मधेपुरा
मधेपुरा (Madhepura) भारत के बिहार राज्य के मधेपुरा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है। मधेपुरा 1845 ईसवी में अनुमंडल बनाया गया था। तब ये भागलपुर जिले में था और उत्तरी भागलपुर का इलाका कहलाता था। 1865 में तत्कालीन अंग्रेजी सरकार ने किशनगंज में स्थित मुंसिफ न्यायालय को मधेपुरा में स्थानांतरित कर दिया। 1934 कोसी नदी के प्रकोप के कारण न्यायालय को सुपौल में स्थानांतरण कर दिया गया। 1938 न्यायालय फिर से सुपौल से मधेपुरा लाया गया। 1944 में मधेपुरा में सब जज कोर्ट की स्थापना की गई। 1954 में सहरसा जिला बना और मधेपुरा उसका अनुमंडल। 1981 में मधेपुरा को जिले का दर्जा दिया गया। वर्तमान में जिले में दो अनुमंडल मधेपुरा और उदाकिशुंगज है। मधेपुरा में एक विश्वविद्यालय,एक मेडिकल कॉलेज और एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी है। मधेपुरा में अल्स्टॉम और रेलवे का संयुक्त उद्यम है जो शक्तिशाली विद्युत इंजिन बनाने का काम करती है।मधेपुरा नगर से पांच मील दूर सिंहेश्वर स्थान का प्रसिद्ध मंदिर है जहां लोग प्राचीन काल से दर्शन के लिए आते रहे हैं।मधेपुरा रेल और सड़क यातायात के जरिए देश के दूसरे हिस्से से जुड़ा हुआ है।
मधेपुरा Madhepura | |
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निर्देशांक: 25°54′50″N 86°46′59″E / 25.914°N 86.783°Eनिर्देशांक: 25°54′50″N 86°46′59″E / 25.914°N 86.783°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | बिहार |
ज़िला | मधेपुरा ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 54,476 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी, मैथिली |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
नामकरण
उत्तर बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित है मधुरौट शाखा के मधुवंशी यादव क्षत्रियों का नज़रगंज राजघराना जिसका पूरे बंगाल प्रेसिडेंसी में एक अलग रूतबा था।इन यदुवंशियों इतिहास मथुरा से शुरू होने के कारण ही मधुरौट वंश कहलाया, महाराज मधु के नाम से ये मधुवंशी या माधव वंशी भी कहलाते हैं, द्वारकाधीश के पूर्वज और महराज यदु के पीढ़ी में जन्मे महाराज मधु बहुत ही प्रतापी राजा थे। उन्होंने हीं मथुरा शहर की स्थापना की थी तथा इनके प्रताप के कारण हीं द्वारकाधीश भगवान् श्रीकृष्णचंद्र को माधव भी कहा जाता है। कालांतर में यादव राजस्थान तथा मथुरा से विस्थापित होते हुए बिहार में प्रवेश किया अपने पूर्वज महाराज मधु के नाम पर मधुबनी तथा मधेपुरा जैसे इलाके आबाद करते हुए पूर्णियां के नज़रगंज राजघराना का स्थापना कर वहीं बस गए। [1][2]
विवरण
संपादित करेंयहाँ रेलगाड़ी का विद्युत इंजन बनाने का कारखाना है। यहाँ 1992 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी जिसे हम भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय (BNMU) के नाम से जानते हैं। यहाँ पर वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मार्च 2020 में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई जिसे जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय का नाम दिया गया। इसके अलावा यहाँ एक इंजीनियर काॅलेज भी हैं जिसकी स्थापना 2018 में की गई जो फिलहाल जिला मुख्यालय स्थित शिव नन्दन प्रसाद मंडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन में पठन-पाठन का कार्य चल रहा है जिसका नामकरण बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और मंडल आयोग के अध्यक्ष रहे बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल के नाम से किया गया। इसके आलावा यहाँ दर्शनीय स्थल में कृष्ण मंदिर भी प्रसिद्ध हैं साथ ही जिला मुख्यालय से छ किलोमीटर दूर शिहेश्वर स्थान का महादेव मंदिर भी प्रसिद्ध हैं जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect Archived 2017-01-18 at the वेबैक मशीन," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
- ↑ "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810
MP Board 12th Blueprint 2023 PDF Archived 2022-12-23 at the वेबैक मशीन