भारतीय नौवहन निगम
भारतीय नौवहन निगम (shipping Corporation of India या SCI) (हिन्दी: भारतीय नौवहन निगम) (BSE: 523598) एक भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की जहाजरानी कंपनी है। यह भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय नौवहन हेतु जहाज चलाती है।
कंपनी प्रकार | सरकारी (BSE:SCI) |
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उद्योग | जहाजरानी |
स्थापित | मुंबई, १९६१ |
मुख्यालय | निगमित मुख्यालय, मैडम कामा मार्ग, मुंबई ४०० ०२१, भारत |
प्रमुख लोग | कप्तान अनूप कुमार शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक |
वेबसाइट | www.shipindia.com |
भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड (एससीआई) की स्थापना दिनांक 2 अक्टूबर 1961 को ईस्टर्न शिपिंग कॉर्पोरेशन तथा वेस्टर्न शिपिंग कॉर्पोरेशन का समामेलन कर हुई थी। कंपनी की अधिकृत पूंजी 450 करोड़ रुपए और चुकता पूंजी 282.30 करोड़ रुपए थी। 18 सितंबर 1992 को कंपनी का दर्जा 'प्राइवेट लिमिटेड' से बदलकर 'पब्लिक लिमिटेड' कर दिया गया। कंपनी को भारत सरकार ने 24 फ़रवरी 2000 को 'मिनी रत्न' का खिताब दिया। कंपनी की 80.12 प्रतिशत शेयर पूंजी सरकार के पास है, जबकि शेष पूंजी वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और अन्य निकायों, अनिवासी भारतीयों, कॉर्पोरेट निकायों आदि के पास है।
केवल 19 जहाजों को लेकर एक लाइनर शिपिंग कंपनी की शुरुआत हुई थी और आज एससीआई के पास कुल 4.6 मिलियन डीडब्ल्यूटी के 83 जहाज हैं। एससीआई का शिपिंग व्यापार में 10 विविध खंडों में भी व्यापार फैला हुआ है। गत चार दशकों की यात्रा करने के बाद एससीआई ने विश्व के समुद्री नक्शे पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है|
देश की एक प्रमुख कंपनी होने के नाते एससीआई, स्वामित्ववाले और भाड़े पर जहाज परिचालित करती हैं, जो भारतीय टनेज का लगभग 35 हिस्सा है और व्यावहारिक तौर पर नौवहन व्यापार के सभी क्षेत्रों में अपना कारोबार करती है जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है|
भारतीय व्यापार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, एससीआई ने विभिन्न क्षेत्रों में विशाखन किया है। एससीआई आज एकमात्र शिपिंग कंपनी है, जो ब्रेक बल्क सेवा, अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर सेवा, लिक्विड/ड्राय बल्क सेवा, तटदूर सेवा, यात्री सेवा आदि का परिचालन करती है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों की ओर से बड़ी संख्या में जहाजों का जनबल एवं प्रबंध कार्य भी संभालती है|
एससीआई ने भारत के आयात-निर्यात व्यापार में तथा देश के लिए बहुमूल्य विदेशी मुद्रा अर्जित कर और बचाकर राष्ट्रीय मुद्रा कोष में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया है|