विकिपीडिया:पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा/लेख/धातुवाद
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परिणाम: रखा संदर्भ जोड़े जाने के बाद रखा गया (नामांकन वापसी), कृपया यथोचित सुधार भी करें।--SM7--बातचीत-- 19:47, 17 दिसम्बर 2016 (UTC)[उत्तर दें]
धातुवाद (संपादन|वार्ता|इतिहास|कड़ियाँ|ध्यान रखें|लॉग)
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नामांकन के लिये कारण:
उल्लेखनीयता स्पष्ट नहीं ! सत्यम् मिश्र बातचीत 07:03, 8 जून 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- कीमिया के साथ विलय कर देना चाहिए।☆★संजीव कुमार (✉✉) 07:13, 11 जून 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- कीमिया और धातुवाद में अन्तर है, धातुवाद एक प्राचीन कला है ..... अभी इस लेख को थोड़े दिन रहने दें.... मैं कोशिश करता हूँ कि इसमें कुछ सुधार कर सकूँ..... --डा० जगदीश व्योमवार्ता 12:48, 12 जून 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- इसे रखना चाहिए। भारत के इतिहास से जुड़े ऑनलाइन सन्दर्भ बहुत ही कम होते हैं। इस कारण इसका अधिक सन्दर्भ मिलना थोड़ा कठिन होगा। मुझे लगता है कि पुस्तकों में इसके बारे में अधिक जानकारी हो सकती है लेकिन वह सभी पुस्तक ऑनलाइन नहीं है। --Sfic (वार्ता) 13:12, 20 जनवरी 2016 (UTC)[उत्तर दें]
- हटाया जा सकता है।Naziah rizvi (वार्ता) 12:41, 25 अगस्त 2016 (UTC)[उत्तर दें]
- इस लेख पर दो सन्दर्भ दिए गए हैं, जो उल्लेखनीय प्रतीत होते हैं। साथ ही, मैंने तीन और तृतीय पक्ष के विश्वसनीय स्रोत जोड़ दियें हैं, जो निम्न हैं - [1][2][3] अतः, इस लेख को नहीं हटाना चाहिए। ♥ श्री सनम कुमार ♥ 22:22, 1 अक्टूबर 2016 (UTC)[उत्तर दें]
References
- ↑ "धातुवाद कला" [Art of Dhatuvaad]. भारत डिस्कवरी. भारत डिस्कवरी. अभिगमन तिथि 1 अक्तूबर 2016.
- ↑ "MYTH: यहां श्रीकृष्ण ने सीखी थी 64 कलाएं, इतनी रहस्यमय और कठिन थी विद्या". दैनिक भास्कर. dainikbhaskar.com. अभिगमन तिथि 1 अक्तूबर 2016.
- ↑ "जानिये 64 कलाएँ जो वैदीक काल मे हर कन्या को सिखायी जाती थी". स्वदेशी दर्शन. स्वदेशी दर्शन. अभिगमन तिथि 1 अक्तूबर 2016.
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