महाबलिपुरम के तट मन्दिर
संरचनात्मक मंदिर, ग्रेनाइट के ब्लॉक के साथ बनाया गया, 8 वीं शताब्दी के विज्ञापन से डेटिंग, यह महाबल
तटीय मन्दिर (७००-७२८ ई. में निर्मित) को ये नाम इसलिये मिला क्योंकि ये बंगाल की खाड़ी के तट पर ही स्थित हैं। इस मंदिर को दक्षिण भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में माना जाता है जिसका संबंध आठवीं शताब्दी से है। यह मंदिर द्रविड वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। यहां तीन मंदिर हैं। बीच में भगवान विष्णु का मंदिर है जिसके दोनों तरफ से शिव मंदिर हैं। मंदिर से टकराती सागर की लहरें एक अनोखा दृश्य उपस्थित करती हैं।
तट मंदिर | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | मामल्लपुरम या महाबलिपुरम, कांचीपुरम जिला |
राज्य | तमिल नाडु |
देश | भारत |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | द्रविड़ स्थापत्यकला |
निर्माता | नरसिंहवर्मन् 2, पल्लव राजवंश |
तट मंदिर, महाबलिपुरम | |||||||
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महाबलिपुरम के तट मंदिर युनेस्को विश्व धरोहर स्थल | |||||||
मामल्लपुरम के तटीय मंदिर (महाबलिपुरम) (700–728 AD) | |||||||
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सन्दर्भ
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
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