वार्ता:अफ़ग़ानिस्तान
(वार्ता:अफ़्गानिस्तान से अनुप्रेषित)
Latest comment: 10 वर्ष पहले by Hindustanilanguage in topic स्थानान्तरण अनुरोध 11 अप्रैल 2014
यह पृष्ठ अफ़ग़ानिस्तान लेख के सुधार पर चर्चा करने के लिए वार्ता पन्ना है। यदि आप अपने संदेश पर जल्दी सबका ध्यान चाहते हैं, तो यहाँ संदेश लिखने के बाद चौपाल पर भी सूचना छोड़ दें। | ||
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लेखन संबंधी नीतियाँ
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इस अनुभाग में यह प्रस्तावित किया गया था कि अफ़ग़ानिस्तान का नाम बदलाव और स्थानांतरण अफगानिस्तान पर कर दिया जाये।
यह चर्चा समाप्त हो चुकी है। |
अफ़ग़ानिस्तान → अफगानिस्तान – अफ़्गानिस्तान शब्द की वर्तनी गलत है, इसमें आधा फ नहीं बल्कि पूरा फ इस्तेमाल होता है।--प्रतीक मालवीयवार्ता 07:26, 11 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- यह चर्चा समाप्त हो चुकी है। कृपया इसे न बदलें। आगे की वार्ताएँ इस पृष्ठ में नये विभागों में होनी चाहिएँ। इसका संक्षिप्त परिणाम निम्न रहा:
- प्रतीक मालवीय जी के इस प्रस्ताव पर चर्चा के पश्चात "अफ़ग़ानिस्तान" नाम उचित पाया गया है। अत: कोई प्रबंधक इस दिशा में क़दम उठा सकते हैं। --मुज़म्मिल (वार्ता) 11:29, 23 मई 2014 (UTC)उत्तर दें
- समर्थन- सही गलत का मुझे ज्ञान नहीं है लेकिन अधिक प्रचलन में अवश्य ही पूरा फ लिखा जाता है। प्रचलन के आधार पर इस परिवर्तन के लिए मेरा समर्थन है।--☎मनोज खुराना वार्ता 11:01, 11 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- 'फ' नहीं 'फ़' आएगा। इस बदलाव के पश्चात मेरा भी समर्थन है।<>< बिल विलियम कॉम्पटनवार्ता 13:09, 11 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- @Bill william compton: अंग्रेज़ी नाम को देखने पर और उसका साधारण उच्चारण सुनने पर प्रतीत होता है कि 'फ' के स्थान पर 'फ़' (नुक्ता सहित) आना चाहिए लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय की साइट पर लिखे शब्द को देखा जाये तो प्रतीत होता है कि "अफ़गानिस्तान" से अधिक उपयुक्त शब्द "अफगानिस्तान" है। इसके अतिरिक्त गूगल खोज और अधिकत्तर समाचार पत्रों में भी अफगानिस्तान शब्द काम में लिया जाता है लेकिन बीबीसी हिन्दी पर "अफ़गानिस्तान" काम में लिया गया है। कुछ अन्य विदेशी (भारत के बाहर के) समाचार चैनलों पर दोनों शब्द आते रहते हैं। अतः मुझे लगता है कि प्रतीक जी द्वारा सुझाया गया अफगानिस्तान शब्द ही अधिक उपयुक्त होता है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:10, 11 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- संजीव जी, समस्या यह है कि भारत में लिखित हिन्दी को बिगाड़ने का चलन सा चल गया है। हिन्दी में जैसे शब्द का उच्चारण होता है वैसे ही उसे लिखा भी जाना चाहिए परन्तु इस पर अब किसी का ध्यान नहीं जाता। समाचारपत्रों के जालस्थलों पर तो इतनी वर्तनी सम्बन्धित गलतियाँ होती हैं कि उन्हें पढ़ने का भी मन नहीं करता। अफगानिस्तान सही शब्द का बिगड़ा हुआ रूप है, अगर हम भी इसे अपनाते हैं तो हिन्दी को ठीक से समझने वालो की दृष्टि में विकी की विश्वसनीयता कम होगी और जिन्हें सही वर्तनी का ज्ञान ही नहीं उन्हें सही वर्तनी कभी पता भी नहीं चलेगा। मैं चलन के अनुसार विदेशी शब्दों को सम्मिलित करने के पक्ष में तो हूँ क्योंकि आप किसी भाषा को निश्चित शब्द कोश में नहीं सीमित कर सकते, परन्तु गलत वर्तनी के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं हूँ क्योंकि इस से हम हिन्दीभाषियों के ज्ञान में विस्तार करने की जगह उन्हें गलत जानकारी दे रहे हैं। अमॅरिका को अमेरिका बना कर अब ऐसी परिस्थिति बन चुकी है कि कोई अच्छी अंग्रेज़ी का ज्ञान नहीं रखने वाला हिन्दीभाषी इस देश का नाम ठीक से बोल ही नहीं पाता और मैं नहीं चाहता कि और वर्तनियो के साथ भी यही किया जाए।<>< बिल विलियम कॉम्पटनवार्ता 14:32, 11 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- बिल जी, मुझे दोनो ही वर्तनीयों से आपति नहीं है जिनमें "फ" अथवा "फ़" आता है। हाँ वर्तमान शीर्षक अफ़्गानिस्तान अशुद्ध है। आपके द्वारा बताई बात का मैं विरोध नहीं कर रहा बल्कि भारत में प्रचलित वर्तनी की बात कर रहा हूँ। समाचार पत्रों की गड़बड़ी से मैं भी अनभिज्ञ नहीं हूँ लेकिन हिन्दी प्रचार-प्रसार में उनका भी बहुत योगदान है अतः उन्हें नकारा तो नहीं जा सकता। इसके अतिरिक्त सही वर्तनी प्रत्येक भाषा में वैसी ही हो यह भी आवश्यक नहीं है। थोड़ा-बहुत परिवर्तन तो हर भाषा में आयेगा ही।☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:48, 12 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- संजीव जी, समस्या यह है कि भारत में लिखित हिन्दी को बिगाड़ने का चलन सा चल गया है। हिन्दी में जैसे शब्द का उच्चारण होता है वैसे ही उसे लिखा भी जाना चाहिए परन्तु इस पर अब किसी का ध्यान नहीं जाता। समाचारपत्रों के जालस्थलों पर तो इतनी वर्तनी सम्बन्धित गलतियाँ होती हैं कि उन्हें पढ़ने का भी मन नहीं करता। अफगानिस्तान सही शब्द का बिगड़ा हुआ रूप है, अगर हम भी इसे अपनाते हैं तो हिन्दी को ठीक से समझने वालो की दृष्टि में विकी की विश्वसनीयता कम होगी और जिन्हें सही वर्तनी का ज्ञान ही नहीं उन्हें सही वर्तनी कभी पता भी नहीं चलेगा। मैं चलन के अनुसार विदेशी शब्दों को सम्मिलित करने के पक्ष में तो हूँ क्योंकि आप किसी भाषा को निश्चित शब्द कोश में नहीं सीमित कर सकते, परन्तु गलत वर्तनी के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं हूँ क्योंकि इस से हम हिन्दीभाषियों के ज्ञान में विस्तार करने की जगह उन्हें गलत जानकारी दे रहे हैं। अमॅरिका को अमेरिका बना कर अब ऐसी परिस्थिति बन चुकी है कि कोई अच्छी अंग्रेज़ी का ज्ञान नहीं रखने वाला हिन्दीभाषी इस देश का नाम ठीक से बोल ही नहीं पाता और मैं नहीं चाहता कि और वर्तनियो के साथ भी यही किया जाए।<>< बिल विलियम कॉम्पटनवार्ता 14:32, 11 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- समाचार पत्रों के अनुसार अफगानिस्तान शब्द सही है। लेकिन यदि 'फ़' (नुक्ता सहित) शब्द सही है तो इसे ही उपयोग में लाना चाहिए। मैं फिलहाल तो समाचार पत्रों व विदेश मंत्रालय के जालस्थल को ही सही मानूंगा।--प्रतीक मालवीयवार्ता 12:47, 12 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- @Manojkhurana:, @Bill william compton:, @संजीव कुमार:, @Prateekmalviya20: मेरे विचार से चौपाल की यह चर्चा देखी जा सकती है। इस चर्चा में श्री शुभम कनोडिया जी ने जो उस समय मेरे ही तरह एक साधारण सदस्य थे, अडोबी सिस्टम्स के नाम के बारे में ज़ोर देकर कहा था: "मैं मानता हूँ की ज्यादात्तर लोग अडोबी को अडोब कहकर पुकारते हैं। पर यह सही इसलिए नहीं हैं क्यूंकि यह एक कम्पनी का नाम, अतः एक नामवाचक संज्ञा है। अतः यह भाषा से परे है। मैंने नाम बदलने से पहले काफी रिसर्च किया है। आप यूट्यूब पर इस शब्द का सही उच्चारण सुन सकते हैं। विकिपीडिया तकनीकी रूप से सही जानकारी जानकारी का स्रोत है। अगर लोगों में यह गलत भ्रम है की इसे अडोब कहते है, तो हमें इसे मिटाना होगा। मैं खुद एक ग्राफ़िक्स डिज़ाइनर हूँ और यह दावे के साथ कह सकता हूँ की जिन्हें भी एडोबी के सॉफ्टवेर की उच्चतम जानकारी है, वह इसका सही उच्चारण जानेंगे।" -- इस तरह हमको "फ" और "फ़" और "ज" और "ज़" के अंतर को भी लिखते समय स्पष्ट दिखाना चाहिए जैसे कि बिल जी ने कहा। वरना लिखने में तो कई बार लोग जंग और ज़ंग में फ़र्क़ नहीं करते। इसका परिणाम यह होता है कि हम ज़ंग-निरोधक को "जंग निरोधक" लिख देते हैं। --मुज़म्मिल (वार्ता) 14:17, 12 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- @Bill william compton:, @संजीव कुमार:, @Prateekmalviya20: @Shubhamkanodia: @Hindustanilanguage:-मैं बिल जी व मुज़म्मिल जी से पूर्णतया सहमत हूँ। हिंदी भाषा की सबसे बड़ी खासियत ही यही है कि इसमें लेखन व उच्चारण में कोई भेद नहीं है, किसी एक अक्षर के दो उच्चारण नहीं होते और यह खासियत इसे कई वैश्विक भाषाओं से बेहतर बनाती है। हिंदी के बाहर से आने वाले शब्दों को इस प्रकार से हिंदी में ढालना कि इसकी यह विशेषता यथासंभव बनी रहे, यही आज के समय में हम सबके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। संजीव जी की बात भी कुछ हद तक ठीक है कि प्रचलन का ध्यान भी रखना होगा। अतः मेरे विचार से मध्य मार्ग यही है कि पृष्ठनाम तो शुद्ध ही होना चाहिए, लेकिन प्रचलित नाम से एक अनुप्रेषित पृष्ठ भी रखा जा सकता है क्योंकि कोई भी पाठक सर्च करते समय तो अशुद्ध वर्तनी लिखेगा किंतु अनुप्रेषित पृष्ठ पर ठीक वर्तनी मिलेगी तो आगे के लिए उसे भी सही वर्तनी का ज्ञान हो जाएगा। --☎मनोज खुराना वार्ता 05:08, 13 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- बिल जी का जवाब मुझे बड़ा सटीक लगा। आजकल तकनीक ने हिंदी में टाइप करना इतना आसान कर दिया है, कि समाचार पत्रिकाओं और नेट पर भी भाषा व वर्तनी की शुद्धता पर लोग ध्यान नहीं देते। पर मैंने अक्सर देखा है की बीबीसी अन्य स्रोतों के मुकाबले इस मामले में ज़्यादा विश्वसनीय रहता है। मैं अफ़गानिस्तान के समर्थन में हूँ। ░▒▓► शुभम कनोडिया वार्ता 07:07, 13 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- @Shubhamkanodia: मैं अफ़गानिस्तान के विरोध में नहीं हूँ लेकिन आपकी बीबीसी वाली टिप्पणी पर एक बात कहना चाहुँगा कि बीबीसी भी दुध की धुला नहीं है। वहाँ आजतक मैंने पूर्णविराम नहीं देखा। इसके अतिरिक्त हिन्दी भाषा भले ही विश्वस्तरीय बनने की राह में है लेकिन उसके मानक भारत के राजभाषा विभाग से निर्धारित किये अनुसार ही आगे बढ़ाये जाते हैं।☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:45, 13 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- बिल जी का जवाब मुझे बड़ा सटीक लगा। आजकल तकनीक ने हिंदी में टाइप करना इतना आसान कर दिया है, कि समाचार पत्रिकाओं और नेट पर भी भाषा व वर्तनी की शुद्धता पर लोग ध्यान नहीं देते। पर मैंने अक्सर देखा है की बीबीसी अन्य स्रोतों के मुकाबले इस मामले में ज़्यादा विश्वसनीय रहता है। मैं अफ़गानिस्तान के समर्थन में हूँ। ░▒▓► शुभम कनोडिया वार्ता 07:07, 13 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- मैंने इस पर बहुत विचार किया। मुझे लगता है कि अफ़गानिस्तान शब्द सही है। इसलिए मैं अफ़गानिस्तान शब्द के लिए अपनी सहमति देता हूँ। कृपया इस पृष्ठ का नाम बदलकर अफ़गानिस्तान किया जाय।--प्रतीक मालवीयवार्ता 11:15, 14 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
यहाँ "ग" और "ग़" के उच्चारण का भी ध्यान रखिए - क्योंकि यह अफ़ग़ानिस्तान है। याद रहे कि ग़ोल और गोल दो अलग शब्द हैं और यहाँ "ग़" की आवश्यकता है। --मुज़म्मिल (वार्ता) 12:04, 14 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- मुज़म्मिल जी का सुझाव उचित है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:15, 14 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें
- उपरोक्त चर्चा को एक पुरालेख के रूप में संरक्षित किया गया है। कृपया इसमें कोई बदलाव न करें। आगे की वार्ताएँ इस पृष्ठ पर नये विभागों में होनी चाहिएँ।