श्रुतकर्मण सहदेव का पुत्र था। उसने कुरुसेना के बहुत से योद्धाओं को परास्त किया और अपने भाइयों के साथ मिलकर भूरिश्रेवास के बहुत से भाइयों और, दुर्योधन, दु:शासन और अन्य कौरवों के पुत्रों का वध किया।

१८ वें दिन युद्ध समाप्त होने के पश्चात रात्री में श्रुतकर्मण और उसके अन्य भाइयों का अश्वत्थामा ने सोते समय वध कर दिया।

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