राष्ट्रीय साक्षरता मिशन
किसी भी व्यक्ति के लिए शिक्षा आज के समय में सबसे बड़ा हथियार है. हमारा देशप्राचीन समय से विश्वगुरु रहा है. पर आज हमें देश के युवाओ को शिक्षित करना जरुरी है. क्योकि शिक्षा के अभाव में किसी राष्ट्र का विकास संभव नहीं है.
साक्षरता अभियान
संपादित करेंआज हमारा देश अन्य कई देशो से आर्थिक स्थिति से पीछे है. जिसका सबसे बड़ा कारण देश साक्षरता दर का कम होना जैसे जैसे देश में शिक्षित लोगो की संख्या बढ़ रही है. देश में विकास हो रहा है.
हमारे देश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार ने कई कानून बनाए है. आज देश में अनेक ऐसे लोग है. जो अपने बच्चो को भोजन नहीं दिला पाते ऐसे लोगो के बच्चे कैसे शिक्षित बनेंगे?
इन सभी समस्याओ का समाधान भारत सरकार के इस अभियान में है. इसमें सभी को नि शुल्क शिक्षा दी जाती है. तथा विद्यालय का निर्माण हर गाँव में किया जा रहा है. जिससे बच्चो को दूर न जाने पड़े.
देश में निशुल्क शिक्षा से लाखो बच्चे शिक्षित हो सकेंगे. तथा एक गरीब परिवार से अपनी शिक्षा के बल पर अच्छा कार्य करेंगे. तथा गरीबी से मुक्ति प्राप्त करेंगे.
किसी भी राष्ट्र की सामाजिक एवं सांस्कृतिक उन्नति वहां की शिक्षा व्यवस्था पर निर्भर करती हैं. लम्बे समय तक भारत पराधीन रहा, इस कारण यहाँ शिक्षा व्यवस्था का का पूरा विकास नहीं हुआ.
अब हमारी सरकार अशिक्षा एवं निरक्षरता को दूर करने का प्रयास कर रही हैं. और जगह जगह विद्यालय खोले जा रहे हैं. सभी को अक्षर ज्ञान हो, इसके लिए हमारे देश में साक्षरता अभियान चलाया जा रहा हैं.
साक्षरता अभियान का स्वरूप
संपादित करेंस्वतंत्रता मिलने के बाद साक्षरता का प्रतिशत बढ़ाने के लिए सबसे पहले बुनियादी शिक्षा प्रारम्भ की गई. इसके बाद सारे देश में प्रौढ़ शिक्षा का कार्यक्रम राष्ट्रीय नीति के रूप में प्रारम्भ किया गया.
इसके लिए प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी नियुक्त किये गये और बेरोजगार शिक्षित युवक, सेनानिवृत कर्मचारी एवं समाज सेवक लोग इस कार्य में लगाए गये. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जगह जगह पाठशालाएं खोली गई और जनजातियों हरिजनों तथा कृषक श्रमिकों को साक्षर बनाने का पूरा प्रयास किया गया.
इस तरह के अभियान से निरक्षरता कम होने लगी और साक्षरता का प्रतिशत बढ़ रहा हैं. अब प्रत्येक नागरिक शिक्षा का महत्व समझने लगा हैं. राजस्थान में साक्षरता अभियान के रूप में शिक्षा आपके द्वार पर कार्यक्रम चल रहा हैं.
साक्षरता अभियान से लाभ
संपादित करेंइस अभियान से जन जागरण हुआ हैं. हमारे प्रदेश राजस्थान में निरक्षरता का प्रतिशत पहले अधिक था, परन्तु अब साक्षरता का प्रतिशत काफी बढ़ गया हैं. छोटे गाँवों और ढाणियों में हजारों विद्यालय राजीव गांधी पाठशाला के नाम से खोले गये हैं.
उनमें निम्न वर्ग व गरीब लोगों के बच्चों को दिन में भोजन दिया जाता हैं. रात्रि में प्रौढ़ शिक्षा केंद्र चलाए जा रहे हैं, जिनसे बूढ़े लोग भी साक्षर बन रहे हैं. सरकार ने माध्यमिक स्तर तक निशुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की हैं. इससे भी साक्षरता अभियान काफी सफल हो रहा हैं.
उपसंहार
संपादित करेंसाक्षरता अभियान में धन की कमी एक बड़ी बाधा हैं, फिर भी शिक्षित बेरोजगार युवकों के सहयोग से यह योजना चल रही हैं. जन सहयोग से प्रौढ़ शिक्षा का प्रसार हो रहा हैं. निरक्षरता हमारे समाज पर एक काला दाग हैं उसे साक्षरता अभियान से ही मिटाया जा सकता हैं.