शब्द, वचन, कल्पना आदि से प्राप्त अप्रत्यक्ष ज्ञान को विकल्प कहते हैं। यह ज्ञान अनुभव या प्रयोग पर आधारित नहीं होता।

पतञ्जलि के योगसूत्र में विकल्प, ५ प्रकार की वृत्तियों में से एक है। अन्य वृत्तियाँ ये हैं- प्रमाण, विपर्यय, निद्रा, स्मृति। ये सभी चित्तवृत्तियाँ मन को विचलित करतीं रहतीं है।

इन्हें भी देखें

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