माता प्रसाद एक दलित विद्वान हैं जो २१ अक्टूबर १९९३ से लेकर १६ मई १९९६ तक अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे हैं। श्री माता प्रसाद ने प्रथम स्वाधीनता संग्राम की एक अल्पज्ञात सेनानी झलकारी बाई की जीवनी की रचना की है।