शून्य विवाह (void marriage) एक ऐसा विवाह है जो कि कानून के तहत गैरकानूनी या अमान्य है। ये एक ऐसा विवाह है जो शुरुआत से ही अमान्य है जैसे कि विवाह अस्तित्व में नहीं आया हो।

हिन्दू विवाह अधिनियम कि धारा ११ इस विवाह के बारे में वार्ता करता है और बताता है कि यदि कोई विवाह अगर धारा ५ के खंड (i), (iv) और (v) में विनिर्दिष्ट शर्तों में से किसी एक का भी उल्लंघन करता हो तो उसे शून्य विवाह घोषित किया जा सकता हैं।[1][2]

  1. "Section 11 in The Hindu Marriage Act, 1955". मूल से 24 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २८ अगस्त २०१७.
  2. "हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ (हिन्दी)". स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग - उत्तर प्रदेश. मूल से 14 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २८ अगस्त २०१७.