रूप सिंह
रूप सिंह बैस (8 सितंबर 1908 - 16 दिसंबर 1977) भारतीय फील्ड हॉकी के भूतपूर्व खिलाडी थे। उन्हें भारत एवं विश्व हॉकी के क्षेत्र में सबसे बेहतरीन खिलाडियों में शुमार किया जाता है। वे दो बार ओलम्पिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे हैं जिनमें 1932 का लॉस एंजेल्स ओलम्पिक एवं 1936 का बर्लिन ओलम्पिक शामिल है।[1]
रूप सिंह के सम्मान में ग्वालियर के एक स्टेडियम का नाम रूप सिंह स्टेडियम रखा गया। 1936 के ओलंपिक में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद म्यूनिख की एक सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया। लंदन में 2012 में हुए ओलंपिक में भी ध्यानचंद और लेस्ली क्लाडियस के साथ-साथ रूप सिंह के नाम पर एक मेट्रो स्टेशन का नाम रखा गया।[2]
प्रारंभिक जीवन
संपादित करेंरूप सिंह बैस का जन्म 8 सितंबर 1908 जबलपुर के एक राजपूत परिवार में हुआ था। रूप सिंह सुप्रसिद्ध भारतीय खिलाडी ध्यानचंद के छोटे भाई थे।[3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ चतुर्वेदी, अवधेश. हॉकी जानिये. सुबोध पॉकेट बुक्स. पृ॰ 44. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 8170780470.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ संवाददाता, रेहान फ़ज़ल बीबीसी. "ओलंपिक में ध्यानचंद से ज़्यादा गोल किसने किए". BBC News हिंदी. मूल से 26 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-12-02.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 10 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अक्तूबर 2014.
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