रीवा ज़िला
केन्द्र व राज्य शासन की नीतियों का रीवा संभाग में तेजी से क्रियान्वयन हो रहा है। पर्यावरण सुधार व संरक्षण के क्षेत्र में विंध्य के निवासी अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना देश ही नहीं बल्कि विश्व में अपनी पहचान बना चुकी है तथा भारत के मानचित्र पर इस अनोखी परियोजना ने अपना स्थान बनाया है। उन्होंने प्रशासन स्तर पर परियोजना में सहयोग की बात कही।
रीवा जिला ज़िला सफेद शेरों की भूमि | |
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Madhya Pradesh में रीवा जिला ज़िले की अवस्थिति | |
राज्य |
Madhya Pradesh भारत |
प्रभाग | रीवा |
मुख्यालय | Rewa, India |
क्षेत्रफल | 6,240 कि॰मी2 (2,410 वर्ग मील) |
जनसंख्या | 2,365,106 (2011) |
जनघनत्व | 375/किमी2 (970/मील2) |
साक्षरता | 71.60 per cent |
तहसीलें | 11 |
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र | Rewa |
विधानसभा सीटें | 8 |
राजमार्ग | NH 7, NH 27, NH 75 |
आधिकारिक जालस्थल |
- रीवा जिला भारत के राज्य मध्य प्रदेश का एक जिला है।आजादी के बाद विन्ध्य प्रदेश की राजधानी रहा बाद में मध्यप्रदेश के पुनर्गठन के समय इसे १९५६ में मध्य प्रदेश में मिला लिया गया , विश्व का पहला सफ़ेद शेर यही के बघेल राजाओ द्वारा पकड़ा और पाला गया ,विश्व के सभी सफ़ेद शेर यही की देन हैं , सफ़ेद शेर मोहन के नाम पर १९८७ में डाक टिकट भी जारी किया गया|यहाँ के सुपाड़ी से बने खिलौने और मुर्तिया भी विश्व में प्रसिद्द है|
- रीवा शहर -रीवा शहर जिले के पश्चिमी किनारे में बसा है जिससे कुछ ही दुरी पर सतना जिले की सीमाए लग जाती है ,रीवा शहर दो नदियों के किनारे बसा है जो बिछिया और बीहर है ,बिछिया और बीहर नदी के संगम पर ही रीवा किला बना हुआ है वही पर भगवान महामृतुन्जय का मंदिर स्थित है ,संगम के बाद आगे केवल बीहर नदी जानी जाती है, नदियों में बाणसागर बांध से वर्ष भर पानी आता रहता है जिससे नदिया सूखती नहीं |
- मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी - रीवा और सतना जिले बॉर्डर के जंगल में इस सफारी का निर्माण किया गया है ,जिसका ज्यदातर हिस्सा सतना जिला में है ,किन्तु यहाँ तक पहुंचना रीवा शहर से 13 किमी (निपनिया-तमरा रोड)जबकि सतना से 50 किमी है इसलिए रीवा से ज्यादा सुगम तथा नजदीक है| 19 सितम्बर2018 को रेलवे स्टेशन रीवा से मुकुंदपुर सफारी के लिए सिटी बस की सुरुआत हो गयी है
- सोलर पार्क -एशिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क(विदुत उत्पादन केंद्र ) रीवा की गुढ़ तहसील की बदवार पहाडियों पर बनाया गया है , जिससे दिल्ली मेट्रो को बिजली दी जा रही है, इसमें 750 MW बिजली उत्पादन शुरुआत हो चुकी है तथा 10 जुलाई 2020 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के हाथों द्वारा उद्घाटन किया गया है
भूगोल
24’18 और 25’12 उत्तर अक्षांश तथा 81’2 और 82’18 पूर्व देशांतर में स्थित है, जो उत्तर-पूर्व में विभक्त करती है। यह जिला उत्तर-पूर्व में उत्तर प्रदेश सीमा से लगा हुआ है। दक्षिण में सीधी जिला, तथा पश्चिम में सतना जिले की अमरपाटन और रामपुर बघेलान तहसील हैं। जिले का आकार त्रिभुजाकार है। एक ओर जिले की सीमाएं सतना तथा दो ओर से पूर्व में इलाहाबाद से मिलती है। जिला चार प्राकृतिक भागों में विभक्त है जिसमें कैमोर का पहाड़, बिंज पहाड़, रीवा का पठारीय क्षेत्र या उपरीहार। रीवा मुख्यतः एक पठारी क्षेत्र है। इसका दक्षिण-पूर्वी हिस्सा काफी ऊंचा है। दक्षिण में कैमोर रेंज की ऊंचाई 450 मीटर से भी अधिक ऊंची है। जिले में कई पहाड़ियां, समतल क्षेत्र, वाटर फाल आदि दर्शनीय स्थल हैं। जिले में वर्षा का पानी गंगा की सहायक तमस, टोंस और सोन नदियों में जाता है। टोंस और तमस नदियां जिले के कैमोर क्षेत्र में पानी पहुंचाती है।
जनसांख्यिकी
2011 की जनगणना के अनुसार रीवा की जनसंख्या 2,365,106 जिसमे पुरुषो की संख्या 1,225,100 और महिलाओ की संख्या 1,140,006 हैं 2001 की जनगणना के अनुसार इस 2011 की जनगणना में 19.86 प्रतिशत की वृद्धि हुयी हैं। रीवा जिले में रहने का घनत्व 375 लोग प्रति किलोमीटर वर्ग हैं जबकि 2001 में यह दर 313 व्यक्ति प्रति किलोमीटर वर्ग था। लिंग अनुपात 1000 लड़को में 926 लड़कियो का अनुपात 2011 में रहा। रीवा में शिक्षित लोगो की प्रतिशत 71.62 हैं।
शिक्षा
जिले में एकमात्र विश्वविद्यालय - अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा है। इसके अलावा माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपल की क्षेत्रीय शाखा भी कार्य कर रही है ,बाबा साहब आंबेडकर विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय शाखा भी निर्माणाधीन है।
जिले में निम्न महाविद्यालय हैं
- श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय
- शासकीय इन्जीनियारिंग महाविद्यालय
- कृषि महाविद्यालय
- पशु चिकित्सा महाविद्यालय
- शासकीय अभियान्त्रिक महाविद्यालय
- ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय
- आदर्श विज्ञान महाविद्यालय
- नवीन विज्ञान महाविद्यालय
- जनता महाविद्यालय
- व्यंकट संस्कृत महाविद्यालय रीवा (शासकीय )
- जवाहर लाल नेहरू कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी रताहरा
- आयुर्वेदिक महाविद्यालय निपानिया (शासकीय)
रीवा
- रीवा इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी रताहरा रीवा
- कृष्णा कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी मनगवां रीवा
जिले में निम्न विद्यालय हैं:
- सैनिक स्कूल
- केंद्रीय विद्यालय क्र१ और २
- मार्तण्ड विद्यालय क्र १,२,३
- शासकीय उच्च .माध्य . विद्यालय क्र. १ और २
- प्रविण कुमारी विद्यालय(बालिका)
- सुदर्शन कुमारी विद्यालय(बालिका)
- ज्योति विद्यालय
- सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जेल मार्ग
- मारुति विद्यालय नेहरु नगर व इत्तोरा
- मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केन्द्र, बिछिया,रीवा
- सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निराला नगर
प्रसिद्ध स्थल
- चचाई जल प्रपात।
- बहुती जल प्रपात।
- केंवटी जल प्रपात।
- देउर कोठार - यहाँ पर प्राचीन बौद्ध स्तूप है जिसे सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया था।
- गोविंदगढ़ ( किला जहा पहला सफ़ेद शेर रखा गया था और भोपाल के बाद दूसरा सबसे बड़ा तालाब )
- लक्ष्मणबाग धाम ( चारो धाम के देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा)
- बघेल राजाओं का किला,रीवा शहर
- व्यंकट भवन संग्रहालय, रीवा शहर
- रानी तालाब ,रीवा शहर
- पचमठा मन्दिर (भगवान आदि-शंकराचार्य द्वारा अनुग्रहित ,उनके द्वारा कुछ दिन इस मंदिर में निवास किया गया तथा पांचवे मठ के रूप में मान्यता दी गई )
- चिरहुला नाथ हनुमान जी मन्दिर , रीवा शहर
श्री चिरहुलानाथ मन्दिर:- चिरहुला नाथ मंन्दिर रीवा नगर के पूर्व दिशा में चिरहुला में प्रसिद्ध हनुमान मन्दिर है। इस मन्दिर का निर्माण रीवा के तत्कालीन नरेश महाराज भाव सिंह के शासन काल में हुआ था। यह मन्दिर एक सिद्धपीठ है, जहाँ प्रति मंगलवार एवं शनिवार को कई हजार नागरिक दर्शन के लिये आते हैं। कहा जाता है कि श्री चिरहुलानाथ हनुमान जी की स्थापना अखाडघाट के महन्त सुखदेवदास (रामदास) के शिष्य हनुमान दास ने की थी। श्री हनुमान दास को हनुमान जी की कृपा प्राप्त थी। वर्तमान समय में मन्दिर का सर्वागीण विकास श्री चिरहुलानाथ मन्दिर निर्माण समिति रीवा द्वारा कराया जा रहा है। मन्दिर परिसर में 12 जोर्तिलिंग मंन्दिर तथा हवन मण्डप का निर्माण कराया गया है। चिरहुला मन्दिर के समीप ही रामसागर तथा खेमसागर हनुमान मन्दिर भी स्थित हैं। रीवा. प्रशासन ने जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों को तीर्थ स्थल के रूप में विकास करने की पहल शुरू कर दी है। धार्मिक स्थल के रूप में चिरहुला मंदिर प्रसिद्ध है। यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं। शुक्रवार को कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव भोपाल से आए एप्को के दो सदस्यों के साथ चिरहुला मंदिर परिसर का भ्रमण किया। उन्होंने चिरहुला मंदिर, धर्मशाला, तालाब और मंदिर तक जोडऩे वाले मार्गों का निरीक्षण किया।
कलेक्टर ने भोपाल से आई टीम के सदस्यों को बताया कि चिरहुला हनुमान मंदिर जिले का प्रसिद्ध मंदिर है यहां भक्तों की हमेशाा भीड़ लगी रहती है। मंदिर परिसर, धर्मशाला तथा तालाब के सौन्दर्यीकरण एवं विकास के लिए एक महीने की अवधि में विस्तृत कार्य योजना बनाई जाएगी। एप्को के इंजीनियर तथा वास्तुविदों द्वारा मंदिर परिसर का निरीक्षण किया गया है।
बताया कि मंदिर के सौन्दर्यीकरण तथा आमजनता की सुविधाओं के विस्तार के लिए आवश्यक निर्माण कार्य कराएं जाएंगे। मंदिर परिसर की दुकानों को व्यवस्थित करने तथा अतिक्रमण हटाने की भी कार्यवाही की जाएगी। चिरहुला मंदिर धार्मिक स्थल के साथ-साथ पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मंदिर के आसपास के सौन्दर्यीकरण तथा साफ.-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- ढुढेश्वर नाथ मंदिर (गुढ़ रीवा)
- वैष्णवी देवी मंदिर
- साईं मंदिर,रीवा
- महामृत्युंंजय मन्दिर किला ( भारत का इकलौता विशिष्ट १००८ छिद्रों वाला शिवलिंग )
- देवतालाब भगवान् शिव का एक ही पत्थर का मंदिर
- शारदा माता मंदिर बुड़वा
- फूलमती माता
- करमासिन माता (रायपुर कर्चुलियान)
- जालपा देवी उपरहटी
- अष्टभुजी देवी नईगढ़ी
- बसामन मामा मंदिर
- पडुई हनुमान मंदिर तमरा(बांसी)
- भैरव बाबा मंदिर (गुढ़)
- कष्टहरनाथ शिवलिंग (गुढ़,रीवा)