भारतीय चिकित्सा परिषद
भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (Medical Council of India) की स्थापना, भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् अधिनियम, 1933 के अंतर्गत 1934 में की गई थी। इसका मुख्य कार्य चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा हेतु तथा भारत व विदेशों की चिकित्सा योग्यता की मान्यता के लिए समान मानकों को स्थापित करना था, अब इसे निरस्त कर दिया गया है।
संक्षेपाक्षर | MCI |
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स्थापना | 1933 |
मुख्यालय | नयी दिल्ली |
मुख्य अंग |
Council |
संबद्धता | स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय |
जालस्थल | आधिकारिक जालघर |
टिप्पणियाँ | डॉ जयश्रीबेन मेहता (अध्यक्ष) |
भारत में स्वतन्त्रता के पश्चात मेडिकल कॉलेजों की संख्या में निरंतर वृद्धि होती रही है। इसलिए यह महसूस किया गया कि देश में चिकित्सा शिक्षा में तेजी से हो रहे विकास और प्रगति के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् अधिनियम के प्रावधान पर्याप्त नहीं थे। परिणामस्वरूप, 1956 में पुराने अधिनियम को निरस्त कर दिया गया और एक नया अधिनियम बनाया गया। इस अधिनियम को आगे भी 1964, 1993 और 2001 में संशोधित किया गया।
उद्देश्य
संपादित करेंइस परिषद् के उद्देश्य निम्नानुसार हैं :-
- चिकित्सक शिक्षा में स्नातक पूर्व और स्नातकोत्तर दोनों स्तर पर एक समान मानकों को बनाए रखना,
- भारत के या विदेशों के मेडिकल संस्थानों की चिकित्सकीय योग्यता की मान्यता / अमान्यता के लिए सिफारिश करना,
- मान्यताप्राप्त चिकित्सा योग्यता रखने वाले डॉक्टरों का स्थायी पंजीकरण/ अस्थायी पंजीकरण करना,
- चिकित्सकीय योग्यता की पारस्परिक मान्यता के मामले में विदेशी देशों के साथ पारस्परिक आदान-प्रदान बनाना।
विवाद
संपादित करें22 अप्रैल 2010 को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष केतन देसाई की गिरफ्तारी के बाद भारत के राष्ट्रपति ने 15 मई 2010 को MCI को भंग कर दिया। सीबीआई ने देसाई के परिसरों से 1.5 किलोग्राम सोना और 80 किलो चांदी बरामद की थी। इसके अलावा, अहमदाबाद में देसाई के बैंक लॉकरों से 35 लाख का सोना बरामद किया गया। बी जे मेडिकल कॉलेज में मूत्रविज्ञान के प्रमुख और गुजरात मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष केतन देसाई को सीबीआई ने एक निजी कॉलेज को मान्यता देने के लिए 2 करोड़ की रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा था। उन्हें तुरंत मेडिकल काउंसिल से हटा दिया गया और उनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया।
06 जनवरी 2019 को लोकसभा ने भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, 2018 पारित कर दिया। विधेयक, प्रख्यात पेशेवरों के एक पैनल को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया चलाने की अनुमति देगा, ताकि चिकित्सा शिक्षा को सर्वोत्तम तरीके से विनियमित किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि इस विधेयक ने एमसीआई और बोर्ड की शक्तियों को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में निहित कर दिया है। यह बोर्ड परिषद का गठन होने तक अपना काम करेगा। भारतीय चिकित्सा परिषद को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से प्रतिस्थापित करने वाला एक अन्य विधेयक संसद में लंबित है।[1]
- एमसीआई ऑनलाइन
एमसीआई ऑनलाइन (MCIOnline)यह पंजीकरण के लिए आवेदनों की ऑनलाइन प्रसंस्करण (चिकित्सा योग्यता में) के लिए और व्यावसायिक प्रमाणपत्रों के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद का पोर्टल है। "MCI ऑनलाइन" भारतीय मेडिकल रेजिस्टेंट की ऑनलाइन खोज भी प्रदान करता है।
सन्दर्भ
संपादित करेंइन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Medical Council of India Archived 2009-11-03 at the वेबैक मशीन Official internet site
- भारतीय चिकत्सा केन्द्रीय परिषद अधिनियम,1970
- भारतीय चिकित्सा पध्दतियां और होम्योपैथी-आयुष शिक्षा का विकास
- Online Registration of Medical Professionals Archived 2009-07-22 at the वेबैक मशीन
- Medical Council of India College Database Archived 2008-07-24 at the वेबैक मशीन
- Orkut MCI community Archived 2008-10-14 at the वेबैक मशीन
- MCI party to med colleges