रक्त प्रवाह की गतिकी को रक्त प्रवाह संचरण कहते हैं। परिसंचरण तंत्र का समस्थापन ठीक उसी तरह होता है जैसे जलचालित परिपथ नियंत्रण प्रणाली द्वारा संचालित होता है।

रक्त-प्रवाह

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रक्त प्रवाह में रक्त का मतलब खून और प्रवाह का मतलब संचालन होता है। हर जीवित प्राणी के शरीर में रक्त का महत्पूर्ण योगदान है। शरीर में कई अंग होते हैं और सभी महापूर्ण अंगो के बीच रक्त पोषक तत्व को पहुचता है। यदि रक्त का प्रवाह कम या ज्यादा हो जाये तो शारीर में कई रोग उत्पन हो जाती है।[1]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 25 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 जुलाई 2020.

बाहरी कड़ियाँ

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