भीमसेन
भीमसेन कर्नाटक संगीत और हिंदुस्तानी संगीत (भारतीय शास्त्रीय संगीत पैमाने) मे संगीतकार महेश महादेव द्वारा निर्मित [1] एक राग है। [2] 'भारत रत्न' पंडित भीमसेन जोशी और (BHIM) तानसेन (SEN) के नाम पर रचिहुयि राग है। [3] यह कर्नाटक संगीत की 72 मेलाकर्ता रागम प्रणाली में 11वें मेलाकर्ता राग कोकिलाप्रिया का जन्य राग है। महेश महादेव ने दो हिंदुस्तानी बंदिश और मीरा भजन की रचना करके इस राग को भारतीय शास्त्रीय संगीत से परिचित कराया। [3] [4]
संरचना और लक्षन
संपादित करेंभीमसेन एक असमपूर्ण राग (असममित पैमाना) है जिसमें आरोहण मे ऋषभ और धैवत शामिल नहीं हैं। यह एक ऑडव-सम्पूर्ण राग (उड्डव राग है। इस राग का आरोह और अवरोह इस प्रकार है। [3]
- आरोह : स ग₂ म₁ प नि₃ स
- अवरोह : स नि₃ द₂ प म₁ ग₂ रि₁ स [4]
इस राग में प्रयोग किये जाने वाले स्वर हैं- आरोहणम में शाद्ज, साधरण गंधार, शुद्ध मध्यम, काकली निषाद और राग के अवरोहणम में ऋषभ और चतुस्रुति धैवत जोड़े गए हैं। यह औडव-सम्पूर्ण राग है।
रचनाएं
संपादित करें- जयतीर्थ मेवुंडी द्वारा गाये गए महेश महादेव द्वारा लिखित और संगीतबद्ध 'गिरिधर गोपाल श्याम ' रूपकटाल, विलम्बिथ और मध्यालय बंदिश
- 'मन के मंदिर आयोरे ' तीनताल द्रुत बंदिश महेश महादेव द्वारा लिखित और संगीतबद्ध जयतीर्थ मेवुंडी द्वारा गाया गया
टिप्पणियाँ
संपादित करें- ↑ "Bengaluru composer creating new ragas". Deccan Herald (अंग्रेज़ी में). 2021-08-10. अभिगमन तिथि 2023-01-13.
- ↑ Mary, S. B. Vijaya (2021-08-05). "Mahesh Mahadev's experiments with ragas". The Hindu (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2023-01-23.
- ↑ अ आ इ Bharatiya Samagana Sabha (2018-07-09). Saamagana Indian Classical Music Magazine July 2018 - India’s Monthly Classical Music Magazine. सन्दर्भ त्रुटि:
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अमान्य टैग है; ":1" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ अ आ "Bhimsen Raga - A Raga Discovered by Mahesh Mahadev" (अंग्रेज़ी में). 2021-07-17. अभिगमन तिथि 2023-01-23. सन्दर्भ त्रुटि:
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