वर्जिनिया वुल्फ़

अंग्रेजी साहित्यकार एवं निबंधकार (1882-1941)

एडलीन वर्जिनिया वुल्फ़ (अंग्रेज़ी: Adeline Virginia Woolf) (२५ जनवरी, १८८२ - २८ मार्च, १९४१) [1] २०वीं सदी की एक प्रतिभाशाली अंग्रेज साहित्यकार और निबंधकार थीं[2]ए रूम ऑफ वन्स ओन की लेखिका वर्जिनिया वुल्फ प्रसिद्ध लेखिका, आलोचक और पर्वतारोही पिता सर स्टीफन और मां जूलिया स्टीफन की बेटी थीं। उनका जन्म १८८२ में लंदन में हुआ था। बुद्धिजीवियों की आवाजाही उनके घर में होती रहती थी। जाहिर है वर्जिनिया का भी रुझान आरंभ से ही लिखने-पढ़ने की ओर रहा। वर्जिनिया की अधिकतर स्मृतियां कॉर्नवाल की हैं, जहां वह अकसर गर्मीयों की छुट्टियां बिताने जाती थीं। इन्हीं स्मृतियों की देन थी उनकी प्रमुख रचना - टु द लाइटहाउस। जब वह केवल १३ वर्ष की थीं, तब उनकी मां का आकस्मिक निधन हो गया। इसके दो वर्ष बाद अपनी बहन व १९०४ में पिता को भी उन्होंने खो दिया। यह उनका अवसाद भरा दौर था। इसके बाद आजीवन अवसाद के दौरे उन्हें घेरते रहे। इसके बाद भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण कृतियों की रचना की। शारीरिक रूप से बहुत दुर्बल होने के कारण उनकी पढ़ाई-लिखाई घर पर ही हुई। बाद में उन्होंने अध्यापन कार्य आरंभ किया। ३० वर्ष की आयु में उन्होंने लोयोनार्ड वुल्फ़ से विवाह किया। उन्होंने डायरी, जीवनियां, उपन्यास, आलोचना सभी लिखे। लेकिन उनकी प्रिय विषयवस्तु स्त्री विमर्श ही थी। इसी का परिणाम था, उनकी महत्वपूर्ण पुस्तक ए रूम ऑफ वन्स ओन

वर्जीनिया वूल्फ
Photograph of Virginia Woolf in 1902; photograph by George Charles Beresford
वर्जीनिया वूल्फ 1902 में; छायाचित्र जॉर्ज चार्ल्स बेरेसफोर्ड
जन्मएडेलिन वर्जीनिया स्टीफन
25 जनवरी 1882
केंसिंग्टन, मिडिलसेक्स, इंगलैंड
मौत28 मार्च 1941(1941-03-28) (उम्र 59 वर्ष)
लुअस, ससेक्स, इंगलैंड
पेशाउपन्यासकार, निबंधकार, प्रकाशक, आलोचक
राष्ट्रीयताब्रिटिश
उच्च शिक्षाकिंग्स कॉलेज लंदन
उल्लेखनीय कामsमिसेज डल्लोवे, टू द लाईट हाउस, द वेव्स
जीवनसाथीलियोनार्ड वूल्फ (वि॰ 1912; मृत्यु पर्यंत 1941)

हस्ताक्षर
वर्जिनिया वुल्फ।

१९४० में द्वितीय विश्वयुद्ध में नाज़ियों के हमले के दौरान वुल्फ दंपती बहुत परेशान रहा करते थे, क्योंकि उनके पति लियोनार्ड यहूदी थे, जिनसे नाज़ी घृणा करते थे। इसी वर्ष बमबारी में उनका प्रेस नष्ट हो गया। अवसाद की स्थिति में उन्होंने २८ मार्च १९४१ में नदी में छलांग लगा दी और आत्महत्या कर अपना जीवन समाप्त कर लिया। गूगल ने उनके १३६वें जन्मदिन को एक डूडल के साथ मनाया।[3]


प्रारंभिक जीवन

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25 जनवरी, 1882 को जन्मे, एडलिन वर्जीनिया स्टीफन को एक उल्लेखनीय घर में उठाया गया था। उनके पिता, सर लेस्ली स्टीफन एक इतिहासकार और लेखक थे, साथ ही पर्वतारोहण के स्वर्ण युग में सबसे प्रमुख शख्सियतों में से एक थे। वुल्फ की मां, जूलिया प्रिंसेप स्टीफन (नी जैक्सन), भारत में पैदा हुई थीं और बाद में कई प्री-राफेललाइट चित्रकारों के लिए एक मॉडल के रूप में सेवा की। वह एक नर्स भी थी और पेशे पर एक किताब भी लिखी थी। उसके माता-पिता दोनों विवाहित थे और एक दूसरे से शादी करने से पहले विधवा हो गए थे। वुल्फ के तीन पूर्ण भाई-बहन थेबी, वेनेसा और एड्रियन और चार सौतेले भाई लौरा मेकपीस स्टीफन और जॉर्ज, गेराल्ड और स्टेला डकवर्थ। आठ बच्चे 22 हाइड पार्क गेट, केंसिंग्टन में एक ही छत के नीचे रहते थे। वुल्फ के दो भाइयों को कैम्ब्रिज में शिक्षित किया गया था, लेकिन सभी लड़कियों को घर पर पढ़ाया जाता था और परिवार की रसीली विक्टोरियन लाइब्रेरी के शानदार संगम का उपयोग किया जाता था। इसके अलावा, वुल्फ के माता-पिता सामाजिक और कलाकार दोनों तरह से बहुत अच्छी तरह से जुड़े हुए थे। उनके पिता विलियम ठाकरे के मित्र थे, उनकी पहली पत्नी के पिता, जिनकी अप्रत्याशित रूप से मृत्यु हो गई, और जॉर्ज हेनरी लुईस, साथ ही कई अन्य प्रसिद्ध विचारक थे। उनकी माँ की चाची प्रसिद्ध 19 वीं सदी की फोटोग्राफर जूलिया मार्गरेट कैमरन थीं।[उद्धरण चाहिए]

सहित्यकार्य

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वुल्फ को 20वी सदी की एक महत्वपूर्ण उपन्यासकार माना जाता है। वह एक आधुनिकवादी थी जिन्होंने चिंतन की धारा (स्ट्रीम ऑफ कांशसनेस) को कहानी के भाग के रूप में प्रोस्तुत किया। इस समय डोरोथी रिचर्डसन, मार्सेल प्रौस्ट, जेम्स जॉयस आदि जैसे लेखक इस तकनीक का व्यवहार कर रहे थे। वुल्फ की ख्याति १९३० के दसक में खूब रही मगर द्वितीय बिस्वयुद्ध के बाद कम हो गयी। १९७० के दसक में नारीबादी साहित्य समालोचना के उत्थान के वक़्त वुल्फ की प्रोसिद्धता का फिर एक बार स्थापना हुआ।[4]

ग्रन्थसूची

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  • द वोयेज आउट (१९१५)
  • नाइट एंड डे (१९१९)
  • जैकब्स रूम (१९२२)
  • मिस डैलोवे (१९२५)
  • टु द लाइटहाउस (१९२७)
  • और्लेंडो (१९२८)
  • ट वेव्स (१९३१)
  • द ईयर्स (१९३७)
  • बिट्वीन द ऐक्ट्स (१९४१)

लघु कथा संग्रह

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  • मंडे और ट्यूज़्डे (१९२१)
  • द न्यू ड्रेस (१९२४)
  • अ हौन्टिड हाउस और अन्य लघु कथाएं (१९४४)
  • मिसेस डैलोवेज़ पार्टी (१९७३)
  • द कम्प्लीट शॉर्टर फ़िक्शन (१९८५)

आत्मकथाएँ

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वर्जिनिया वुल्फ़ ने निम्नलिखित तीन पुस्तकें प्रकाशित कीं जिन्हें उन्होंने आत्मकथा का उपशीर्षक दिया:

  • ऑर्लैंडो: ए बायोग्राफी (१९२८, वीटा सैकविल-वेस्ट के जीवन से प्रेरित)
  • फ्लश: ए बायोग्राफी (१९३३, एलिजाबेथ बैरेट ब्राउनिंग के कुत्ते फ्लश कि नज़र से उनकी जीवन गाथा)
  • रॉजर फ्राई: ए बायोग्राफी (१९४०)

अकाल्पनिक पुस्तकें

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  • मॉडर्न फिक्शन (१९१९)
  • द कॉमन रीडर (१९२५)
  • ए रूम ऑफ वन्स ओन (१९२९)
  • ऑन बीइंग इल (१९३०)
  • द लन्दन सीन (१९३१)
  • द कॉमन रीडर : द्वितीय श्रंखला (१९३२)
  • थ्री गिनीज़ (१९३८)
  • द डेथ ऑफ़ मोथ एंड अदर ऐस्सैज़ (१९४२)
  • द मोमेंट एंड अदर ऐस्सैज़ (१९४७)
  • द कैप्टेनज़ death बीएड एंड अदर ऐस्सैज़ (१९५०)
  • ग्रेनाइट एंड रेनबो (१९५८)
  • बुक्स एंड पोर्ट्रेट्स (१९७८)
  • वीमेन एंड राइटिंग (१९७९)
  • कलेक्टेड ऐस्सैज़ (छ: संस्करण)
  • फ्रेशवाटर: ए कॉमेडी (१९२३ में प्रस्तुत, १९३५ में संशोधित और १९७६ में प्रकाशित)
  1. "Virginia Woolf". Biography.com (अंग्रेज़ी में). २४ जनवरी २०१८. मूल से 25 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २५ जनवरी २०१८.
  2. "British writer". Encyclopedia Britannica (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २५ जनवरी २०१८.
  3. गूगल ने डूडल से १३६वाँ जन्मदिन मनाया| अभिगमन तिथि २०१८-०१-२५ https://timesofindia.indiatimes.com/business/india-business/google-doodle-celebrates-136th-birthday-of-virginia-woolf/articleshow/62641566.cms Archived 2018-01-25 at the वेबैक मशीन
  4. Beja 1985, pp. 1, 3, 53.

बाहरी कड़ियाँ

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