महावत खाँ
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जनवरी 2021) स्रोत खोजें: "महावत खाँ" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
महावत खां मुगल राज्य का एक मनसबदार और दरबारी था।महावत खां का प्रभाव तब बढ़ने लगा जब परवेज़ और महावत खां ने खुर्रमको उन्होंने पराजित किया था,इससे नूरजहाँ चिंतित हो गई और उसका प्रभाव समाप्त करने के लिए उसे बंगाल का सूबेदार बना कर बंगाल भेज दिया।इसके अलावा नूरजहाँ ने महावत को अपमानित करने के लिए उस पर कई आरोप लगाए और बँगाल व बिहार से मिले हाथियो का तथा प्रांत के आय व व्यय का हिसाब भी माँगा।
नूरजहाँ ने आरोप लगाया कि महावत खान ने सम्राट की आज्ञा के बिना ही अपनी पुत्री की शादी ख्वाजा उमर नक्शबंदी के पुत्र से कर दी है,इस पर उस युवक को अपमानित कर जेल में दाल दिया तथा वो सारा धन व वस्तुएं उस युवक से जब्त कर ली थी जो महावत खां ने उसे दी थी।
इस से महावत खान बहुत ही दुखी हुआ।
अंत मार्च 1625 ईस्वी महावत खान अपने चुने हुए 4-5 हज़ार राज पूत सैनिको को लेकर जहाँगीर के शिविर के पास पंहुचा।उस समय जहांगीर कश्मीर से लौट कर काबुल जा रहा था। महावत ने जहाँगीर को सरलता से बन्दी बना लिया और नूरजहाँ को भी बन्दी बना लिया।नूरजहाँ ने अपनी सूझ बूझ से महावत खां के सैनिकों में फूट डाल कर जहाँगीर को तथा स्वयं को आज़ाद कराया।
महावत खान दक्षिण में भाग गया और खुर्रम के सरंक्षण में रहने लगा।
यह भारतीय इतिहास से सम्बंधित लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |