शा वर्णमाला (Shavian alphabet या Shaw alphabet) अंग्रेजी भाषा को लिखने के लिये आविष्कृत एक वैकल्पिक लिपि है। रोमन में अंग्रेजी लिखने के कारण अंग्रेजी एवं अन्य यूरोपीय भाषाओं में वर्तनी (स्पेलिंग) की कठिन समस्या है। शा वर्णमाला के उपयोग से अंग्रेजी की स्पेलिंग सरल एवं ध्वन्यात्मक (फोनेटिक) हो जायेगी। जार्ज बर्नार्ड शा ने अपनी वसीयत में अंग्रेजी के लिये एक समुचित लिपि के आविष्कार के लिये कुछ धन की व्यवस्था की थी और इस लिपि के लिये तीन आवश्यक बातें निर्धारित की थी जो निम्नलिखित हैं -

  • इसमें कम से कम ४० वर्ण होने चाहिये,
  • यथासम्भव यह ध्वन्यात्मक होनी चाहिये,
  • इसके वर्ण, लैटिन वर्णमाला से भिन्न होने चाहिये ताकि किसी प्रकार का घालमेल और भ्रम की स्थिति निर्मित न हो।

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