मतीरे की राड़
ऐतिहासिक युद्ध
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मतीरे की राड़ एक युद्ध था जो नागौर के अमरसिंह व बीकानेर के करणसिंह मध्य 1644 ई. में लड़ा गया था। अमरसिंह हार गये थे [1][2] इस युद्ध में बीकानेर के करण सिंह ने विजय प्राप्त की।[3] VG इसका वर्णन काशी छगाड़ी द्वारा लिखा ग्रंथ छत्रपति रासो में है ।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "मतीरे की राड़" - जब एक तरबूज के लिए लड़ी गई लड़ाई और शहीद हो गए हजारो सिपाही". मूल से पुरालेखित 11 नवंबर 2017. अभिगमन तिथि 29 अप्रैल 2022.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
- ↑ "मतीरे की राड़: जब महज एक तरबूज के लिए दो रियासतों में हुई थी खूनी लड़ाई, मारे गए थे हजारों सैनिक". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2021-07-24.
- ↑ "मतीरे की राड़" - जब एक तरबूज के लिए लड़ी गई लड़ाई और शहीद हो गए हजारो सिपाही - Rajasthan Khabre". Dailyhunt (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-07-24.