मेधा पाटकर
मेधा पाटकर दिसम्बर १, १९५४ में जन्मीं थी। वे एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता तथा सामाज सुधारक है।[1] वे भारतीय राजनीतिज्ञ भी है। मेधा पाटकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक के नाम से भी जानी जाती है। उनहोने नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरुआत की थी।[2]
मेधा पाटकर | |
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Medha Patkar in 2002 | |
जन्म |
1 दिसम्बर 1954 Bombay, Bombay State, India |
उपनाम | Medha tai |
शिक्षा | MA in Social Work |
शिक्षा की जगह | टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान |
पुरस्कार | Right Livelihood Award |
नर्मदा बचाओ आंदोलन
संपादित करेंमेधा पाटकर पर्यावरण सक्रियता के लिए मानी जाती हैं। नर्मदा बचाओ आंदोलन में उनका गहरा हाथ हैं। नर्मदा नदी महाराष्ट्रा, मध्या प्रदेश तथा गुजरात में से बहकर अरेबिअन समुद्र तक पहुँचती हैं। इस नदी पर काफ़ी सारे छोटे बांध एवं सरदार सरोवर बांध को बनाने की अनुमती सरकार ने दी थी। इस से हज़ारो आदीवासियों का नुकसान होता। साथ ही साथ किसानों का भी नुकसान हो रहा था। उन से उनकी रहने की जगह छीन लिया जा रहा था। आदीवासियों का विस्थापन हो रहा था और उस के लिये उन्हें मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा था। पाटकर उन लोगों में से एक थी जो इस अन्याय से लड़ रही थी। अपना पूरा समय नर्मदा नदी पर लगाने के लिए उन्होनें अपनी पी.एच.डी की पढ़ाई छोड़ दी।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Golden, Frederic (April 26, 2000), "A Century of Heroes", TIME
- ↑ "TISS official website – About TISS". Tiss.edu. TISS. अभिगमन तिथि 25 July 2017.