं जैवप्रौद्योगिकी के लेखों को जैव प्रौद्योगिकी में स्थानान्तरित कर रहीं हूँ. आप से अनुरोध है कि कृपया मुखपृष्ठ से श्रेणी जैवप्रौद्योगिकी को मिटा कर जैव प्रौद्योगिकी लगा दीजिएगा.
--Munita Prasad ०६:५१, ९ अक्टूबर २००८ (UTC)

आवेदन वाला पृष्ठ बर्बरता रोकने के लिए बंद किया था मैं खोलती हूँ। --पूर्णिमा वर्मन ०८:५२, ११ अक्टूबर २००८ (UTC)

सांचे और समाचार

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आशीष जी, मैंने देखा आपने मलेरिया लेख का कुछ भाग सांचों में डाल दिया है। ऐसा करने का कारण मुझे समझ में नहीं आया। अकसर सांचों का उपयोग वहीं होता है जहाँ एक ही सूचना बार-बार कई लेखों पर देनी हो। मलेरिया वाले सांचे तो सिर्फ मलेरिया लेख में ही प्रयुक्त होंगे। साथ ही अगर सांचों की बजाय लेख में ही यह सामग्री हो तो संपादन में आसानी होगी। साथ ही नए संपादकों को लेख का प्रारूप समझने और सुधारने में आसानी होगी। बाकी आपके योगदान के लिए धन्यवाद। आप जैसे सक्रिय संपादक काम करते रहें तो जल्दी ही हिन्दी विकिपीडिया गुणवत्ता के अच्छे स्तर तक पहुँच जाएगा।

एक और निवेदन है - मैंने बुकर पुरस्कार विजेता अरविन्द अडिग पर लेख बनाया है और साँचा:मुखपृष्ठ समाचार के वार्ता पन्ने पर संदेश छोड़ा कि इसे समाचारों में डाला जाए। (यह सांचा सुरक्षित है सो कोई प्रबन्धक ही इसका संपादन कर सकता है। अगर समय हो तो कृपया देखें। -- दाढ़ीकेश ०५:०८, १७ अक्टूबर २००८ (UTC)

अभिमन्यु

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नम्स्कार आशीश जी अभिमन्यु लिख रह हू आजक्ल एके ४७ पे आलेख लिख रह हू । --[[अभिमन्यु]]</b><sup>[[सदस्य वार्ता:Abhimanyu.singhyadav|संदेश</font>]]</sup> १५:३८, २४ अक्टूबर २००८ (UTC) जरा इसे देख लेना

पहुँचने के साधन

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पहुँचने के साधन के लिए आवागमन शब्द का प्रयोग करें। इसमें सड़क रेल और हवाई मार्गों तथा यातायात से साधनों का विवरण दिया जा सकता है। पर्यटन के अंतर्गत मोटा उप शीर्षक बना कर लिखें। उदाहरण के लिए देहरादून जिला देखें।--पूर्णिमा वर्मन १८:२९, २४ अक्टूबर २००८ (UTC)

अभिमन्यु का उत्तर्

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जी नही अभी मेरा प्रशिक्षण च्हल ही रहा है १२ दिस्म्बर को समाप्त होगा एके ४७ मे मदद के लिये धन्यवाद --[[अभिमन्यु]]</b><sup>[[सदस्य वार्ता:Abhimanyu.singhyadav|संदेश</font>]]</sup> ०६:१५, २५ अक्टूबर २००८ (UTC)

आशीष जी,
नमस्कार,
कैसे हैं? खूब समोसा, जलेबी खा रहें हैं?
आज कल हमारे वीकी पर लेखों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। देख कर बहुत अच्छा लग रहा है। आशीष जी, मुझे लगता है कि यदि हम सब आपस में विचार कर के छोटे छोटे लक्ष्य बना कर काम करें तो और ज्यादा बेहतर काम होगा तथा नई उर्जा और motivation भी मिलेगी। आप का क्या विचार है?
--Munita Prasad ०७:४५, ४ नवम्बर २००८ (UTC)

आशीष जी,
नहीं हो रहा है।--<b>[[User:Munita Prasad|<font color="red">Munita Prasad</font>]]</b><sup>[[सदस्य वार्ता:Munita Prasad|<font color="blue">वार्ता</font>]]</sup> ०८:४५, ४ नवम्बर २००८ (UTC)

===हो गया===
धन्यवाद आशीष जी, वो मैंने कच्चा दस्तखत को टिक नहीं किया था, और हां प्रबंधकगण के साँचे के लिए धन्यवाद।
--Munita Prasadवार्ता १०:११, ६ नवम्बर २००८ (UTC)

आपको हिन्दी विकिपीडिया का प्रबंधक बनाया गया हैं। आपका योगदान काफी अच्छा है और दुसरे सदस्यो के लिए काफी उत्साहवर्धक हैं। उम्मीद है आपका योगदान जारी रहेगा और बढता जाएगा। अगर आपको कोई प्रश्न है तो मुझे लिखने मे संकोच न करें। --मितुल २१:३१, ७ नवम्बर २००८ (UTC)

बधाइयां विकिपीडिया प्रबंधक बनने पर बधाइयां
यहां की प्रबंधक पद पर आसीन हो कर आप यहां का कार्य उत्कृष्ट स्तर पर करें व हिन्दी विकि को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं, ऐसी कामना के साथ आपको व साथ ही हिन्दी विकि को भी नई कर्मठ प्रबंधक मिलने की बधाइयां।
चित्र:Congrats.jpg

--Munita Prasadवार्ता ०९:३४, ८ नवम्बर २००८ (UTC)
हां आपने ठीक ही ध्यान दिलाया लाल रंग तो बिना बनी कड़ियो के लिए है। मैंने बदल दिया है। और कुछ सुझाव हो तो कृपया बताते रहें। फिर से धन्यवाद।
--Munita Prasadवार्ता ११:३६, १० नवम्बर २००८ (UTC)

साँचा:ज्ञानसन्दूक सड़क

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साँचा:ज्ञानसन्दूक सड़क काफी अच्छा लगा। इस प्रकार के अनुप्रयोगों से गुणवत्ता तो सुधरेगी ही, साथ ही योगदान और भी मजेदार बनेगा। इस साँचे का और प्रयोग करें। इस जैसे और भी साँचे बनाने होगें। --मितुल १९:५६, १० नवम्बर २००८ (UTC)

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