राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, श्रीनगर
राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, श्रीनगर, कश्मीर की स्थापना १९६० में की गई थी तथा ७ अगस्त २००३ को इसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा दिया गया था। संस्थान सिविल इंजीनियरिंग, विद्युत इंजीनियरिंग, इलैक्ट्रानिक तथा संचार इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, रसायन तथा धातुकर्मीय इंजीनियरिंग, विषयों में अवर स्नातक पाठयक्रम तथा संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी और मैकेनिकल सिस्टम डिजाईन में एमई पाठयक्रम संचालित करता है। संस्थान सभी विज्ञान विभागों तथा कुछ इंजीनियरिंग विभागों हेतु एम.फिल तथा पी.एच-डी. कार्यक्रम भी प्रदान करता है। पुस्तकालय तथा प्रशासन सहित विभिन्न विभागों के बीच नेटवर्क स्थापित किया गया है।[3]
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पूर्व नाम | Regional Engineering College Srinagar |
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ध्येय | Tamaso Ma Jyotir Gamaya |
Motto in English | Lead me from Darkness to Light |
प्रकार | Public technical university |
स्थापित | 1960 |
सभापति | Rakesh Sehgal (Ex-officio)[1] |
निदेशक | Rakesh Sehgal[2] |
शैक्षिक कर्मचारी | 150+ |
छात्र | 3845 |
स्नातक | 3045 |
परास्नातक | 416 |
384 | |
स्थान | Srinagar, Jammu and Kashmir, 190006, India 34°7′30″N 74°50′23″E / 34.12500°N 74.83972°Eनिर्देशांक: 34°7′30″N 74°50′23″E / 34.12500°N 74.83972°E |
परिसर | Urban |
जालस्थल | nitsri |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "National Institute of Technology Srinagar" (PDF). National Institute of Technology Srinagar. अभिगमन तिथि 29 September 2020.
- ↑ "National Institute of Technology, Srinagar". National Institute of Technology, Srinagar. अभिगमन तिथि 27 February 2020.
- ↑ "राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, श्रीनगर". संस्थान का आधिकारिक जालस्थल. मूल से 16 अप्रैल 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ४ मई २००९.
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