यथार्थ
यथार्थ का अर्थ सर्वमान्य है।[1] व्यवस्थित रूप का ज्ञान यथार्थ ज्ञान कहलाता है जिसकी होने की संभावना सर्वाधिक हो, वही यथार्थ है।[2]कल्पना से बड़ा कोई यथार्थ नहीं होता।[3]
यथार्थ सिद्धांतो के तराजू का वो पलड़ा है जो सर्वहित भाव के अधिक भार से अभिभूत हो कर अपलावित होता है.... भाव से यथार्थ को अनुभव किया जा सकता है।
सन्दर्भ
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- ↑ "हिन्दी शब्दकोश से यथार्थ शब्द का अर्थ तथा उदाहरण पर्यायवाची एवं विलोम शब्दों के साथ।". अमरकोश.भारत. अभिगमन तिथि 21 मई 2022.
- ↑ "यथार्थ का मतलब". अभिगमन तिथि 21 मई 2022.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ हिमाशु, जोशी (2006). अगला यथार्थ. पेंगुइन बुक्साँ.