भारत के विश्व धरोहर स्थल

युनेस्को द्वारा घोषित प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक महत्व के स्थल


युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेखयुनेस्को के तत्वाधान में करती है।

भारत का राष्ट्रध्वज
यूनेस्को का लोगो

इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (अक्टूबर 2023 तक) पूरी दुनिया में लगभग 1199 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 933 सांस्कृतिक, 227 प्राकृतिक, 39 मिश्रित (सांस्कृतिक और प्राकृतिक दोनों) स्थल हैं।

अभी तक भारत में 43(35+7+1) विश्व विरासत स्थल है भारत का जनवरी 2024 तक में यूनेस्को शामिल अंतिम स्थल मोइदम है जो अहोम राजवंश का कब्रिस्तान है और असम में स्थित हैं तथा 42 वा कच्छ के रन में स्थित धौलावीरा है, जिसे जनवरी 2020 में शामिल किया गया था । यह हड़प्पा कालीन एक नगर था

यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किए गए भारत में स्थित सांस्‍कृतिक और प्राकृतिक स्‍थलों की विश्व विरासत स्थल सूची[1]

धरोहर स्थल चित्र घोषित होने का वर्ष स्थान, राज्य मानदंड विवरण
अजंता गुफाएँ १९८३ औरंगाबाद, महाराष्ट्र 242; 1983; i, ii, iii, vi
आगरा का किला १९८३ आगरा, उत्तर प्रदेश
ताज महल १९८३ आगरा, उत्तर प्रदेश
एलोरा गुफाएं १९८३ महाराष्ट्र
कोणार्क सूर्य मंदिर १९८४ ओडिशा
महाबलिपुरम के स्मारक समुह १९८४ तमिलनाडु
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान १९८५ राजस्थान
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान १९८५ असम
मानस राष्ट्रीय उद्यान १९८५ असम
गोवा के गिरजाघर एवं कॉन्वेंट १९८६ गोवा
हम्पी १९८६ कर्नाटक
फतेहपुर सीकरी १९८६ उत्तर प्रदेश
खजुराहो स्मारक समूह १९८६ मध्य प्रदेश
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान १९८७ पश्चिम बंगाल
एलिफेंटा की गुफाएँ १९८७ महाराष्ट्र
पत्तदकल १९८७ कर्नाटक
महान चोल मंदिर १९८७ तमिलनाडु
नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान एवं फूलों की घाटी १९८८, २००५ उत्तराखण्ड
साँची के बौद्ध स्तूप १९८९ मध्य प्रदेश
हुमायूँ का मकबरा १९९३ दिल्ली
कुतुब मीनार एवं अन्य स्मारक १९९३ दिल्ली
भारतीय पर्वतीय रेल, दार्जिलिंग १९९९ पश्चिम बंगाल 944ter; ii, iv (सांस्कृतिक)
बोधगया का महाबोधि विहार २००२ बिहार
भीमबेटका शैलाश्रय २००३ मध्य प्रदेश
चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान २००४ गुजरात
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस २००४ महाराष्ट्र
दिल्ली का लाल किला २००७ दिल्ली
जंतर मंतर, जयपुर २०१० राजस्थान
पश्चिमी घाट २०१२ महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल
राजस्थान के पहाड़ी दुर्ग २०१३ राजस्थान राजस्थान के पहाड़ी दुर्ग, राजस्थान की अरावली पर्वतमाला में स्थित विभिन्न स्थलों की श्रंखला है। वे एक राजपूती सैन्य पहाड़ी स्थापत्य-कला का नमूना पेश करते हैं, जिनकी पहचान उनके पहाड़ी शिखरों पर स्थित होने, वहां के भौगोलिक स्थिति का रक्षात्मक उपयोग करने से होती है। राजस्थान के ये दुर्ग, व्यापक श्रृंखला के भौगोलिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में स्थित मजबूत राजपूत सैन्य शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन दुर्गों से राजपूत रक्षात्मक वास्तुकला के विकास का अंदाज़ा लगाया जा सकता है तथा ये राजपूत सैन्य वास्तुकला के उदाहरण हैं। राजपूत दुर्ग अपने बेमिसाल स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध हैं। अक्सर, उनकी सीमा में कई बड़े क्षेत्र, यहां तक कि कई गांव भी सुरक्षा दीवारों के भीतर आ जाते हैं। इन दुर्गों में चित्तौड़ दुर्ग, कुंभलगढ़ दुर्ग, रणथंभौर दुर्ग, गागरोन दुर्ग, आमेर दुर्ग तथा जैसलमेर दुर्ग आते हैं। इन किलों के परिसरों में महल, हिंदू और जैन मंदिर, शहरी केंद्र और व्यापारिक केंद्र शामिल हैं।
ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान २०१४ हिमाचल प्रदेश
रानी की वाव २०१४ गुजरात
नालन्दा महाविहार (नालंदा विश्वविद्यालय) २०१६ बिहार बिहार में नालंदा पुरातत्व साइट सीखने का एक केंद्र और 13 वीं सदी के लिए 3 शताब्दी ईसा पूर्व से एक बौद्ध मठ था
कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान २०१६ सिक्किम भारत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान और एक बायोस्फीयर रिज़र्व है.
ली कोर्बुज़िए के वास्तुशिल्प २०१६ चंडीगढ़ चंडीगढ़ की राजधानी परिसर सहित कई देशों भर ली कोर्बुज़िए के वास्तुशिल्प काम आधुनिक आंदोलन के लिए उत्कृष्ट योगदान के हिस्से के रूप में एक विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी.
अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर २०१७ गुजरात गुजरात की 606 साल पुरानी सिटी अहमदाबाद अब विश्व धरोहर सिटी के नाम से जानी जाएगी.
मुंबई का विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल २०१८ मुंबई भारत के ‘मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल्स‘ को यूनेस्को की विश्व धरोहर संपदा की सूची में अंकित किया गया. यह निर्णय बहरीन के मनामा में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 42वें सत्र में लिया गया।
गुलाबी शहर 2019 जयपुर 1605; ii, iv, vi (सांस्कृतिक) यूनेस्को ने शनिवार दोपहर ट्वीट किया, भारत के राजस्थान में जयपुर शहर को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के तौर पर चिन्हित किया गया। बाकू (अजरबैजान) में 30 जून से 10 जुलाई तक यूनेस्को की विश्व धरोहर कमेटी के 43 वें सत्र के बाद इसकी घोषणा की गयी।
रामप्पा मंदिर 2021 तेलंगाना 1570; i, iii (सांस्कृतिक) काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर, वारंगल तेलंगाना ;यह मंदिर काकतीय वंश के राजा प्रताप रुद्रदेव ने बनवाया था तथा इसके वास्तुकार रामप्पा थे,25 जुलाई, 2021 को तेलंगाना राज्य के मुलुगु जिले के पालमपेट गांव में अवस्थित इस मंदिर को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की घोषणा की गई। यह भगवान शिव + विष्णु + सूर्य का मंदिर है
धोलावीरा 2021 गुजरात 1645; iii, iv (सांस्कृतिक) यह हड़पा सभ्यता का ऐतिहासिक स्थल है।
शान्तिनिकेतन 2023 पश्चिम बंगाल 1375; iv, vi (सांस्कृतिक) शान्तिनिकेतन 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध में देवेन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा स्थापित एक आश्रम है। बाद में इसे विश्व-भारती विश्वविद्यालय के लिए विश्वविद्यालय कस्बे के रूप में विकसित किया गया।
होयसल मंदिर समूह 2023 कर्नाटक 1670; i, ii, iv (सांस्कृतिक) इसमें दो स्मारक (बेलूर और हलेबीडु), सोमनाथपुरा का केशव मंदिर शामिल हैं। ये 11वीं से 14वीं सदी के मध्य होयसल साम्राज्य में हुआ। होयसाल वास्तु-शैली में द्रविड़ स्थापत्य शैली और उत्तर भारतीय शैलियों का मिश्रित रूप है।

प्रस्तावित धरोहरों की सूची

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विश्व धरोहर सूची में अंकित ४० स्थलों के अलावा, मान्यता के लिए प्रस्तावित धरोहरों की यह सूची है जो मूल्यांकन और स्वीकृति के लिए यूनेस्को समिति को प्रस्तुत की गई है। विश्व धरोहर सूची के लिए नामांकन स्वीकार करने के लिए वरीयता देने की यह प्रक्रिया आवस्यक है।

  1. "'यूनेस्‍को' की सूची में स्‍मारकों को शामिल किया जाना". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 14 फ़रवरी 2014. मूल से 22 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 फ़रवरी 2014.
  2. "धोलावीरा", विकिपीडिया, 2021-08-26, अभिगमन तिथि 2022-03-07

बाहरी कड़ियाँ

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