भेरात नारायण गणित पुरोहितान के अनुसार भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं। कर्नल जेम्स- टॉड के अनुसार कुम्भलमेर से अजमेर तक की पर्वतीय श्रृंखला के अरावली अंश परिक्षेत्र को मेवाड़ कहते है। मेव+ वाड़ा अर्थात मेवो का रहने का स्थान। कतिपय इतिहासकारों की राय है कि " मेव " शब्द से मेवाड़ बना है। यहां सवाल खड़ा होता है कि क्या मेव ही मीणा है। कई इतिहासकारो का कहना है किसी समय यहां विभिन्न समुदायो के समीकरण से बनी मेव समुदाय का बाहुल्य रहा जो आज यहा नहीं है। कहा यह भी जाता... है कि यह समुदाय परिस्थितियों और समय के थपेड़ों से संघर्ष करती कतिपय झुंझारू आदिवासी समुदायों से बना एक समीकरण था। श्री प्रकाश चन्द्र मेहता ने अपनी पुस्तक " आदिवासी संस्कृति व प्रथाएं के पृष्ठ 201 पर लिखा है कि मेवात मे मेव व मेवाड़ में मेव का वर्चस्व था।