भ्रामरी एक हिन्दू देवी हैं। वे शक्ति की अवतार मानी जातीं हैं। इनके द्वारा ही अरुणासुर नामक दैत्य का वध किया गया था।

माँ भ्रामरी देवी जगदम्बा भवानी शाकम्भरी का ही एक स्वरूप है। माँ भ्रामरी देवी का मंदिर हरियाणा के हिसार मे बनभौरी[1] के नाम से विख्यात है। भ्रामरी देवी की एक प्रतिमा सिद्धपीठ माँ शाकम्भरी देवी के भवन मे भी स्थापित है। माँ भ्रामरी देवी की यह प्रतिमा उत्तराभिमुख है।

माँ का एक स्थान आंध्र प्रदेश राज्य के कुर्नूल ज़िले मे पर्वत पर देवी भ्रमराम्बा शक्तिपीठ और मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग दोनों ही स्थित हैं। इसके पौराणिक और ऐतिहासिक व्याख्यान भी मिलते हैं। श्रीशेलम पर 'माँ भ्रमराम्बा मंदिर' स्थापित है, जो माँ सती के पावन 51 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ माता सती की ग्रीवा का पतन हुआ था। यहाँ माता को भ्रमराम्बिका या भ्रमराम्बा देवी के नाम से पूजा जाता है जो वस्तुत माँ भ्रामरी ही है। उनके साथ भगवान् शिव 'शम्बरानंद भैरव' के रूप में विराजमान हैं जिनको मल्लिकार्जुन भी कहा जाता है।

भ्रामरी देवी
जीवों की विधाता और मधुमक्खियों की देवी

भंवरों की देवी
संबंध पार्वती की अवतार
निवासस्थान मणिद्वीप और कैलाश
मंत्र ॐ भ्रामरीाय: पार्वतीाय: नमः
अस्त्र त्रिशूल, तलवार, ढाल और गदा
युद्ध अरुणासुर वध
जीवनसाथी शिव
शास्त्र देवी भागवत

बाहरी कड़ियाँ[2]

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  1. "Banbhori Mata Katha: भ्रामरी/ बनभौरी माता कथा व महत्व". Store Pdf. 28/01/2024. मूल से 28 जनवरी 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28/01/2024. |firstlast= missing |lastlast= in first (मदद); |access-date=, |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
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