राइबनिया दुर्ग
राइबनिया दुर्ग (Raibania fort) भारत के ओड़िशा राज्य के बालेश्वर ज़िले में एक दुर्गों का समूह है। यह पूर्वी भारत का सबसे बड़ा मध्यकालीन दुर्ग है। इसका निर्माण 13वीं शताब्दी में पूर्वी गंगवंश के राजा नरसिंह देव प्रथम के काल में बना था। यहाँ दुर्ग से सम्बन्धित 161 दुर्ग देवियाँ स्थापित हैं, जिनमें से एक देवी जयचण्डी का रूप है। यहाँ चार दुर्ग पाए गए हैं, जिनमें से दो बड़े वाले राइबनिया गाँव के समीप हैं, जबकि अन्य दो फुलटा (फुलहत्ता) गाँव के पास हैं। इन दुर्गों को कालापहाड़ के उत्कल पर हुए हमले में भारी हानि पहुँची। उसके पश्चात राइबनिया दुर्ग को छोड़कर अन्य दुर्गों की सामग्री को स्थानीय ज़मीनदारों व गाँववालों ने अपने निर्माणों में प्रयोग करा।[1][2][3]
राइबनिया दुर्ग | |
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Raibania Fort ରାଇବଣିଆ ଦୁର୍ଗ | |
बालेश्वर ज़िला, ओड़िशा | |
निर्देशांक | 21°55′35″N 87°11′12″E / 21.9264°N 87.1867°Eनिर्देशांक: 21°55′35″N 87°11′12″E / 21.9264°N 87.1867°E |
स्थल जानकारी | |
दशा | खण्डहर |
स्थल इतिहास | |
निर्मित | 13वीं शताब्दी |
निर्माता | नरसिंह देव प्रथम, पूर्वी गंगवंश |
सामग्री | बलुआ पत्थर |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Bijaya Kumar Rath; Kamalā Ratnam (1995). The Forgotten Monuments of Orissa. Publications Divisions Ministry of Inf & Broadcasting Government of India. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-230-0313-9.
- ↑ H. C. Das (1986). Military History of Kalinga. Punthi Pustak.
- ↑ Ramesh Prasad Mohapatra (August 1986). Archaeology in Orissa: Sites and Monuments. Stosius Inc/Advent Books Division. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7018-346-4.