मिर्च कैप्सिकम वंश के एक पादप का फल है, तथा यह सोलेनसी (Solanaceae) कुल का एक सदस्य है। वनस्पति विज्ञान में इस पौधे को एक बेरी की झाड़ी समझा जाता है। स्वाद, तीखापन और गूदे की मात्रा, के अनुसार इनका उपयोग एक सब्जी (शिमला मिर्च) या एक मसाले (लाल मिर्च) के रूप में किया जाता है। मिर्च प्राप्त करने के लिए इसकी खेती की जाती है।भारतीय उपमहाद्वीप में मिर्च का उपयोग अचार के रूप में बहुतायत में किया जाता है

मिर्च
मिर्च का अचार

मिर्च का जन्म स्थान दक्षिण अमेरिका है जहाँ से यह पूरे विश्व में फैली। अब इनकी विभिन्न किस्में पूरे विश्व में उगायी जा रही हैं। मिर्च का प्रयोग एक औषधि के रूप में भी होता है।

मिर्ची का तीखापन केप्सेसिन के कारण होता है।[1]मिर्ची का लाल रंग केप्सेन्थिन के कारण होता है। मिर्च खाने से विटामिन ए प्राप्त होता है !

घोस्ट पेपर मिर्च

घोस्ट पेपर ( Ghost Pepper ) मिर्च, जिसे भूत जोलोकिया (Bhut Jolokia) के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया की सबसे तीखी मिर्चों में से एक मानी जाती है। यह मिर्च मुख्य रूप से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में उगाई जाती है। इसे "भूत" इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी तीखापन इतना तेज़ होता है कि इसे खाने के बाद व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है जैसे कि आग लग गई हो या भूत चढ़ गया हो।

विशेषताएँ

संपादित करें
  • विज्ञानिक नाम: Capsicum chinense
  • स्कोविल तीखापन इकाई (Scoville Heat Unit - SHU): घोस्ट पेपर मिर्च की तीखापन रेंज लगभग 800,000 से 1,041,427 SHU तक हो सकती है। इसे दुनिया की सबसे तीखी मिर्चों में से एक माना जाता है।
  • रंग और आकार: यह मिर्च 5 से 8 सेंटीमीटर लंबी होती है और पकने पर इसका रंग लाल, नारंगी या पीला हो जाता है।
  1. खाद्य पदार्थों में: इसके अत्यधिक तीखेपन के कारण इसका उपयोग मसाले के रूप में या चटनी, सॉस, और अचार बनाने में किया जाता है। यह मिर्च स्वाद में गहरी और तीखी होती है, इसलिए इसे बहुत कम मात्रा में उपयोग किया जाता है।
  2. रक्षा: कुछ क्षेत्रों में इसका उपयोग प्राकृतिक कीट निवारक या यहाँ तक कि हथियार के रूप में किया जाता है। इसका तीखापन इतना प्रभावी होता है कि इसे मिर्ची स्प्रे (pepper spray) के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

स्वास्थ्य लाभ और सावधानियाँ

संपादित करें
  • स्वास्थ्य लाभ: घोस्ट पेपर मिर्च में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।
  • सावधानियाँ: इसके तीखापन के कारण इसे सीधे त्वचा या आंखों के संपर्क में लाने से बचना चाहिए। इसका सेवन बहुत ही सावधानीपूर्वक करना चाहिए क्योंकि अधिक मात्रा में इसका उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, जैसे पेट में जलन या अन्य पाचन समस्याएँ।

2007 में, इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दुनिया की सबसे तीखी मिर्च के रूप में मान्यता मिली थी, हालांकि बाद में इसे अन्य मिर्चों द्वारा पीछे छोड़ दिया गया, जैसे कि कैरोलिना रीपर (Carolina Reaper)।

घोस्ट पेपर मिर्च ने न केवल भारतीय रसोई में अपनी जगह बनाई है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध हो गई है।

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 5 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 फ़रवरी 2018.

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें