वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आधुनिक संचार तकनीक है, जिसके माध्यम से दो या इससे अधिक स्थानों से एक साथ ऑडियो-वीडियो माध्यम से कई लोग जुड़ सकते हैं। इसे वीडियो टेलीकॉन्फ्रेंस भी कहा जाता है। इसका प्रयोग खासकर किसी बैठक या सम्मेलन के लिए तब किया जाता है, जब कई लोग अलग-अलग स्थानों में बैठे हों। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से अभिलेखों और कम्प्यूटर पर चल रही सूचनाओं का आदान-प्रदान भी किया जा सकता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वीडियो कैमरा या वेब कैम, कम्प्यूटर मॉनिटर, टेलीविजन या प्रोजेक्टर, माइक्रोफोन, लाउडस्पीकर और इंटरनेट की आवश्यकता होती है। जिन देशों में टेलीमेडिसिन और टेलीनर्सिग को मान्यता प्राप्त है, वहां लोग आपातकाल में नर्स और डॉक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। यह सेवा आजकल भारत संचार निगम लिमिटेड ने अपनी ३-जी दूरभाष सेवा में भी देनी आरंभ की है।[1]
आजकल इस आधुनिक तकनीक का शिक्षा और विदेश में बैठे लोगों की न्यायालयों में गवाही और कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए भी काफी प्रयोग होने लगा है। दुनिया के कई विश्वविद्यालयों ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को अपनाया है। भारत समेत कई देशों में सरकारी बैठकों और कार्य निर्देश भी अब इसके जरिए हो रहे हैं। इस प्रकार इससे समय और खर्च दोनों को कम किया जा सकता है। विश्व में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सार्वजनिक प्रयोग उत्तरी अमेरिका और अफ्रीका के बीच किया गया था। यह तकनीक इतनी उपयोगी हो चली है कि अब वैज्ञानिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को मोबाइल फोन पर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग अब कई आधुनिक मोबाइल फोन पर भी उपलब्ध है।[2]
सन्दर्भ
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संपादित करेंवीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग प्रणालियां एवं घटक से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के प्रकार
- वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग श्वेतपत्र अभिलेख
- नेशनल इन्फॉर्मैटिक्स सेंटर (राष्ट्रीय सूचना केन्द्र) के जालस्थल पर वीडियो कान्फ़्रेन्सिंग