मेव उत्तर-पश्चिमी भारत से एक मुस्लिम समुदाय है ये खासकर मेवात मे रहते है। मेवात एक ऐतिहासिक क्षेत्र है जिसमे हरियाणा का नूह और पलवल की हथीन तहसील और राजस्थान के अलवर और भरतपुर जिलों का बड़ा हिस्सा शामिल हैं। मेव मेवाती बोलते हैं।[1]

मेव आम तौर पर वंशानुक्रम के मुस्लिम कानून का पालन नहीं करते हैं और इसलिए उनके बीच, क्षेत्र के विभिन्न अन्य समुदायों की तरह, रिवाज एक छोटे भाई या चचेरे भाई को एक साधारण निकाह समारोह द्वारा मृतक की विधवा से शादी करवाते हैं।[2]

मेव मेवात के निवासी हैं, एक ऐसा क्षेत्र जिसमें हरियाणा का नूह और राजस्थान के भरतपुर और अलवर शामिल हैं। उत्तर प्रदेश का भी मथुरा जिले का कुछ भाग शामिल हैं , जहां मेव सदियों से रहते आ रहे हैं। एक सिद्धांत के अनुसार, वे हिंदू राजपूत ,जाट, अहीर और मीणा थे जो 12 वी शताब्दी के बीच इस्लाम में परिवर्तित हो गए। मेव इतिहास मे एक बहादुर कौम रही है। इतिहास में तारीख ए फिरोजशाही मे मिलता है की मेवों के डर से दिल्ली के शासक ने दिल्ली के चारो तरफ के मार्ग बंद कर दिए थे। हतिया मेव राजा हसनखा मेवाती राजा नाहर खां मेवाती प्रमुख नाम हे।


  1. Sharma, Mukesh Kumar (2017-07-12). "नंदकिशोर आचार्य के काव्य का भाषिक और साहित्यिक वैशिष्ट्य : नई सदी के विशेष संदर्भ में". RIVISTA. 1 (1): 25–34. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 2529-7953. डीओआइ:10.26476/rivista.2017.01.25-34.
  2. Ali, Hashim Amir; Khan, Mohammad Rafiq; Kumar, Om Prakash; Committee, India Planning Commission Research Programmes (1970). The Meos of Mewat: Old Neighbours of New Delhi (अंग्रेज़ी में). Oxford & IBH Publishing Company.